हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर कारोबार, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सख्त...कई कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुई FIR....

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हलाल सर्टिफिकेशन को लेकर सख्त है।  राज्य सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर यह धंधा चलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने स्वयं इसका संज्ञान लिया है और कड़ी कार्रवाई की जायेगी। 
 | 
Halal certification
उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेशन से जुड़े उत्पादों की बिक्री पर रोक लग सकती है। कुछ कंपनियां हलाल सर्टिफिकेशन के नाम पर अपना कारोबार चला रही थीं।  डेयरी, कपड़ा, चीनी, नमकीन, मसाले और साबुन को भी हलाल प्रमाणित किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने लिया संज्ञान. अब कड़ी कार्रवाई हो सकती है। READ ALSO:-पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लेने वाले हो जाएं सावधान! RBI ने अपनाई सख्ती, पड़ेगा ये असर!

 

हाल ही में हलाल-प्रमाणित चाय को लेकर एक यात्री और भारतीय रेलवे अधिकारी के बीच तीखी बहस का वीडियो वायरल हुआ था। इससे हलाल प्रमाणीकरण की आवश्यकता और समझ के बारे में बहस छिड़ गई है। वीडियो में यात्री ने सावन के महीने में हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद लेने से इनकार कर दिया। हालांकि, रेलवे कर्मचारी ने स्पष्ट किया था कि उत्पाद केवल शाकाहारी था। विवाद इस बात को लेकर था कि पैकेट पर हलाल लिखा था। 

 


उत्तर प्रदेश पुलिस ने दर्ज की FIR
हलाल सर्टिफिकेशन वाले निर्माता को लेकर संबंधित कंपनी के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में एFIR दर्ज की गई है। पुलिस ने शैलेन्द्र शर्मा की शिकायत पर FIR दर्ज कर ली है। यह शिकायत अज्ञात कंपनियों के खिलाफ दर्ज कराई गई है। हलाल सर्टिफिकेशन के बाद सामान बेचने वाली अज्ञात कंपनियों के खिलाफ IPC की धारा 120 बी/ 153 ए/ 298/ 384 /420 /467/ 468 /471/ 505 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

 

हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का क्या मतलब है?
यहां तक कि उत्तर प्रदेश में पांच सितारा होटल भी हलाल प्रमाणीकरण प्राप्त करते हैं, जो यह सुनिश्चित करता है कि परोसा जा रहा मांस हलाल है। यहां तक कि मैकडॉनल्ड्स, डोमिनोज़, ज़ोमैटो जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी इस सर्टिफिकेट के साथ काम करती हैं, लेकिन खास बात यह है कि हमारे देश में यह सर्टिफिकेट सरकार द्वारा नहीं दिया जाता है। दरअसल, भारत में अलग-अलग वस्तुओं के लिए अलग-अलग सर्टिफिकेट का प्रावधान है जो उनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करते हैं।

 

जैसे औद्योगिक वस्तुओं के लिए ISI मार्क, कृषि उत्पादों के लिए Agmark, जैम जैसे प्रसंस्कृत फल उत्पाद, अचार के लिए FPO, सोने के लिए Hallmark। भारत सरकार हलाल सर्टिफिकेट नहीं देती। भारत में यह सर्टिफिकेट हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हलाल सर्टिफिकेशन सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, जमीयत उलेमा-ए-हिंद हलाल ट्रस्ट जैसे कुछ निजी संस्थानों द्वारा दिया जा रहा है। इन पर लगाम कसने की तैयारी चल रही है। 

 

हलाल क्या है?
हलाल प्रमाणीकरण खाद्य, कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों के लिए किया जाता है और यह एक तरह की गारंटी है कि उत्पाद इस्लामी कानून के नियमों के तहत बनाए गए हैं। इसका उपयोग ग्राहकों को यह बताने के लिए किया जाता है कि इसमें कोई भी "निषिद्ध" पदार्थ शामिल नहीं है, और उत्पादों में किसी भी तरह से "अशुद्ध" माना जाने वाला कोई भी पदार्थ या वस्तु नहीं है।

 

हलाल प्रमाणीकरण खाद्य, कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल क्षेत्रों के लिए किया जाता है और यह एक तरह की गारंटी है कि उत्पाद इस्लामी कानून के नियमों के तहत बनाए गए हैं। इसका उपयोग ग्राहकों को यह बताने के लिए किया जाता है कि इसमें कोई भी "निषिद्ध" पदार्थ शामिल नहीं है, और उत्पादों में किसी भी तरह से "अशुद्ध" माना जाने वाला कोई भी पदार्थ या वस्तु नहीं है।

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।