UP : दिवाली से पहले बिजली हो सकती है महंगी! जल्द हो सकती है नई बिजली दरों की घोषणा....
क्या दिवाली से पहले उत्तर प्रदेश के लोगों को महंगी बिजली का झटका लगने वाला है? बताया जा रहा है कि इस हफ्ते बिजली की नई दरों का ऐलान हो सकता है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग दरों को अंतिम रूप देने में जुटा है।
Oct 8, 2024, 09:00 IST
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उत्तर प्रदेश में जल्द ही बिजली की नई दरों का ऐलान हो सकता है। जिसके लिए उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग दरों को अंतिम रूप देने में जुटा हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि बिजली महंगी हो सकती है। हालांकि कहा जा रहा है कि बिजली महंगी होने की बिल्कुल भी संभावना नहीं है। READ ALSO:-UP : 'किसी भी धर्म के महापुरुषों का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा', यति नरसिंहानंद पर मचे बवाल के बीच बोले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
इस बीच उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर सरकार से मौजूदा बिजली दरों में कमी की मांग की है। यह मांग उपभोक्ताओं के बिजली कंपनियों पर 33,122 करोड़ रुपये के सरप्लस के एवज में की गई है।
रिपोर्ट्स की मानें तो नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम 2003 के तहत बिजली कंपनियों द्वारा दाखिल एआरआर (Annual Revenue Requirement) प्रस्ताव को स्वीकार करने के 120 दिनों के भीतर बिजली दर की घोषणा करनी होती है। 120 दिन का समय इसी सप्ताह पूरा हो रहा है।
जल्द जारी हो सकता है आदेश
रिपोर्ट्स की मानें तो आयोग दरों पर अंतिम फैसला लेकर तीन-चार दिनों में आदेश जारी कर देगा। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के अनुसार हाल ही में उन्होंने टैरिफ निर्धारण को लेकर राज्य सलाहकार समिति में दरों में कमी की मांग की थी। यह मांग बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का करीब 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस होने के आधार पर की गई है।
रिपोर्ट्स की मानें तो आयोग दरों पर अंतिम फैसला लेकर तीन-चार दिनों में आदेश जारी कर देगा। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के अनुसार हाल ही में उन्होंने टैरिफ निर्धारण को लेकर राज्य सलाहकार समिति में दरों में कमी की मांग की थी। यह मांग बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का करीब 33,122 करोड़ रुपये सरप्लस होने के आधार पर की गई है।
क्या चाहता है पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन?
हालांकि, अपनी खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन दरों में कमी नहीं करना चाहता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
हालांकि, अपनी खराब वित्तीय स्थिति का हवाला देकर पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन दरों में कमी नहीं करना चाहता है। ऐसे में उपभोक्ताओं को कोई राहत नहीं मिल पा रही है।
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष की मानें तो जब नोएडा पावर कंपनी पर उपभोक्ताओं का करीब 1000 करोड़ रुपये सरप्लस था, तब बिजली दरों में 10 फीसदी की कटौती की गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि प्रदेश की अन्य बिजली कंपनियों में यह प्रक्रिया क्यों नहीं लागू की जा रही है?