Meerut : UP से लेकर उत्तराखंड तक फैला फर्जी मैरिज ब्यूरो का नेटवर्क, रोजाना 7 से 8 लोगों को ठगने का टारगेट; बहनों और पत्नी के साथ चला रहा था नेटवर्क

मेरठ में फर्जी मैरिज ब्यूरो चलाकर लोगों को ठगने का नेटवर्क न सिर्फ वेस्ट यूपी बल्कि उत्तराखंड तक फैल चुका है। फर्जी मैरिज ब्यूरो के झांसे में फंसाकर लोगों से पैसे और जेवरात वसूले जा रहे थे। गिरोह का मुखिया अपनी पत्नी और परिवार वालों के साथ मिल कर ठगी कर रहा था।
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मेरठ में फर्जी मैरिज ब्यूरो चलाकर लोगों को ठगने और उनसे पैसे ऐंठने का नेटवर्क न सिर्फ पश्चमी उत्तर प्रदेश बल्कि उत्तराखंड तक फैल चुका है। फर्जी मैरिज ब्यूरो के झांसे में फंसाकर लोगों से पैसे और जेवरात वसूले जा रहे थे। गिरोह का मुखिया अपनी पत्नी और परिवार वालों के साथ मिल कर ठगी कर रहा था। चार महीने में 100 लोगों से ठगी हो चुकी है। लड़के-लड़कियों का यह गिरोह ग्राहक को शादी का झांसा देकर पहले विश्वास में लेता था। इसके बाद वह लड़कियों को दिखाता था। लड़की को पसंद करने के बाद रिश्ता पक्का करने के नाम पर पैसों का सौदा करता था। इसके बाद यह गिरोह अपना नंबर और ठिकाना बदल लेता था।READ ALSO:-मेरठ में शादी के नाम पर गाजियाबाद के युवक को ठगा, फर्जी मैरिज ब्यूरो का पर्दाफाश, पायल और पैसे लेकर शादी से किया इनकार, तीन गिरफ्तार

 

फर्जी मैरिज ब्यूरो के इस जाल में मेरठ समेत उत्तराखंड के लड़के-लड़कियां फंस गए। मेरठ पुलिस ने रविवार को इस गिरोह को पकड़ा। पुलिस ने तीन लड़कियों हिमानी, साक्षी और शिवानी को गिरफ्तार किया है। मुख्य गैंगस्टर आशु और चिराग फरार हैं। युवतियों से पूछताछ में कई सच सामने आए हैं। इनके आधार पर पुलिस जांच कर रही है। वहीं फरार गैंग सरगना व एक अन्य युवक की तलाश की जा रही है.

 

ऑनलाइन विज्ञापन के जाल में फंसे कुंवारे लड़के
मेडिकल थाना क्षेत्र के शादी संगीत नाम के इस मैरिज ब्यूरो में मौके पर 3 लड़के, 3 लड़कियां काम करते मिले हैं। ये लोग ऑनलाइन वैवाहिक विज्ञापन दिखाकर अविवाहित लड़के-लड़कियों को फंसाते हैं। उनका मुख्य लक्ष्य कुंवारे लड़के होते। दूसरा लक्ष्य पैसे वाले लोग, व्यवसायी जो शादी नहीं कर रहे हैं, या जो तलाकशुदा हैं और पुनर्विवाह करना चाहते हैं। ऑनलाइन विज्ञापन देखकर ऐसे लोगों ने इस वैवाहिक कंपनी से ऑनलाइन ही संपर्क किया होगा।

 

हर ग्राहक को उन्हीं लड़कियों की फोटो दिखाता था 
कंपनी ने अपनी जगह 3 लड़कियों को हायर किया है। हर ग्राहक को उन्हीं लड़कियों की तस्वीर दिखाई गई। गाजियाबाद के रामानंद भी उन्हीं लड़कियों की तस्वीरें देख कर प्रभावित हुआ। रामानंद जब ऑफिस पहुंचा तो उस ने जिस लड़की से रिश्ता तय किया था, वही दूसरी पार्टी भी फिर से उसी लड़की से रिश्ता पक्का कर रही थी। फर्जी मैरिज ब्यूरो बार-बार हर ग्राहक के सामने एक ही लड़की को दिखाते थे।

 

