पुलिस थाने में BJP विधायक के द्वारा फायरिंग...आरोपी बोला- हां मैंने गोली मारी, मुझे कोई अफसोस नहीं, गोलीकांड के बाद महाराष्ट्र में चढ़ा सियासी पारा

महाराष्ट्र के उल्हासनगर में जमीन विवाद के चलते बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और उनके एक साथी ने शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ को थाने के अंदर गोली मार दी। इसे लेकर सियासी पारा चढ़ गया है। वहीं गोली लगने से शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। इस बीच गोली चलाने वाले बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ का कहना है कि मैंने जो किया वह सही किया। मुझे कोई पछतावा नहीं है।
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MAHARASTRA
तारीख 2 फरवरी 2024...स्थान हिल लाइन पुलिस स्टेशन, महाराष्ट्र का उल्हासनगर...रात के 9 बजे के आसपास का समय था। तभी बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के नेता महेश गायकवाड़ अपने-अपने साथियों के साथ थाने में आए। ये दोनों जमीन विवाद को लेकर पुलिस के पास शिकायत दर्ज कराने आये थे। तभी दोनों के बीच बहस हो गई। तभी इसके बाद ताबड़तोड़ फायरिंग की आवाज आई। दरअसल, गणपत गायकवाड़ और उनके बॉडीगार्ड हर्षल केन ने सीनियर इंस्पेक्टर के चैंबर के अंदर खुलेआम बंदूकों से महेश गायकवाड़ और उनके साथी राहुल गायकवाड़ पर गोलियां चलाई थीं। READ ALSO:-मेरठ : ISI एजेंट सत्येंद्र गिरफ्तार, 3 साल से रूस में भारतीय दूतावास में था तैनात, ISI के हैण्डलर को दे रहा था खुफिया जानकारी

 

पुलिस ने तुरंत विधायक गणपत गायकवाड़ समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं, दोनों घायलों को पहले स्थानीय मीरा अस्पताल ले जाया गया लेकिन उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें ठाणे के ज्यूपिटर अस्पताल ले जाया गया। जहां महेश गायकवाड़ का ऑपरेशन किया गया, जो सफल रहा। उन्हें कुल 6 गोलियां लगी थीं। जबकि, उसके साथी को दो गोलियां लगीं। दोनों का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है। लेकिन महेश गायकवाड़ की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है।  बता दें, फायरिंग की यह पूरी घटना थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।  इस घटना के बाद ये खबर तुरंत जंगल की आग की तरह हर जगह फैल गई। थाने पर कथित फायरिंग को लेकर सियासी पारा भी चढ़ गया है। इस घटना को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार बयान सामने आ रहे हैं।

 


हां मैंने उसे गोली मारी, मुझे कोई अफसोस नहीं
जैसे ही एकनाथ, जो कि गणपत का बिजनेस पार्टनर है, और बेटा वैभव केबिन से बाहर आये। गणपत गायकवाड़ ने अपने बॉडीगार्ड हर्षल से उसकी लाइसेंसी रिवॉल्वर ले ली और फिर गणपत गायकवाड़ ने महेश पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें महेश और उसका साथी बुरी तरह घायल हो गए। जब पुलिस ने गणपत को गिरफ्तार किया तो उसने खुद कहा कि हां, मैंने खुद उसे गोली मारी है। मैंने पांच राउंड गोलियां चलाईं और मुझे कोई पछतावा नहीं है। अगर मेरे बेटे को पुलिस स्टेशन के अंदर पुलिस के सामने पीटा जा रहा है तो मैं क्या करूंगा? दरअसल, गणपत गायकवाड़ का कहना है कि महेश गायकवाड़ और उसके साथी थाने में उनके बेटे के साथ दुर्व्यवहार कर रहे थे। वे उसे पीट रहे थे और गालियां दे रहे थे।  गणपत गायकवाड़ ने कहा कि मैंने जो भी किया वह सही किया। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री रहेंगे तो महाराष्ट्र में सिर्फ अपराधी ही पैदा होंगे। आज उन्होंने मुझ जैसे भले आदमी को अपराधी बना दिया।

 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तुरंत मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने कहा कि घटना की जांच के लिए अपराध शाखा की एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है। ACP नीलेश सोनावणे के नेतृत्व में मामले की जांच की जाएगी। 

 सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई गोलीबारी की घटना.

