UP : लखीमपुर-खीरी में दिखाई दिया दिल्ली बॉर्डर जैसा नजारा, देशभर से होने लगा किसानों का जमावड़ा, 75 घंटे का अल्टीमेटम, प्रशासन हुआ अलर्ट

 एक बार फिर से दिल्ली बॉर्डर जैसी तस्वीर सामने आने लगी है। यह नजारा इस बार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में देखने को मिला। देश भर के किसान यहां पहुंचने लगे हैं।
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LAKHIMPUR
एक बार फिर से दिल्ली बॉर्डर के जैसी तस्वीर सामने आने लगी है। यह नजारा इस बार उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में देखने को मिला। देश भर से किसान यहां पहुंचने लगे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत से लेकर योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर जैसे नेता पहले ही पहुंच चुके हैं। 75 घंटे तक चलने वाले इस महापड़ाव में पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत कई राज्यों से किसानों का आना जारी है। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं।Read Also:-शाइना हत्याकांड : मेरठ में 13 घंटे की तलाश के बाद ब्रह्मपुरी के नाले में मिला 22 साल की युवती का कटा सिर, पिता ने दिया था भयावह घटना को अंजाम

 

गुरुवार को खीरी पहुंचे किसानों ने एक साल से अधिक समय तक चले किसान आंदोलन की यादें एक बार फिर ताजा कर दी है। चर्चा है कि कृषि कानून को लेकर जिस तरह से आंदोलन हुआ है, उसी प्रकार इस महापड़व की रूपरेखा भी तय की जाएगी, हालांकि किसान नेता इससे इनकार कर रहे हैं, लेकिन किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन की रूपरेखा तय की है। केंद्र सरकार पर हमला करने वाले टिकैत ने कहा है कि तीसरे दिन वह आंदोलन के स्वरूप की घोषणा करेंगे। 

 


आंदोलन की चेतावनी राकेश टिकैत ने 
खीरी कांड के आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त करने की मांग कई दिनों से चल रही है। किसान नेता राकेश टिकैत ने विधानसभा चुनाव से पहले सरकार को इस बात की चेतावनी दी थी। राकेश टिकैत ने कहा था कि टेनी को जल्द से जल्द बर्खास्त किया जाए। मांग पूरी नहीं हुई तो आंदोलन एक बार फिर उग्र होगा। किसानों की संख्या को देखते हुए खीरी जिले का प्रशासन भी पूरी तरह सतर्क हो गया है। 

 KHIRI

किसान मंडी में लगा लंगर
संयुक्त किसान मोर्चा का महापड़ाव गुरुवार से शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को पद से बर्खास्त करने और खीरी कांड में किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने की मांग को लेकर देशभर के किसान लखीमपुर में लामबंद हो रहे हैं। लखीमपुर कृषि मंडी में आयोजित किसान महापंचायत को देखते हुए यहां लंगर शुरू हो गया है। दिल्ली बॉर्डर की तरह यहां भी किसान खाना-पीना लेकर आए हैं। कार्यक्रम से पूर्व मंडी स्थल पर गुरुवाणी का पाठ किया गया। साथ ही दिल्ली किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
garauv

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