G20 डिनर कार्ड पर INDIA की जगह President Of Bharat , G20 मेहमानों को राष्ट्रपति के न्योता देने पर सियासी घमासान!

संसद सत्र को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, जिसमें महिला आरक्षण बिल, एक देश एक चुनाव जैसी बातों पर चर्चा हो रही है। लेकिन इंडिया का नाम बदलकर भारत करने को लेकर एक नया दावा भी किया जा रहा है। 
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जैसे-जैसे संसद के विशेष सत्र की तारीख नजदीक आ रही है, अटकलों का बाजार भी गर्म होता जा रहा है। विशेष सत्र में सरकार क्या करने वाली है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस बीच कांग्रेस नेता जयराम रमेश का एक ट्वीट आया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि G-20 सम्मेलन के सम्मान में आयोजित रात्रिभोज में President of India की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत। READ ALSO:-G-20 के चलते उत्तर रेलवे ने लिया फैसला, दिल्ली जाने वाली 200 से ज्यादा ट्रेनें निरस्त, सेंट्रल रेलवे ने भी बदले 8 ट्रेनों के टर्मिनल

 कार्ड का स्क्रीनशॉट AAP सांसद राघव चड्डा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। - Dainik Bhaskar

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा कि ये खबर वाकई सच है। राष्ट्रपति भवन की ओर से 9 सितंबर को होने वाले जी-20 रात्रिभोज के लिए भेजे गए निमंत्रण में President of India की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखा गया है। अगर हम संविधान के अनुच्छेद 1 को पढ़ें तो उसमें लिखा है कि इंडिया यानी भारत राज्यों का एक समूह होगा। कांग्रेस नेता ने लिखा कि अब राज्यों का समूह भी खतरे में है। 

 


निमंत्रण पत्र भेज दिया गया है
केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। इस दौरान अमृत काल से जुड़े विषयों पर चर्चा करने की बात कही गई है। हालांकि अभी तक कोई निश्चित एजेंडा सामने नहीं आया है। यही वजह है कि तमाम तरह की चीजें हो रही हैं।' विशेष सत्र के दौरान कयास लगाए जा रहे हैं कि एक देश एक चुनाव, महिला आरक्षण बिल, इंडिया की जगह भारत जैसे बिल या प्रस्ताव पेश किए जा सकते हैं। 

 

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी मंगलवार को ट्वीट किया और लिखा कि भारत गणराज्य, यह खुशी और गर्व की बात है कि हमारा देश तेजी से अमृतकाल की ओर बढ़ रहा है।

 

क्या बदल जायेगा भारत का नाम?
अगर बात इंडिया और भारत नाम की करें तो इस बात पर चर्चा चल रही है कि संविधान में जहां-जहां इंडिया शब्द का इस्तेमाल किया गया है, उसे अब भारत कर दिया जाएगा। इसको लेकर पिछले कुछ दिनों से चर्चा चल रही है। सबसे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था कि हमारे देश का नाम बहुत पहले से भारत है, इसलिए इसे इंडिया नहीं कहा जाना चाहिए। 

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इनके अलावा राज्यसभा सांसद हरनाथ सिंह यादव ने अपील की थी कि यह शब्द गुलामी का प्रतीक है, इसलिए संविधान में इसकी जगह इंडिया लिखा जाना चाहिए।  संसद के मानसून सत्र के दौरान भी कुछ सांसदों ने इस मुद्दे को सदन में उठाया था।  ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि संसद के विशेष सत्र में इससे जुड़ा फैसला लिया जा सकता है। 
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