उत्तर प्रदेश में शिक्षकों के तबादले में बड़ा बदलाव, महिला शिक्षकों के लिए भी विशेष सुविधा

उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया, जिसमें अब शिक्षकों को न्यूनतम 5 साल की सेवा के बजाय 3 साल की सेवा के बाद ही तबादले का अधिकार मिलेगा। 
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उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में एक अहम फैसला लिया गया, जिसमें अब शिक्षकों को न्यूनतम 5 साल की सेवा के बजाय 3 साल की सेवा के बाद ही तबादले का अधिकार मिलेगा। इस फैसले से घर से दूर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवारत महिला शिक्षकों को खास लाभ होगा, क्योंकि उन्हें पहले की तुलना में कम समय में अपने परिवार के पास लौटने का मौका मिलेगा। READ ALSO:-मेरठ : 3 साल की बच्ची 4 घंटे तक लॉक कार में तड़पती रही, हुई मौत, परिवार का आरोप-लांस नायक घुमाने ले गया और करने लगा शराब पार्टी

 

शिक्षकों को नई नियमावली से मिलेगी राहत 
नई उच्च सेवा नियमावली 2024 के अनुसार, प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत नियमित नियुक्त और स्थायी रूप से तैनात शिक्षक अब 3 साल की सेवा के बाद ही अपने तबादले का अनुरोध कर सकेंगे। पहले यह सीमा 5 साल थी। नई नियमावली के तहत यह भी प्रावधान है कि शिक्षक अपनी पूरी सेवा अवधि में सिर्फ एक बार ही तबादले के हकदार होंगे। इस फैसले के पीछे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की मंशा यह है कि इसका शिक्षक समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।  

 

इस नियम से महिला शिक्षकों और अन्य शिक्षकों को काफी राहत मिलेगी, जो घर से दूर रहने के कारण परेशानियों का सामना कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के इस कदम को शिक्षा व्यवस्था में संतुलन और स्थायित्व बनाए रखने की दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

 

अधिनियम-2023 के तहत लागू की गई नई व्यवस्था
सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 लागू किया है, जो 23 अगस्त 2023 को जारी किया गया था। इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980 को निरस्त कर दिया गया है, जिससे 1980 के अधिनियम के तहत जारी स्थानांतरण नियमावली स्वतः समाप्त हो गई है। इसके बाद 2005 में जारी नियमावली भी निरस्त हो गई है, जिससे नई नियमावली बनाने की आवश्यकता पैदा हुई। 

 

अधिनियम-2023 की धारा-31 (1) के तहत शिक्षा सेवा में चयन की नई व्यवस्था लागू की गई है, जिससे शिक्षक समुदाय में स्थानांतरण की प्रक्रिया और सुगम हो जाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षक अपने कॉलेज और विश्वविद्यालय के प्रबंधन की मंजूरी से ही तबादले के लिए आवेदन कर सकेंगे, जिसे निदेशक, उच्च शिक्षा को प्रस्तुत करना होगा।

 

स्थानांतरण प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो गई है
इस नए नियम के तहत शिक्षकों को एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में एकल या पारस्परिक स्थानांतरण करने के लिए विधिवत आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आवेदन पत्र संबंधित कॉलेज के प्रबंधन के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसे विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित किया जाएगा। प्रबंधन की सहमति के बाद ही आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा को भेजा जा सकेगा। इससे स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी, साथ ही अनावश्यक देरी से भी बचा जा सकेगा। 

 

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह निर्णय शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि बढ़ाने में सहायक होगा। साथ ही, यह कदम शिक्षा क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य को भी पूरा करता है, क्योंकि इससे उन महिला शिक्षकों को लाभ होगा, जो अपने परिवार से दूर रहकर सेवा करने को मजबूर हैं। योगी सरकार के इस फैसले को प्रदेश के शैक्षिक ढांचे में संतुलन और सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

 

नए नियम से प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में होगा सुधार
सरकार ने हाल ही में शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए कई पहल की हैं। इस नई नियमावली के जरिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के शिक्षकों को उनकी सेवाओं में स्थायित्व और संतुष्टि का अनुभव हो। इसके जरिए सरकार ने शिक्षकों को उनके घर के नजदीकी क्षेत्रों में तबादले का विकल्प देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है।

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गृह जिले में लौटने का मिलेगा मौका
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि इस नियमावली के लागू होने के बाद शिक्षकों को अपने गृह जिले में लौटने का मौका मिलेगा, जिससे शिक्षण कार्य में और अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता आएगी। इससे न केवल कार्यस्थल पर शिक्षकों की संतुष्टि का स्तर बढ़ेगा, बल्कि छात्रों को भी लाभ होगा, क्योंकि शिक्षक अधिक सहजता और संतुष्टि के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकेंगे। 

 

उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के तबादला नियमों में किए गए इस बदलाव का प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। शिक्षकों को अपने परिवार के नजदीक काम करने का मौका मिलेगा, जिससे कार्यस्थल पर उनकी संतुष्टि और उत्साह बढ़ेगा। योगी सरकार की इस पहल से न केवल शिक्षक समुदाय को संतुष्टि मिलेगी, बल्कि प्रदेश के शिक्षण संस्थानों में गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।
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