उत्तरप्रदेश में और गहरा सकता है बिजली संकट, सीएम योगी ने बुलाई सभी जिलों के DM और यूपी पावर कॉरपोरेशन की आपात बैठक

 | 
electricity crisis in up
UP ELECTRICITY CRISIS : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बिजली संकट (ELECTRICITY CRISIS) चिंता बढ़ा रहा है। कोयले की कमी से कई पावर स्टेशंस (UP Power Station) पर बिजली उत्पादन नहीं हो पा रहा है। लोगों से बिजली कम खर्च करने की अपील की जा रही है तो बिजली कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है। हालात को देखते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री सीएम योगी (CM Yogi Adityanath) ने सभी यूपी पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UP Power Corporation Ltd.) की औचक बैठक बुलाई है। इस बैठक में सभी जिलों के जिला अधिकारियों को भी वर्चुअल तौर पर जुड़ने के लिए कहा गया है। इससे पहले सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) को पत्र लिखकर राज्य में कोयले की आपूर्ति सामान्य कराने और प्रदेश को अतिरिक्त बिजली उपलब्ध कराने का आग्रह किया था। 

 

2.5 दिन का कोयला शेष

इस बीच चिंता की खबर यह है कि राज्य विद्युत उत्पादन निगम के ज्यादातर पावर प्लांटों के पास अधिकतम 2.5 दिन का कोयला बचा है। वहीं चिंता की बात यह है कि इनमें से भी ज्यादातर पावर प्लांटों के पास महज 1 दिन का कोयला ही स्टॉक में है। इससे पहले ही प्रदेश के 8 पावर प्लांट कोयले की कमी के कारण बंद हो चुके हैं, ऐसे में अगर इन पॉवर प्लांटों पर जल्द कोयले की आपूर्ति नहीं हुई तो पूरे राज्य की में भीषण बिजली का संकट खड़ा हो जाएगा। उत्तर प्रदेश की हरदुआगंज इकाई में 610 के बजाय महज 230 मेगावाट जबकि पारीछा में 920 मेगावाट क्षमता के बजाय मात्र 320 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। Read Also : घर लाएं खुशियों का पिटारा, घर बैठे ऑर्डर करें ये Home Appliances; बाजार से कम कीमत साथ में तगड़ा डिस्काउंट

 

4000 मेगावॉट कम बिजली की सप्लाई

कोयले की कमी के कारण बिजली उत्पादन घटने के कारण पावर कॉरपोरेशन मांग के मुकाबले करीब 4000 मेगावॉट कम बिजली की सप्लाई कर पा रहा है। वर्तमान में उत्तरप्रदेश में बिजली की मांग 20,000 से 21,000 मेगावॉट के बीच है, लेकिन सप्लाई सिर्फ 17,000 मेगावॉट ही हो पा रही है। इस कारण गांवों में 18 घंटे की जगह 9 से 14 घंटे ही बिजली सप्लाई हो पा रही है। वहीं, शहरों में भी अघोषित कट लग रहे हैं।

 

6000 मेगावॉट उत्पादन की आई कमी

दरअसल उत्तरप्रदेश में उत्तरप्रदेश की बिजली व्यवस्था उत्पादन निगम के चार बिजलीघरों के साथ ही एनटीपीसी के डेढ़ दर्जन बिजली घरों और निजी क्षेत्र के 8 बिजली घरों पर निर्भर है। इन प्लांटों में से 2600 मेगावॉट की आठ यूनिटें पहले ही कोयले की वजह से बंद हैं, जबकि एक दर्जन से ज्यादा यूनिटों में तकनीकि कारणों से कार्य प्रभावित है। ऐसे में प्रदेश के बिजली उत्पादन में 6000 मेगावाट की कमी आ गई है। वहीं अब कोयले की कमी ने संकट को और ज्यादा बढ़ा दिया है। Read Also : ₹1000 से भी कम कीमत में मिल रहे हैं ब्रांडेड कंपनियों के Earbuds, गजब की साउंड क्वालिटी और लंबी बैटरी लाइफ जैसे फीचर्स

