SBI ने EC को सौंपी इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी जानकारी, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया;
चुनावी बॉन्ड मामले में एसबीआई (SBI) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि उसने कोर्ट में दो सेट में डेटा दिया है। भारतीय स्टेट बैंक ने कहा है कि राजनीतिक दलों के पूरे बैंक खाता नंबर और केवाईसी जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है क्योंकि इससे खाते की सुरक्षा (cyber security) से समझौता हो सकता है।
Mar 21, 2024, 17:10 IST
|
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी है। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने देश की शीर्ष अदालत से कहा है कि उनके पास अब चुनावी बॉन्ड से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। इसमें अल्फ़ान्यूमेरिक संख्याओं का विवरण भी शामिल है। ये सारी जानकारी अब चुनाव आयोग के पास है। READ ALSO:-सुप्रीम कोर्ट ने फर्जी कंटेंट की पहचान के लिए बनी PIB की फैक्ट चेक यूनिट पर लगाई रोक
चुनावी बॉन्ड मामले में भारतीय स्टेट बैंक ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि उसने कोर्ट में दो सेट में डेटा दिया है।
- खरीदे गए पहले बांड की श्रृंखला संख्या।
- राजनीतिक दलों ने कितने बांड भुनाए हैं?
Electoral Bonds: State Bank of India (SBI) Chairman files compliance affidavit in Supreme Court saying that all details of Electoral Bonds, including the alphanumeric numbers, have been disclosed to the Election Commission.
— ANI (@ANI) March 21, 2024
On March 21, 2024, the SBI provided /disclosed all… pic.twitter.com/6D2UC0QjDH
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड मामले पर आखिरी बार 18 मार्च को सुनवाई की थी। उस दिन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने भारतीय स्टेट बैंक को कड़ी फटकार लगाई थी और 21 मार्च शाम 5 बजे तक चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सारी जानकारी साझा करने को कहा था। इसमें बॉन्ड पर गुप्त रूप से दर्ज अल्फ़ान्यूमेरिक नंबरों का विवरण भी शामिल है। गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक ने इस आदेश पर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल की है।
अब क्या विवरण प्रस्तुत किया गया है?
इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दायर हलफनामे में बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, उसने बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति का विवरण, बॉन्ड की संख्या आदि का विवरण एकत्र कर लिया है। जिस पार्टी ने उन्हें भुनाया है, उसका बांड कितने रुपये का था। 10,000 ये सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी गई है।
इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक की ओर से दायर हलफनामे में बैंक के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने कहा है कि 18 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, उसने बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति का विवरण, बॉन्ड की संख्या आदि का विवरण एकत्र कर लिया है। जिस पार्टी ने उन्हें भुनाया है, उसका बांड कितने रुपये का था। 10,000 ये सारी जानकारी चुनाव आयोग को सौंप दी गई है।
अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक चुनाव आयोग को ये सारी जानकारी अपनी वेबसाइट पर डालनी होगी। इसके बाद चुनावी बांड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक हो जाएगी और लोगों के सामने स्थिति साफ हो जाएगी कि किस पार्टी को चुनावी बांड से कब, कैसे और किससे चंदा मिला?
क्या चुनाव के दौरान हंगामा होगा?
अब देखने वाली बात यह है कि आने वाले दिनों में जब चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी तो इसका आगामी लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? इसे लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी चुनावी रणनीति कैसे बनाएंगे? हालांकि, अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी बीजेपी को मिला है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है।
अब देखने वाली बात यह है कि आने वाले दिनों में जब चुनावी बांड की जानकारी सार्वजनिक की जाएगी तो इसका आगामी लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा? इसे लेकर पक्ष और विपक्ष अपनी चुनावी रणनीति कैसे बनाएंगे? हालांकि, अब तक सामने आई जानकारी के मुताबिक, चुनावी बॉन्ड से सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी बीजेपी को मिला है। इसके बाद तृणमूल कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस है।