Kiren Rijiju: किरण रिजिजू से वापस लिया गया कानून मंत्रालय, अर्जुन राम मेघवाल अब होंगे नए कानून मंत्री

किरण रिजिजू ने बार-बार कहा था कि जजों का चुनाव कॉलेजियम के जरिए नहीं होना चाहिए। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि जजों की नियुक्ति के लिए इससे बेहतर तरीका कोई नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट ने भी तब कहा था कि कई देशों में इसी तरह का तरीका अपनाया जा रहा है। पहली बार दोनों के बीच तनाव तब खुलकर सामने आया जब सौरभ कृपाल का मामला सामने आया। सौरभ कृपाल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। लेकिन कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल को मंजूरी नहीं दी. सौरभ कृपाल गे हैं लेकिन उन्होंने इस बात को कभी नहीं छुपाया।
किरण रिजिजू ने एक बयान में कहा था कि हम जनता से चुनकर आते हैं। वापस जब पांच साल बाद चुनाव होते हैं तो हमें जनता को जवाब देना होता है, लेकिन जजों के सामने ऐसा नहीं होता। वहीं कांग्रेस नेता अलका लांबा ने सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति और अदालतों के काम करने के तरीके को लेकर कानून मंत्री के रूप में किरण रिजिजू द्वारा की गई टिप्पणियों और हस्तक्षेप ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं, सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए कानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया।
पिछले कुछ समय से कानून मंत्री के तौर @KirenRijiju द्वारा जजों की नियुक्ति और अदालतों के काम करने के तौर तरीकों को लेकर की जा रही टिप्पणियों और हस्तक्षेप ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं,
— Alka Lamba 🇮🇳 (@LambaAlka) May 18, 2023
सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए अपने क़ानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया. https://t.co/cXDM9R8kjI
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी किरण रिजिजू पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि रिजिजू अब कानून मंत्री नहीं हैं। वह अब अर्थ साइंस मंत्री हैं। कानूनों के पीछे के विज्ञान को समझना आसान नहीं है। अब साइंस के नियमों से जूझने का प्रयास करेंगे। आपको मुबारक हो दोस्त!
Kiren Rijiju :
— Kapil Sibal (@KapilSibal) May 18, 2023
Not Law
Now Minister for Earth Sciences
Not easy to understand the science behind the Laws
Now will try to grapple with the laws of science
Good luck my friend !
कांग्रेस की अलका लांबा ने कहा, "न्यायाधीशों की नियुक्तियों और अदालतों पर रिजिजू की टिप्पणियों ने मोदी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थीं। सरकार ने अपनी छवि बचाने के लिए कानून मंत्री की बलि देकर अच्छा किया।"
IAS की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर से लोकसभा सांसद हैं। 2009 में, अर्जुन राम को बीकानेर से भारतीय जनता पार्टी के संसद सदस्य के रूप में चुना गया था। मेघवाल ने 2 जून 2009 को संसद सदस्य के रूप में शपथ ली। 2014 में, उन्हें 16वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया। 2019 के लोकसभा चुनाव में मेघवाल बीकानेर से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थे। सरकार ने उन्हें एक कार दी है, लेकिन वह साइकिल से संसद जाना पसंद करते हैं।
