मेरठ से दिल्ली कनॉट प्लेस आइसक्रीम खाने आते हैं'....दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के फीडबैक पर गडकरी ने सुनाया एक मजेदार किस्सा
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ न सिर्फ उनके समर्थक बल्कि उनके विरोधी भी करते हैं। उनके नाम से ज्यादा उनका काम बोलता है। जी रियल हीरो शो में गडकरी ने अपने काम और खुद के बारे में कई खुलासे किए।
Dec 25, 2023, 00:05 IST
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केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी की तारीफ न सिर्फ उनके समर्थक बल्कि उनके विरोधी भी करते हैं। उनके नाम से ज्यादा उनका काम बोलता है। Zee Real Hero show में गडकरी ने अपने काम और खुद के बारे में कई खुलासे किए। जब हमने उनसे हाईवे के बारे में बात की तो उन्होंने एक दिलचस्प कहानी बताई। इसके साथ ही उन्होंने अपनी शिक्षा से लेकर राजनीति तक कई बातों पर भी बात की। आइए आपको बताते हैं नितिन गडकरी से हुई खास बातचीत के बारे में। READ ALSO:-नए साल से पहले आया नया ITR फॉर्म, अब कैश ट्रांजेक्शन पर भी होगी सरकार की नजर
मेरठ से दिल्ली कनॉट प्लेस में आइसक्रीम खाने आते हैं
हमारे एंकर ने मेरठ एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते हुए नितिन गडकरी से कहा कि मेरे सास-ससुर मेरठ में रहते हैं। पहले वह छह माह में एक बार आते थे। जब से आपने एक घंटे का राजमार्ग (Meerut Expressway) बनाया है, वे हर सप्ताहांत आते हैं। इस पर नितिन गडकरी ने मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मिले फीडबैक का दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं एक परिवार से मिला, उन्होंने मुझे बताया कि अब वे आइसक्रीम खाने के लिए मेरठ से कनॉट प्लेस आते हैं। एक और किस्सा सुनाते हुए गडकरी ने कहा कि मेरी मुलाकात एक ऐसे लड़के से हुई जो जर्मनी छोड़कर भारत आ गया और दिल्ली में काम करने लगा। वह गुड़गांव के एक मकान में रह रहा था। उन्होंने मुझे बताया कि मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद उन्होंने गुड़गांव में अपना घर बेच दिया है और मेरठ में एक बंगले में रह रहे हैं। और मेरठ से वह प्रतिदिन दिल्ली आकर काम करता है। नितिन गडकरी ने कहा कि जब हमें इस तरह का फीडबैक मिलता है तो हमें बेहतर काम करने की ताकत मिलती है।
हमारे एंकर ने मेरठ एक्सप्रेस-वे का जिक्र करते हुए नितिन गडकरी से कहा कि मेरे सास-ससुर मेरठ में रहते हैं। पहले वह छह माह में एक बार आते थे। जब से आपने एक घंटे का राजमार्ग (Meerut Expressway) बनाया है, वे हर सप्ताहांत आते हैं। इस पर नितिन गडकरी ने मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मिले फीडबैक का दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि मैं एक परिवार से मिला, उन्होंने मुझे बताया कि अब वे आइसक्रीम खाने के लिए मेरठ से कनॉट प्लेस आते हैं। एक और किस्सा सुनाते हुए गडकरी ने कहा कि मेरी मुलाकात एक ऐसे लड़के से हुई जो जर्मनी छोड़कर भारत आ गया और दिल्ली में काम करने लगा। वह गुड़गांव के एक मकान में रह रहा था। उन्होंने मुझे बताया कि मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद उन्होंने गुड़गांव में अपना घर बेच दिया है और मेरठ में एक बंगले में रह रहे हैं। और मेरठ से वह प्रतिदिन दिल्ली आकर काम करता है। नितिन गडकरी ने कहा कि जब हमें इस तरह का फीडबैक मिलता है तो हमें बेहतर काम करने की ताकत मिलती है।
मैं पढ़ने लिखने में ठीक नहीं था..
इसके बाद जब मैंने उनसे स्कूल के दिनों के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि मैं कोई पढ़ने में अच्छा नहीं था। 1975 में जब आपातकाल लगा तब मैं 11वीं कक्षा में था। उस समय मैं आपातकाल के विरुद्ध जय प्रकाश जी के आंदोलन में शामिल हो गया। मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और आपातकाल के खिलाफ काम करना जारी रखा और दिन-रात काम किया। तब मुझे परीक्षा में लगभग 52 प्रतिशत अंक और विज्ञान समूह में 49.26 अंक मिले थे। मेरे घरवाले चाहते थे कि मैं इंजीनियरिंग करूँ लेकिन इंजीनियरिंग में प्रवेश 50 प्रतिशत अंक लाने पर ही दिया जाता था, जिसके कारण मैं अयोग्य हो गया। उन्होंने कहा कि फिलहाल मेरे पास 7 डॉक्टरेट हैं लेकिन पुराने दिनों को याद करते हुए मैं अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगाता।
इसके बाद जब मैंने उनसे स्कूल के दिनों के बारे में बात की तो उन्होंने कहा कि मैं कोई पढ़ने में अच्छा नहीं था। 1975 में जब आपातकाल लगा तब मैं 11वीं कक्षा में था। उस समय मैं आपातकाल के विरुद्ध जय प्रकाश जी के आंदोलन में शामिल हो गया। मैंने अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया और आपातकाल के खिलाफ काम करना जारी रखा और दिन-रात काम किया। तब मुझे परीक्षा में लगभग 52 प्रतिशत अंक और विज्ञान समूह में 49.26 अंक मिले थे। मेरे घरवाले चाहते थे कि मैं इंजीनियरिंग करूँ लेकिन इंजीनियरिंग में प्रवेश 50 प्रतिशत अंक लाने पर ही दिया जाता था, जिसके कारण मैं अयोग्य हो गया। उन्होंने कहा कि फिलहाल मेरे पास 7 डॉक्टरेट हैं लेकिन पुराने दिनों को याद करते हुए मैं अपने नाम के आगे डॉक्टर नहीं लगाता।
नितिन गडकरी की पसंदीदा फिल्में 'सड़क' और 'हाईवे'?
