नेमप्लेट पर सुप्रीम कोर्ट का अंतरिम आदेश, नहीं लिखना होगा नाम, योगी सरकार ने क्या दलीलें दीं? कोर्ट ने UP-उत्तराखंड से मांगा जवाब
उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को अंतरिम रोक लगा दी थी। तब शीर्ष अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में कहा था कि दुकानदारों को अपनी पहचान उजागर करने की जरूरत नहीं होगी।
Jul 26, 2024, 15:03 IST
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उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर नेमप्लेट लगाने पर रोक सुप्रीम कोर्ट के अगले आदेश तक जारी रहेगी। इसका मतलब है कि होटल, ढाबे, रेस्टोरेंट और दुकानों पर नाम नहीं लिखे जा सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों संबंधित राज्य सरकारों को जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है। इसके बाद याचिकाकर्ताओं को एक हफ्ते में जवाबी हलफनामा दाखिल करना होगा। READ ALSO:-जज साहब! वेश्यालय चलाना है...कृपया इजाजत दें दीजिए, मद्रास हाईकोर्ट तक पहुंची एक अनोखी याचिका
अगली सुनवाई 5 हफ्ते बाद 5 अगस्त को होगी। आज मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने 22 जुलाई के अपने आदेश में वो सब कह दिया है जो कहने की जरूरत थी। हम किसी को नाम बताने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। पुलिस ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है। इसलिए नेमप्लेट पर रोक वाला आदेश अगली सुनवाई के लिए तय तारीख 5 अगस्त तक प्रभावी रहेगा।
Kanwar Yatra | The Supreme Court continues its interim order of staying directives issued by authorities of certain State governments that eateries along the Kanwar Yatra route should display the names of the owners outside such shops.
— ANI (@ANI) July 26, 2024
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज सुबह हलफनामा दाखिल किया सुप्रीम कोर्ट ने 22 जुलाई को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। कांवड़ यात्रा मामले में योगी सरकार ने आज सुबह हलफनामा दाखिल किया। इसमें योगी सरकार ने कांवड़ मार्ग पर दुकान मालिकों के नाम लिखने के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में राज्य सरकार ने कहा है कि:----
कांवड़ियों की शिकायतों के बाद ही ये निर्देश लाए गए हैं।
- ये निर्देश कांवड़ यात्रा के दौरान शांति, सुरक्षा और व्यापक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हैं।
- यात्रा में बड़ी संख्या में कांवड़ियों के शामिल होने और सांप्रदायिक तनाव की संभावना को देखते हुए सार्वजनिक सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह निर्देश दिया गया है।
- कांवड़ियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा के दौरान उनके द्वारा खाए जाने वाले भोजन को लेकर पारदर्शिता के लिए यह निर्देश दिया गया है।
- कांवड़ियों को पता होना चाहिए कि वे क्या खा रहे हैं और कहां खा रहे हैं? इसके लिए यह निर्देश जारी किया गया है।