बता दें, गणपत गायकवाड़ कल्याण पूर्व सीट से बीजेपी विधायक हैं। गणपत गायकवाड़ तीन बार से विधायक हैं और 2009 से लगातार चुनाव जीत रहे हैं। गणपत गायकवाड़ दो बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं। गणपत गायकवाड़ की शादी सुलभा गायकवाड़ से हुई है और उनके तीन बच्चे हैं, वैभव गायकवाड़, सयाली गायकवाड़ और प्रणव गायकवाड़। शिवसेना नेता महेश गायकवाड़ नगरसेवक हैं और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं। महेश गायकवाड उल्हासनगर शिव सेना के प्रमुख भी हैं। 

 

इस मामले पर पुलिस का क्या कहना है?
एडिशनल सीपी शिंदे के मुताबिक घटना से एक रात पहले वैभव गायकवाड़ हिल लाइन पुलिस स्टेशन गए थे। उनके साथ एकनाथ नामदेव जाधव भी थे और दोनों जमीन संबंधी शिकायत लेकर गये थे। लेकिन जैसे ही वैभव और एकनाथ के आने की खबर महेश गायकवाड़ को मिली तो वह भी अपने समर्थकों के साथ हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंच गए। जब वैभव के पिता गणपत गायकवाड़ को महेश के पुलिस स्टेशन जाने की जानकारी मिली तो गणपत गायकवाड़ खुद अपने बॉडीगार्ड हर्षल केन के साथ हिल लाइन पुलिस स्टेशन पहुंच गए। कुछ देर तक सीनियर पीआई अनिल जगताप के केबिन में उनके बीच बातचीत चलती रही, इसी बीच दोनों नेताओं के समर्थक बड़ी संख्या में बाहर जमा हो गए और नारेबाजी और धक्का-मुक्की करने लगे। लोगों को समझाने के लिए अनिल जगताप केबिन से बाहर आए। कुछ मिनट बाद गणपत गायकवाड़ के इशारे पर बेटा वैभव गायकवाड़ और एकनाथ जाधव भी केबिन से निकल गए, जो सीसीटीवी फुटेज में भी दिख रहा था। 

 


फायरिंग की घटना पर सियासी पारा चढ़ा
अब इस घटना के बाद महाराष्ट्र में राजनीतिक पार्टियां भी बयानबाजी कर रही हैं। घटना को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए पोस्ट में उन्होंने लिखा, ''उल्हासनगर के एक पुलिस स्टेशन में बीजेपी विधायक गणपत गायकवाड़ और शिंदे गुट के एक नगरसेवक के बीच फायरिंग की घटना हुई है। बीजेपी के बॉस 'सागर' बंगले में बैठे हैं और शिंदे गुट के बॉस 'वर्षा' बंगले में बैठे हैं, इसलिए दोनों पार्टियों के पदाधिकारियों और विधायकों को लगता है कि वे पुलिस के साथ खेल सकते हैं और कानून को भी अपने हाथ में ले सकते हैं।”

 

घटना के बारे में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता आनंद दुबे ने भी कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस विधायक को लोगों के कल्याण के लिए काम करना चाहिए वह लोगों पर गोलियां चला रहा है। तीन इंजन वाली सरकार में दो पार्टियों के नेता लड़ रहे हैं और एक-दूसरे को मारने की कोशिश कर रहे हैं। 

 

इस घटना को लेकर अजित पवार ने भी नाराजगी जताई। कहा कि वह इस पर गृह मंत्री देवेन्द्र फड़णवीस से बात करेंगे। विधायक गणपत गायकवाड़ की फायरिंग को गलत बताते हुए अजित पवार ने कहा, ''उल्हासनगर की घटना सभी ने देखी है।  विधायक गायकवाड़ हताश व्यक्ति की तरह बात कर रहे थे। उन्हें संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का दुरुपयोग करने से सावधान रहना चाहिए।” शिवसेना (UBT) नेता संजय राउत ने कहा, ''अगर इस राज्य में एकनाथ शिंदे जैसा मुख्यमंत्री होगा, तो यहां केवल अपराधी ही पैदा होंगे.'' उन्होंने कहा कि BJP विधायकों को अब कानून का डर नहीं है। 

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NCP सांसद सुप्रिया सुले ने भी कहा कि देवेंद्र फड़णवीस को गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। कहा, “क्या गृह मंत्री ने BJP नेताओं को महाराष्ट्र में कानून-व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने का खुला लाइसेंस दे दिया है? पुणे में पुलिस के सामने ही भाजपा विधायकों की हत्या कर दी जाती है और उल्हासनगर में पूर्व नगरसेवकों पर गोलियां चला दी जाती हैं। महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ठप हो गई है। BJP की गुंडागर्दी चल रही है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री चुपचाप यह सब देख रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय को राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। उन्हें तुरंत महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।”
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