UP : बैटरी से बिजली स्टोर करने वाला पहला राज्य, सस्ती बिजली के लिए पावर कॉरपोरेशन लगाएगा बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम; उपभोक्तओं को महंगी बिजली से मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी। इसके लिए पावर कॉर्पोरेशन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने जा रहा है। इसकी शुरुआत बुधवार से हो गई है।
Sep 22, 2022, 13:00 IST
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उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ उपभोक्ताओं को महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़े इसके लिए पावर कॉर्पोरेशन बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लगाने जा रहा है। इसकी शुरुआत बुधवार से हो गई है। इसमें बिजली की मांग बढ़ने पर संग्रहित बिजली ग्राहक को दी जाएगी।Read Also:-IRCTC दे रही है पैकेज, 9 हजार में घूम सकते है ऊटी हिल स्टेशन
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में अनुमति दे दी है। पहले चरण में पांच सब-स्टेशनों पर बिजली का भंडारण किया जाएगा। इसमें 10 मेगावाट का बैटरी एनर्जी स्टोर्ड सिस्टम लगाया जाएगा। इस तरह से बिजली का भंडारण करने वाला उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है।Read Also:- UP : योगी आदित्यनाथ मंदिर में आने लगे श्रद्धालु, उत्तर प्रदेश नवनिर्माण सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित जानी ने चढ़या 1 किलो 250 ग्राम चांदी का छत्र
महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश को महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी। अब तक कई बार एनर्जी एक्सचेंज पर 12 से 17 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदी जा चुकी है। हालांकि, उसके बाद महंगी बिजली की खरीद पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन उसकी वजह से जून और जुलाई के महीनों में बिजली कटौती बढ़ गई थी।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि इस फैसले के बाद उत्तर प्रदेश को महंगी बिजली नहीं खरीदनी पड़ेगी। अब तक कई बार एनर्जी एक्सचेंज पर 12 से 17 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से बिजली खरीदी जा चुकी है। हालांकि, उसके बाद महंगी बिजली की खरीद पर रोक लगा दी गई थी। लेकिन उसकी वजह से जून और जुलाई के महीनों में बिजली कटौती बढ़ गई थी।
कभी-कभी 3 से 5 रुपये यूनिट बिजली भी एनर्जी एक्सचेंज पर मिल जाती है। उस समय नए सिस्टम में बिजली खरीद कर स्टोर की जाएगी। उसके बाद जब जरूरत पड़ने पर मांग बढ़ जाती है तो इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। सबसे ज्यादा बिजली की मांग जून से सितंबर के बीच होती है। बिजली खरीद पर खर्च कम होने से बिजली निगम का खर्च कम होगा। जिसका असर बिजली दरों पर भी देखने को मिलेगा।
ये सिस्टम इन्वर्टर की तरह काम करेगा
जानकारों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था में सिस्टम इन्वर्टर की तरह काम करता है। उदाहरण के लिए घर में बैटरी चार्ज करने के बाद इन्वर्टर के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में बैटरी में लगे पावर स्टोर के बड़े इनवर्टर से सबस्टेशन को बिजली दी जाएगी। वह बिजली भी एलटी लाइन के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी।
जानकारों का कहना है कि इस तरह की व्यवस्था में सिस्टम इन्वर्टर की तरह काम करता है। उदाहरण के लिए घर में बैटरी चार्ज करने के बाद इन्वर्टर के जरिए बिजली की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में बैटरी में लगे पावर स्टोर के बड़े इनवर्टर से सबस्टेशन को बिजली दी जाएगी। वह बिजली भी एलटी लाइन के जरिए उपभोक्ताओं तक पहुंचेगी।
बैटरी चालित बिजली उन क्षेत्रों में उपलब्ध होगी जहां थ्रू रेट (प्रति यूनिट चार्ज की गई राशि) अधिक होगी। बैटरी ऊर्जा भंडारण की उपलब्धता 70 प्रतिशत से कम होने पर जुर्माना लगाया जाएगा। 10 मेगावाट बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली 4 घंटे में पूरी तरह से चार्ज हो जाएगी और 4 घंटे तक बिजली की आपूर्ति की जा सकती है।
10 मेगावाट पर खर्च किए गए 60 करोड़ रुपये
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 1 मेगावाट पर करीब 6 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में 10 मेगावाट के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिजली निगम पीक आवर्स में 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदता है।
अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि 1 मेगावाट पर करीब 6 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ऐसे में 10 मेगावाट के लिए 60 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बिजली निगम पीक आवर्स में 12 रुपये प्रति यूनिट तक बिजली खरीदता है।