काम की खबर : उत्तर प्रदेश में अब 5 मिनट में होगा ‘ई रेंट एग्रीमेंट’, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किराएदारों को दी बड़ी राहत

उत्तर प्रदेश के माकन मालिकों और किराएदारों को योगी सरकार ने बड़ी राहत दी है।  अब ‘ई रेंट एग्रीमेंट’ 5 मिनट के भीतर किया जाएगा। सरकार को भी राजस्व का बड़ा लाभ होने वाला है और आप को डीड राइटर की आवश्यकता नहीं होगी।
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उत्तर प्रदेश में अब आम नागरिकों और व्यापारियों को घर, दुकान, गोदाम जैसी जगह किराए पर लेने के लिए कहीं न कहीं भटकना पड़ेगा। योगी सरकार उनकी सुविधा के लिए 'ई-रेंट एग्रीमेंट' के जरिए ऑनलाइन लीज डीड शुरू कर रही है। इससे डीड राइटर की जरूरत नहीं रहेगी।Read Also:-काम की खबर : सेकेंड हैंड कारों की खरीद में अब नहीं होगी ठगी, सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

 

किरायेदार सीधे घर या भवन के मालिक के साथ ऑनलाइन अनुबंध कर सकेंगे। इससे आम नागरिकों समेत व्यापारियों को राहत मिलेगी। उन्हें मौजूदा जटिल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा, बल्कि केवल 5 मिनट में अनुबंध पत्र ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे।

 

गौरतलब है कि योगी सरकार ने राज्य में नागरिकों को विभिन्न सेवाएं ऑनलाइन देकर उनके जीवन को आसान बनाने का प्रयास किया है। 'ई-रेंट एग्रीमेंट' उसी अभियान का हिस्सा है। फिलहाल इसकी शुरुआत गौतमबुद्धनगर से हुई है और जल्द ही यह व्यवस्था अन्य जिलों में भी लागू की जाएगी।

 

जटिल प्रक्रिया से छुटकारा
रेंट एग्रीमेंट की मौजूदा प्रणाली के तहत, किरायेदार को पहले डीड राइटर के पास जाना पड़ता था। इसके बाद स्टांप पेपर खरीदकर नोटरी कराकर दोनों पक्षों के रेंट एग्रीमेंट पर दस्तखत किए जाते थे। प्रस्तावित ऑनलाइन प्रणाली में अब किरायेदार को केवल उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत एग्रीमेंट पोर्टल पर जाकर अपने नाम व मोबाइल से लॉग इन कर लीज विवरण दर्ज करना होगा। उदाहरण के लिए गौतम बुद्ध नगर में www.gbnagar.nic.in नाम की एक साइट विकसित की गई है। इस पर संपत्ति का विवरण भरने के बाद स्टांप शुल्क का भुगतान करते ही आपको लीज डीड की प्रिंट कॉपी मिल जाएगी। पोर्टल पर किराए का विवरण दर्ज करते ही स्टांप शुल्क की गणना स्वतः हो जाएगी।

 

प्रक्रिया 5 मिनट से भी कम समय में पूरी हो जाएगी
यह पूरी प्रक्रिया 5 मिनट से भी कम समय में पूरी हो जाएगी। यानी चाय के ठंडा होने से पहले रेंट एग्रीमेंट मिल जाएगा। इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं होगी, यह काम सिर्फ आपके लैपटॉप, डेस्कटॉप या मोबाइल पर ही संभव होगा। इससे न सिर्फ आम लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि कारोबार करने में भी आसानी होगी। यह सिस्टम पहले से ज्यादा सुरक्षित और भरोसेमंद होगा। साथ ही इसके जरिए कहीं से भी और कभी भी एग्रीमेंट किया जा सकता है। 

 

प्रदेश के राजस्व में भी होगी वृद्धि
यह नई व्यवस्था राज्य के लिए राजस्व का एक अच्छा स्रोत भी बनेगी। गौतमबुद्धनगर में मौजूदा व्यवस्था के तहत सालाना कम से कम 1.5 लाख लीज डीज होती हैं। स्टांप शुल्क के माध्यम से इस प्रक्रिया से प्रति वर्ष 1.5 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। वहीं, प्रस्तावित लीज डीड के माध्यम से 15 हजार से अधिक के प्रत्येक मासिक किराए पर 2% स्टांप शुल्क के माध्यम से 3600 रुपये प्राप्त होंगे। कुल मिलाकर सरकार को 54 करोड़ रुपये का राजस्व सिर्फ गौतमबुद्धनगर से ही मिलेगा. पूरे राज्य में व्यवस्था लागू होने के बाद सरकार को भारी मात्रा में राजस्व प्राप्त होगा।
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