सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऋण वसूली एजेंट फर्म को 'गुंडों का समूह' बताया, पीड़ित को मुआवजा देने का दिया आदेश

पीड़ित देबाशीष बसु रॉय चौधरी ने कोलकाता में बस चलाने के लिए 15.15 लाख रुपये का लोन लिया था। इस मामले में कोलकाता हाईकोर्ट ने बैंक को पीड़ित को 5 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने को कहा था। 
 | 
Supreme Court
बैंक लोन रिकवरी एजेंट पर सुप्रीम कोर्ट: सुप्रीम कोर्ट ने बैंक लोन रिकवरी एजेंट फर्म को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने एक बार में पूरा लोन चुकाने के बावजूद वाहन वापस न करने पर बैंक रिकवरी एजेंट फर्म को 'गुंडों का समूह' करार दिया और पश्चिम बंगाल पुलिस को दो महीने के भीतर संबंधित कंपनी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया।Read also:-TRAI ने देश के करोड़ों मोबाइल यूजर्स को दी बड़ी राहत, अब इस तारीख से लागू होगा नया नियम

 

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने पीड़ित देबाशीष बसु रॉय चौधरी को मुआवजा देने का निर्देश दिया। बेंच ने बैंक ऑफ इंडिया को रिकवरी एजेंट से रकम वसूलने का भी निर्देश दिया। चौधरी ने कोलकाता में बस चलाने के इरादे से 15.15 लाख रुपये का लोन लिया था।

 

सुप्रीम कोर्ट की बड़ी टिप्पणी
बेंच ने अपने हालिया आदेश में कहा, 'हाईकोर्ट की टिप्पणियों और याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश की गई दलीलों के मद्देनजर, हम पाते हैं कि प्रतिवादी नंबर-चार (एक रिकवरी एजेंट) वास्तव में गुंडों का एक समूह है जो याचिकाकर्ता-बैंक की ओर से लोन लेने वाले लोगों को परेशान करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करता है।'

 

पीठ ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि वाहन को उचित स्थिति में वापस न करने के लिए रिकवरी एजेंट कंपनी 'मेसर्स सिटी इन्वेस्टिगेशन एंड डिटेक्टिव' के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी।

 

पुलिस आयुक्त को दिया निर्देश
पीठ ने कहा, 'संबंधित क्षेत्र के पुलिस आयुक्त को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जाता है कि 5 जुलाई, 2023 को पश्चिम बंगाल के सोदपुर पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 406, 420 और 471 के तहत दर्ज एफआईआर की जांच बिना किसी देरी के तार्किक निष्कर्ष पर पहुंचाई जाए और दो महीने की अवधि के भीतर आरोप पत्र दायर किया जाए।'

KINATIC 

पीठ ने आगे निर्देश दिया, 'यदि प्रतिवादी संख्या-चार को किसी सक्षम प्राधिकारी द्वारा रिकवरी एजेंट के रूप में कार्य करने के लिए कोई लाइसेंस/प्राधिकरण पत्र दिया गया है, तो याचिकाकर्ता-बैंक को उस प्राधिकरण को ऐसी अनुमति/प्राधिकरण पत्र को रद्द करने के संबंध में एक अलग शिकायत करने का निर्देश दिया जाता है।' 

whatsapp gif 

हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार
शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 16 मई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया, जिसके तहत बैंक को वाहन वापस न करने के फैसले के लिए चौधरी को 5 लाख रुपये का अंतरिम मुआवजा देने को कहा गया था।
SONU

देश दुनिया के साथ ही अपने शहर की ताजा खबरें अब पाएं अपने WHATSAPP पर, क्लिक करें। Khabreelal के Facebookपेज से जुड़ें, Twitter पर फॉलो करें। इसके साथ ही आप खबरीलाल को Google News पर भी फॉलो कर अपडेट प्राप्त कर सकते है। हमारे Telegram चैनल को ज्वाइन कर भी आप खबरें अपने मोबाइल में प्राप्त कर सकते है।