मेरठ में कराते थे मीटिंग
फोटो दिखाने के बाद जब लड़के को लड़की पसंद आ जाती थी तो ये गिरोह ग्राहक को मेरठ स्थित ऑफिस बुला लेते थे। मेरठ में युवती से आमने-सामने बात कर रिश्ता तय करने के लिए ग्राहक समेत उसके परिवार को फोन किया। ग्राहक मेरठ स्थित मैरिज ब्यूरो के दफ्तर आता और लड़की से अकेले में बात करता। लड़का-लड़की के मिलने के बाद अगर लड़का लड़की को पसंद करता तो रिश्ता फाइनल हो जाता।

 

फर्जी मैरिज ब्यूरो चलाने में शामिल लड़कियां ग्राहकों के सामने कुंवारी बनकर जाती थीं। यह गैंग पिछले 4 महीने से ठगी कर रहा है। अब तक वह शादी के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों से ठगी कर चुका है। जिस जगह पर मेडिकल थाना पुलिस ने इस मैरिज ब्यूरो को पकड़ा है, उसने एक महीने पहले ही ऑफिस बनाया है। इसके अलावा मेडिकल थाना क्षेत्र के 2 किमी के दायरे में कार्यालय बदलते रहते हैं। इस गैंग द्वारा बदला गया यह तीसरा ऑफिस है।

 

अपनी पत्नी और बहनों के साथ मिल कर ठगी करता था 
आशु इस पूरे गिरोह का सरगना है। जाग्रति विहार मेरठ निवासी आशु अपनी पत्नी शिवानी व बहन साक्षी, कनिका के साथ मिलकर यह ठगी कर रहा था। पुलिस पूछताछ में शिवानी ने यह पूरी कहानी पुलिस को बता दी। उसने बताया कि आशु उसका पति है। ये दोनों लड़कियां आशु की बहनें हैं। नौकरी दिलाने के नाम पर उसने तीन महीने पहले अपने भाई चिराग उर्फ चेतन को भी अपने साथ जोड़ लिया। आशु रिश्ता तय करेगा और चिराग पंडित की भूमिका निभाएगा। हम ग्राहकों को इन लड़कियों की तस्वीरें दिखाते थे। रविवार को छापेमारी की सूचना मिलते ही आशु व चेतन फरार हो गए।

 

रोके के नाम पर लिया करते थे पैसे और जेवर 
लड़की फाइनल होने के बाद इस गिरोह के ठगी का असली खेल शुरू होता। यह गैंग लड़की को रोकने (एक रस्म) के लिए 10 हजार रुपये से ज्यादा की मांग करता था। सामने वाले के पास जितने पैसे होते, उसी हिसाब से रोका के लिए पैसे मांगते। साथ ही युवती को पायल व जेवर देकर रिश्ता पक्की करने की मांग करते थे। ग्राहक इन लोगों की बातों में आ जाता और पैसे और पायल देकर उन्हें रोका कर लेता था । रोका के 5 दिन बाद वह मेरठ आ कर शादी करवाने की बात करते थे।

 

5 दिन रुकने के बाद जब ग्राहक अपने परिवार के साथ मेरठ में शादी करने आता था तो ये लोग उसे धमकाते थे। अगर ग्राहक बात करना चाहता तो वह फोन नंबर स्विच ऑफ कर देता और कई बार नंबर बदल लेता था। आसपास के ग्राहक आकर ब्यूरो से संपर्क करते। लेकिन, दूर का ग्राहक यहां नहीं आ सकता। अगर ग्राहक मेरठ भी आता तो जान से मारने की धमकी देकर मुंह बंद करवा देते थे। बदनामी का भी डर दिखया करते थे।

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गाजियाबाद, नोएडा, अमरोहा, मुरादाबाद, शामली, देहरादून से लेकर टिहरी तक के ग्राहक फर्जी शादी कराने वाले इस गिरोह की चाल का शिकार हो चुके हैं।पुलिस को मैरिज ब्यूरो कार्यालय से ग्राहक की एक डायरी मिली है। इसमें प्रत्येक ग्राहक का मोबाइल नंबर और पता होता है। पुलिस इसी डायरी के आधार पर इन लोगों की तलाश कर रही है। जिन्हे इस फर्जी मैरिज ब्यूरो ने धोखा दिया है। पुलिस की जांच और पूछताछ में यह भी सामने आया कि यह मैरिज ब्यूरो रोजाना ५-७ लोगों से शादी कराने के नाम पर ठगी करता था।

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चिकित्सा थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस द्वारा पकड़े गये लोगों से पूछताछ के बाद पूरे गिरोह की कुंडली खंगाली जा रही है। ताकि पूरे गिरोह को पकड़ा जा सके।
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