UP : 'ओबीसी आरक्षण रद्द, तत्काल कराएं चुनाव', हाई कोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट जाएगी उत्तर प्रदेश सरकार!
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द किया। ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब सामान्य मानी जाएंगी। हाईकोर्ट ने तत्काल चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं।
Dec 27, 2022, 17:19 IST
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राज्य सरकार को बड़ा झटका देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने निकाय चुनाव के लिए पांच दिसंबर को जारी मसौदा अधिसूचना को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार को बिना ओबीसी आरक्षण के उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया है। यह फैसला न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की खंडपीठ ने इस मुद्दे पर दायर 93 याचिकाओं पर एक साथ पारित किया। Read Also:-मेरठ : शहर में तेंदुए के देखे जाने से लोगों में दहशत, अकेले बिलकुल ना निकलें, अगर दिखाई दे तो इन नंबरों पर फ़ोन कर वन विभाग को दें सूचना
वहीं, हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि वह इस मसले पर विशेषज्ञों से कानूनी सलाह ले रहे हैं। याचिकाकर्ताओं की ओर से बहस करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता एलपी मिश्रा ने कहा कि शहरी स्थानीय निकायों में ओबीसी को दिया जाने वाला आरक्षण सेवाओं और शिक्षण संस्थानों में दिए जाने वाले आरक्षण से अलग है। इन याचिकाओं का विरोध करते हुए अतिरिक्त मुख्य स्थायी अधिवक्ता अमिताभ राय ने कहा कि राज्य सरकार पहले ही सर्वे करा चुकी है और घर-घर जाकर सैंपल लिए गए हैं।
Lucknow bench of the High Court quashed OBC reservation in civic body elections by the government. All seats reserved for OBCs will now be considered general. High Court also gave instructions to conduct the elections immediately.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 27, 2022
सरकार के एडवोकेट ने अपना पक्ष रखा
अमिताभ राय ने कहा कि आगामी स्थानीय निकाय चुनाव के लिए तैयार आरक्षण रैपिड सर्वे में जुटाए गए आंकड़ों के आधार पर उपलब्ध कराया गया है। राज्य सरकार ने नगर पालिका अधिनियम के प्रावधानों का भी पालन किया, जो स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण प्रदान करता है।
हाईकोर्ट के फैसले की अहम बातें
- उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण रद्द
- ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटों को सामान्य माना जाएगा।
- ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग बनाने के निर्देश
- तत्काल चुनाव कराने के निर्देश