Zee Real Hero show, के स्विच का सामना सेगमेंट में नितिन गडकरी ने खुद से जुड़े तीन सवालों के जवाब भी दिए। उनसे पूछा गया कि आपकी पसंदीदा फिल्म महेश भट्ट की सड़क और आलिया भट्ट की हाईवे है? मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि मुझे फिल्में देखने का शौक है...बचपन में मैं थर्ड क्लास का टिकट लेकर फिल्में देखा करता था। शशि कपूर की फिल्म आदमी और इंसान का टिकट खरीदने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन अब वे जेड प्लस सुरक्षा के तहत रहते हैं इसलिए वे फिल्में देखने नहीं जाते क्योंकि इससे लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि अब वह घर पर ही फिल्में देखते हैं। पसंदीदा फिल्मों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सड़क-हाईवे नहीं...आनंद, जंजीर और दीवार मेरी पसंदीदा फिल्में हैं। गडकरी ने कहा कि उन्हें मारधाड़ वाली फिल्में ज्यादा पसंद हैं।
Zee Real Hero show, के स्विच का सामना सेगमेंट में नितिन गडकरी ने खुद से जुड़े तीन सवालों के जवाब भी दिए। उनसे पूछा गया कि आपकी पसंदीदा फिल्म महेश भट्ट की सड़क और आलिया भट्ट की हाईवे है? मजाकिया अंदाज में जवाब देते हुए गडकरी ने कहा कि मुझे फिल्में देखने का शौक है...बचपन में मैं थर्ड क्लास का टिकट लेकर फिल्में देखा करता था। शशि कपूर की फिल्म आदमी और इंसान का टिकट खरीदने के लिए उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। लेकिन अब वे जेड प्लस सुरक्षा के तहत रहते हैं इसलिए वे फिल्में देखने नहीं जाते क्योंकि इससे लोगों को परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि अब वह घर पर ही फिल्में देखते हैं। पसंदीदा फिल्मों के सवाल पर उन्होंने कहा कि सड़क-हाईवे नहीं...आनंद, जंजीर और दीवार मेरी पसंदीदा फिल्में हैं। गडकरी ने कहा कि उन्हें मारधाड़ वाली फिल्में ज्यादा पसंद हैं।
अगर ठेकेदार ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे रोड रोलर के नीचे डाल दें?
जब नितिन गडकरी से पूछा गया तो उन्होंने एक बार कहा था कि अगर ठेकेदार ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे रोड रोलर के नीचे डाल दो? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी ठेकेदार ऐसे नहीं होते लेकिन कुछ बेईमानी से जुड़े होते हैं। बेईमान ठेकेदार गुणवत्ता से खिलवाड़ कर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। यह मेरे स्वभाव के विरुद्ध है। बेईमान ठेकेदार सबको लक्ष्मी दर्शन देकर गलत काम करते हैं। मैं ऐसे ठेकेदारों को डांटता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया साफ है... गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं। मैं अच्छा काम करने वालों की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी करता हूं।'
जब नितिन गडकरी से पूछा गया तो उन्होंने एक बार कहा था कि अगर ठेकेदार ठीक से काम नहीं कर रहा है तो उसे रोड रोलर के नीचे डाल दो? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभी ठेकेदार ऐसे नहीं होते लेकिन कुछ बेईमानी से जुड़े होते हैं। बेईमान ठेकेदार गुणवत्ता से खिलवाड़ कर मुनाफा कमाने की कोशिश करते हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं होना चाहिए। यह मेरे स्वभाव के विरुद्ध है। बेईमान ठेकेदार सबको लक्ष्मी दर्शन देकर गलत काम करते हैं। मैं ऐसे ठेकेदारों को डांटता हूं। उन्होंने कहा कि मेरा नजरिया साफ है... गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं। मैं अच्छा काम करने वालों की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा भी करता हूं।'
देश के बुनियादी ढांचे का भविष्य क्या है?
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। प्रधानमंत्री मोदी जी की इच्छा है कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने.. आत्मनिर्भर भारत बने। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें निर्यात बढ़ाना होगा और आयात कम करना होगा। जब मैं मंत्री बना तो भारतीय अर्थव्यवस्था 7वें नंबर पर थी। अब हम जापान को पछाड़कर तीसरे स्थान पर आ गए हैं। पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और अब तीसरे पर भारत है। मुझे उम्मीद है कि पांच साल में हम नंबर 1 होंगे, हमारे पास बहुत क्षमता है।'
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी भी बहुत काम किया जाना बाकी है। प्रधानमंत्री मोदी जी की इच्छा है कि भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बने.. आत्मनिर्भर भारत बने। इसके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें निर्यात बढ़ाना होगा और आयात कम करना होगा। जब मैं मंत्री बना तो भारतीय अर्थव्यवस्था 7वें नंबर पर थी। अब हम जापान को पछाड़कर तीसरे स्थान पर आ गए हैं। पहले नंबर पर अमेरिका, दूसरे पर चीन और अब तीसरे पर भारत है। मुझे उम्मीद है कि पांच साल में हम नंबर 1 होंगे, हमारे पास बहुत क्षमता है।'