काम की खबर : सेकेंड हैंड कारों की खरीद में अब नहीं होगी ठगी, सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

सेकेंड हैंड कारों का बाजार इस समय गुलजार है। इस समय मार्केट में कई ऐसे ऐप मौजूद हैं, जो कार को अच्छी डील पर बेचने का ऑफर दे रहे हैं। सेकेंड हैंड कार बाजार के तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण नए वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी है।
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सेकेंड हैंड कारों का बाजार इस समय अपने चरम पर है। इस समय मार्केट में कई ऐसे ऐप मौजूद हैं, जो कार को अच्छी डील पर बेचने का ऑफर दे रहे हैं। सेकेंड हैंड कार बाजार के तेजी से बढ़ने का एक प्रमुख कारण नए वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी है। यही वजह है कि ज्यादातर कार खरीदार सेकेंड हैंड वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं। लेकिन सेकेंड हैंड कार बाजार के बढ़ने के साथ ही इसकी खरीद से जुड़ी धोखाधड़ी भी बढ़ रही है। और इससे चिंतित सरकार ने एक मसौदा अधिसूचना जारी की है, जिसमें पुराने वाहनों के बाजार के लिए कुछ दिशानिर्देश और नए नियम निर्धारित किए गए हैं। Read Also:-UP : योगी सरकार ने बदली सरकारी अस्पतालों की हालत, निजी अस्पतालों को मात दे रहा मेरठ का जिला महिला अस्पताल, मरीजों के लिए योग और ध्यान की भी व्यवस्था

 

सरकार का कहना है कि मौजूदा इकोसिस्टम में नए व्यक्ति को वाहन ट्रांसफर, थर्ड पार्टी डैमेज से संबंधित जिम्मेदारियों से जुड़े विवाद जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। 

 

सेकेंड हैंड कार का बाजार तेजी से बढ़ रहा है 
सेकेंड हैंड कार बाजार कितनी तेजी से बढ़ रहा है? इसे आप एक आँकड़ों से समझ सकते हैं। मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान देशभर में करीब 31 लाख नई कारों की बिक्री हुई। जबकि इस दौरान करीब 44 लाख सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री हुई है। और इंडस्ट्री का मानना ​​है कि सेकेंड हैंड व्हीकल्स की ज्यादा डिमांड का चलन आगे बढ़ेगा।

 

वित्तीय वर्ष 2026 तक देश में 80 लाख सेकेंड हैंड वाहनों की बिक्री होने का अनुमान है। और उस दौरान नई कारों की बिक्री 43 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। यानी 5 साल बाद देश में बिकने वाले नए वाहनों की संख्या पुरानी कारों की बिक्री से करीब दोगुनी हो जाएगी। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश का सेकेंड हैंड कार बाजार करीब 23 अरब डॉलर का रहने का अनुमान है। और यह अनुमान है कि अगले 5 वर्षों के दौरान यह हर साल 19.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगा।

 

क्या होगा नए नियमों में?
अब वापस सरकार की मसौदा अधिसूचना (Draft Notification) पर आते हैं। सरकार की नई गाइडलाइंस से अब पंजीकृत वाहनों के डीलरों को रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी से ऑथराइजेशन सर्टिफिकेट लेना होगा। यह सर्टिफिकेट 5 साल के लिए वैध होगा। ऑनलाइन कंपनियों जैसे बिचौलियों को अब हर पंजीकृत वाहन को फिर से बेचने के बारे में अधिकारियों को सूचित करना होगा।

 

इसके अलावा जानकारी देने और नियमों का पालन करने की जिम्मेदारी भी वाहन के पुराने मालिक पर होगी। नए नियम पंजीकृत वाहनों के डीलरों या बिचौलियों की पहचान करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही इस्तेमाल किए गए वाहनों की खरीद या बिक्री में धोखाधड़ी को रोकने में मदद कर सकते हैं। सरकार ने कहा है कि हितधारक यानी वाहन विक्रेता (Stakeholders)और खरीदार 30 दिनों के भीतर मसौदा अधिसूचना पर टिप्पणी और प्रतिक्रिया दे सकते हैं।
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