‘सुप्रीम’ डांट का असर…किसने खरीदा..किसने भुनाया, इलेक्टोरल बॉन्ड की सारी जानकारी चुनाव आयोग ने की वेबसाइट पर अपलोड,
चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने हलफनामा दाखिल किया है। उनका कहना है कि अब उनके पास इन बॉन्ड्स से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। अब चुनाव आयोग ने भी यह जानकारी सार्वजनिक कर दी है।
Mar 21, 2024, 20:32 IST
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आख़िरकार भारतीय स्टेट बैंक ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी सुप्रीम कोर्ट के सामने जमा कर दी है। इसके तहत स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सुप्रीम कोर्ट के 18 मार्च के आदेश का पालन करते हुए गुरुवार को इलेक्टोरल बॉन्ड की सारी डिटेल चुनाव आयोग को सौंप दी, और चुनाव आयोग ने भी देरी ना करते हुए इस डिटेल को सार्वजनिक कर दिया। अभी इस मामले पर कई और खुलासे होने की उम्मीद है। दरअसल, 18 मार्च को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को प्रत्येक बॉन्ड का अल्फ़ान्यूमेरिक नंबर और सीरियल नंबर, खरीद की तारीख और राशि का भी खुलासा करने का आदेश दिया था।READ ALSO:-SBI ने EC को सौंपी इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया;
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने सारी जानकारी कोर्ट के सामने पेश कर दी है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि 21 मार्च शाम 5 बजे तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चेयरमैन भी हलफनामा दाखिल करें कि उन्होंने सारी जानकारी दे दी है। इस संदर्भ में भारतीय स्टेट बैंक ने तय समय से पहले सारी जानकारी कोर्ट के सामने पेश कर दी है।
EC वेबसाइट पर हुई सार्वजनिक
फिलहाल बैंक ने यह जानकारी सार्वजनिक कर दी है कि किसने किस पार्टी को बॉन्ड के जरिए कितना चंदा दिया। इसके अलावा चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी यह जानकारी सार्वजनिक हो गई है। चुनाव आयोग ने एक लिंक ट्वीट किया है जिसमें आप भी देख सकते हैं कि आंकड़े क्या हैं।
पूरी जानकारी अब सार्वजनिक
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक ने अब चुनावी बांड खरीदार का नाम, मूल्यवर्ग और विशिष्ट संख्या, बांड भुनाने वाली पार्टी का नाम और पार्टी के बैंक खाते के अंतिम चार अंक दिए हैं। इसके अलावा इस हलफनामे में बैंक की ओर से यह भी कहा गया है कि बैंक के पास अब चुनावी बॉन्ड की कोई अन्य जानकारी नहीं है।
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष दिनेश खारा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बैंक ने अब चुनावी बांड खरीदार का नाम, मूल्यवर्ग और विशिष्ट संख्या, बांड भुनाने वाली पार्टी का नाम और पार्टी के बैंक खाते के अंतिम चार अंक दिए हैं। इसके अलावा इस हलफनामे में बैंक की ओर से यह भी कहा गया है कि बैंक के पास अब चुनावी बॉन्ड की कोई अन्य जानकारी नहीं है।
सबमिट किए गए ब्योरे में क्या है?
इस मामले में स्टेट बैंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि उसके पास अब चुनावी बॉन्ड का कोई ब्योरा नहीं है। हलफनामे में बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उन्होंने बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति, बॉन्ड की संख्या, खरीदने वाली पार्टी का नाम के बारे में सारी जानकारी दे दी है। उन्हें कैश कराया, बांड कितने के थे, ये सारी जानकारी चुनाव आयोग को को सौंप दी गई।
इस मामले में स्टेट बैंडिया (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया है, जिसमें कहा गया है कि उसके पास अब चुनावी बॉन्ड का कोई ब्योरा नहीं है। हलफनामे में बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक उन्होंने बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति, बॉन्ड की संख्या, खरीदने वाली पार्टी का नाम के बारे में सारी जानकारी दे दी है। उन्हें कैश कराया, बांड कितने के थे, ये सारी जानकारी चुनाव आयोग को को सौंप दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनाव आयोग ने इन्हें अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक कर दिया है। इस डेटा को चुनाव आयोग की वेबसाइट के इस लिंक https://www.eci.gov.in/disclosure-of-electoral-bonds पर जाकर चेक किया जा सकता है। इसमें द्वारा उपलब्ध कराए गए 5 प्रकार के डेटा शामिल हैं। इनमें से 2 लिस्ट वो हैं जो एसबीआई ने 11 मार्च के आदेश के बाद जारी की थीं.
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) पहले बहुत अनिच्छुक था
फरवरी महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को 6 मार्च तक सारी जानकारी साझा करने को कहा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने डेटा जारी करने में असमर्थता जताते हुए 30 जून तक का समय मांगा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 11 मार्च को और 12 मार्च तक डेटा जारी करने को कहा।
फरवरी महीने में ही सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक करार दिया था और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को 6 मार्च तक सारी जानकारी साझा करने को कहा था। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने डेटा जारी करने में असमर्थता जताते हुए 30 जून तक का समय मांगा था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। 11 मार्च को और 12 मार्च तक डेटा जारी करने को कहा।
इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने बॉन्ड के यूनिक अल्फा न्यूमेरिक कोड का खुलासा किए बिना ही बॉन्ड का डेटा जारी कर दिया। 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर दोबारा सुनवाई की और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को 21 मार्च शाम 5 बजे तक हर हाल में पूरा डेटा जारी करने का निर्देश दिया।
चुनाव के दौरान क्या हंगामा मचेगा?
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में जब चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी तो इसका आगामी लोकसभा चुनाव पर क्या असर होगा? इसे लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी चुनावी रणनीति कैसे बनाएंगे? हालांकि, अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी बीजेपी को मिला है. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में जब चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी तो इसका आगामी लोकसभा चुनाव पर क्या असर होगा? इसे लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी चुनावी रणनीति कैसे बनाएंगे? हालांकि, अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी बीजेपी को मिला है. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है।