 

यह है यूपी के बिजली सयंत्रों की स्थिति

उत्तर प्रदेश में सरकार के स्वामित्व वाले चार बड़े पन-बिजली संयंत्रों में से पारीछा और हरदुआगंज में केवल आधे दिन का कोयला बाकी रह गया है। ओबरा और अनपरा में भी मात्र दो दिन का कोयला ही बाकी रह गया है। इसके अलावा लैंको और रोजा समेत सभी निजी बिजली उत्पादन इकाइयों में भी शून्य से अधिकतम तीन दिन तक का ही कोयला उपलब्ध है। जबकि नियम के मुताबिक कोयला खदान के पास स्थित बिजली संयंत्रों में कम से कम सात दिन का तथा दूर स्थित संयंत्रों में कम से कम 15 दिन का कोयले का भंडार रहना चाहिए।  Read Also : लेना है 10 हजार से कम कीमत का स्मार्टफोन तो देखें लिस्ट, बेहतरीन फीचर्स से हैं लैस; Amazon पर मिल रहा शानदार डिस्काउंट

 

 

कोल इंडिया का 1500 करोड़ बकाया

उत्तर प्रदेश में हालात और भी गंभीर इसलिए हो गए हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश पर कोल इंडिया का करीब 1500 करोड़ रुपए का बकाया है। ऐसे में कोल इंडिया ने तय किया है कि जिन प्लांटों का पेमेंट होगा उन्हें ही पहले कोयले की सप्लाई की जाएगी। वहीं उसने उत्तर प्रदेश को वरीयता सूची में तीसरे नंबर पर डाल दिया है। जिसके चलते हाल फिलहाल में हालात सामान्य होने के आसार नजर नहीं आते हैं। 

 

क्यों आई आया बिजली संकट

कोल इंडिया के कोयले के उत्पादन में बहुत ज्यादा गिरावट आई है। दरअसल ईस्टर्न कोलफील्ड (सिंगरौली, झारखंड और बिहार में) और सेंट्रल कोलफील्ड (मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़) में सितंबर के अंत तक बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण कोयला खदानों में पानी भर गया है। जिसके कारण कोयले का उत्पादन रुक गया है। मौजूदा हालत यह है कि प्रतिदिन 25 लाख मीट्रिक टन की आवश्यकता की तुलना में मात्र 16 लाख 50 हजार मीट्रिक टन कोयले की आपूर्ति हो रही है।

 

दशहरे से पहले आपूर्ति पर्याप्त नहीं

ठप यूनिटों में ललितपुर, हरदुआगंज और पारीछा की दो-दो जबकि रोजा और ऊंचाहार की एक-एक यूनिट शामिल है। इन प्लांटों को दशहरे से पहले कोयले की पर्याप्त आपूर्ति होने के आसार अभी कम हैं।

 

केंद्र सरकार का दावा, कोयला भरपूर

कोयला मंत्रालय ने रविवार को स्पष्ट किया कि देश में बिजली प्लांटों की मांग को पूरा करने के लिए भरपूर कोयला उपलब्ध है। बिजली आपूर्ति में रुकावट का डर गलत है। प्लांटों में कोयले का स्टॉक चार दिनों की जरूरत के लिए भरपूर है। स्टॉक में धीरे-धीरे सुधार होगा। उधर, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र कोयला संकट की बात स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। हर समस्या के प्रति आंखें मूंद लेने की उसकी नीति देश के लिए घातक साबित हो सकती है। ऑक्सिजन की कमी के वक्त भी ऐसा ही किया गया था। वहीं, केरल के बिजली मंत्री के कृष्णनकुट्टी ने कहा कि चार ताप विद्युत स्टेशन बंद होने से राज्य पिछले कुछ दिनों से केंद्रीय पूल से 15% बिजली की कमी का सामना कर रहा है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने केंद्र से कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।