उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव: सुप्रीम कोर्ट पहुंची योगी सरकार, हाईकोर्ट ने रद्द किया था OBC आरक्षण

लखनऊ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन दाखिल की है। जिस पर 2 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई होगी। 
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Nikaye Chunav
उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। लखनऊ हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आज यानी गुरुवार को योगी सरकार ने विशेष अनुमति याचिका दायर की है। जिस पर 2 जनवरी को कोर्ट खुलने के बाद सुनवाई होगी। राज्य सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कहा गया था कि उन्होंने ओबीसी आयोग का गठन किया है, ऐसे में स्थानीय निकाय चुनाव आयोग की रिपोर्ट आने के बाद कराया जाए।Read Also:-बिजली बिल को लेकर बड़ी जानकारी, ऊर्जा मंत्रालय ने जारी किया नोटिस? क्या आपका कनेक्शन कट जाएगा?

 

याचिका में राज्य सरकार ने आयोग की रिपोर्ट के बाद ही चुनाव कराने की मंजूरी देने के हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि हाईकोर्ट ने कई पहलुओं पर विचार नहीं किया, जिसके चलते उसके द्वारा दिए गए फैसले को उचित नहीं माना जा सकता है। 

 

ओबीसी को कोई आरक्षण न दिया जाए-इलाहाबाद हाईकोर्ट
उत्तर प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त करते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने आदेश दिया था कि जल्द से जल्द चुनाव कराए जाएं और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को कोई आरक्षण नहीं दिया जाए। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि 31 जनवरी 2023 तक चुनाव कराए जाएं।

 


योगी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को आरक्षण देने के लिए योगी सरकार ने 5 सदस्यीय पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया है। इस टीम में आयोग के अध्यक्ष के रूप में सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राम अवतार सिंह को नियुक्त किया गया है। वहीं आयोग में सदस्य के रूप में महेंद्र कुमार, चोब सिंह वर्मा, संतोष विश्वकर्मा और ब्रजेश सोनी को शामिल किया गया है। सरकार द्वारा गठित यह आयोग मानकों के आधार पर पिछड़े वर्गों की जनसंख्या का सर्वेक्षण कर सरकार को रिपोर्ट देगा।

 

ओबीसी विरोधी है उत्तर प्रदेश सरकार- अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने योगी सरकार को आरक्षण विरोधी बताते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ओबीसी वर्ग का हक छीनना चाहती है।  उन्होंने कहा था कि आने वाले दिनों में भारतीय जनता पार्टी सरकार दलितों से भी आरक्षण छीन लेगी। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार और झारखंड में हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण में ट्रिपल टेस्ट के आधार पर आरक्षण तय नहीं होने का हवाला देते हुए बिना आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया था। 
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