उत्तर प्रदेश में स्टूडेंट्स और टीचर्स को ट्रेनिंग देगा टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), जानिए क्या होगा इसका फायदा
टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) अब उत्तर प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को ट्रेनिंग देने जा रही है। यह प्रशिक्षण विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी दिया जाएगा।
Updated: Nov 22, 2022, 20:20 IST
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सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की अग्रणी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके तहत टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज विभाग द्वारा संचालित 105 जय प्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और एकलव्य विद्यालयों के शिक्षकों और छात्रों को कम्प्यूटेशनल और तार्किक सोच का प्रशिक्षण देगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने मंगलवार को राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की उपस्थिति में समाज कल्याण विभाग के साथ 18 महीने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।Read Also:-PAN-Aadhaar Card: पैन-आधार को लेकर नया सरकारी अपडेट, अगर आपके पास है दोनों कार्ड तो अब मिलेगा इसका बड़ा फायदा!
कंपनी अपने कार्यक्रमों 'गो-आईटी' और 'इग्नाइट माई फ्यूचर' के तहत जयप्रकाश नारायण सर्वोदय विद्यालयों और एकलव्य आवासीय विद्यालयों के छात्रों को तार्किक और कम्प्यूटेशनल सोच में प्रशिक्षित करेगी। कंपनी ने कहा कि इसके जरिए सरकार का मकसद छात्रों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (STEM) जैसे विषयों के लिए तैयार करना है। उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित इन स्कूलों में वंचित वर्गों और आदिवासी क्षेत्रों के 35,000 छात्र रहते हैं और पढ़ते हैं। सरकार इन छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करती है।
इग्नाइट माई फ्यूचर के तहत क्या प्रशिक्षण मिलेगा?
अपने कार्यक्रम इग्नाइट माई फ्यूचर के तहत, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इन स्कूलों में लगभग 1,500 शिक्षकों को कंप्यूटर, एल्गोरिदम, प्रोग्रामिंग, कोडिंग और समस्या समाधान कौशल को समझने में मदद करने के लिए कम्प्यूटेशनल सोच में प्रशिक्षित करेगा। इस प्रशिक्षण के बाद, शिक्षक अपने सहयोगियों और छात्रों को और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे।
अपने कार्यक्रम इग्नाइट माई फ्यूचर के तहत, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज इन स्कूलों में लगभग 1,500 शिक्षकों को कंप्यूटर, एल्गोरिदम, प्रोग्रामिंग, कोडिंग और समस्या समाधान कौशल को समझने में मदद करने के लिए कम्प्यूटेशनल सोच में प्रशिक्षित करेगा। इस प्रशिक्षण के बाद, शिक्षक अपने सहयोगियों और छात्रों को और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे।
गो-आईटी प्रोग्राम में क्या ट्रेनिंग दी जाएगी?
गो-आईटी प्रोग्राम के तहत छात्रों को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स और कोड विकसित करने के लिए डिजाइन और लॉजिकल थिंकिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बेब्रास कम्प्यूटिंग चैलेंज के जरिए भी तैयार किया जाएगा। कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खुद का मूल्यांकन कर सकें और जेईई-नीट (JEE-NEET) जैसे कार्यक्रमों में सफल हो सकें।
गो-आईटी प्रोग्राम के तहत छात्रों को प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स और कोड विकसित करने के लिए डिजाइन और लॉजिकल थिंकिंग का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा उन्हें अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बेब्रास कम्प्यूटिंग चैलेंज के जरिए भी तैयार किया जाएगा। कार्यक्रम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि छात्र अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खुद का मूल्यांकन कर सकें और जेईई-नीट (JEE-NEET) जैसे कार्यक्रमों में सफल हो सकें।
वहीं, एमओयू (MoU) साइन करने के कार्यक्रम में मंत्री असीम अरुण, सचिव समीर वर्मा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज सीएसआर (CRS) के कंट्री हेड सुनील जोसफ और सेंटर हेड अमिताभ तिवारी व रवि कोहली शामिल हुए।
