दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी (Population) वाला देश बना भारत, आबादी 142 करोड़ के पार; हमारी आबादी चीन से 30 लाख ज्यादा।

भारत सबसे अधिक आबादी वाला देश: यह सच है कि भारत बढ़ती जनसंख्या को अभिशाप से अधिक वरदान बनाने में काफी हद तक सफल रहा है और इसे समस्या कहने के पीछे राजनेताओं की राजनीतिक विफलता भी एक बड़ा कारण है। लेकिन मुसलमानों की बढ़ती आबादी का डर दिखाकर कहीं कुछ संत इस विशाल मुद्दे का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं?
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भारत अब दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि भारत में अब चीन से करीब 30 लाख ज्यादा लोग हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत की आबादी 142 करोड़ 86 लाख है। वहीं दूसरी तरफ चीन की आबादी महज 142 करोड़ 57 लाख है।Read Also:-UP Weather Report : उत्तर प्रदेश के कई जिलों के लिए जारी हुआ येलो अलर्ट, अगले दो दिनों में बदलेगा मौसम

 

साल की शुरुआत में ही वैश्विक विशेषज्ञों ने भविष्यवाणी की थी कि 2023 में भारत सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। यूएनएफपीए (UNFPA) के नए आंकड़ों ने भी इसकी पुष्टि की है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, एक साल में भारत की आबादी में 1.56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

 

1950 के बाद पहली बार भारत की जनसंख्या चीन से अधिक है।
रिपोर्ट में नए आंकड़े 'जनसांख्यिकीय संकेतक' की श्रेणी में दिए गए हैं। यूएन 1950 से दुनिया में जनसंख्या के आंकड़े जारी करता आ रहा है। उसके बाद से यह पहला मौका है जब भारत ने जनसंख्या के मामले में चीन को पीछे छोड़ दिया है।

 

पिछले साल जारी एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पिछले 6 दशकों में पहली बार चीन की आबादी में गिरावट दर्ज की गई है। चीन में जन्म दर भी कम हुई है और इस साल यह माइनस में दर्ज की गई।

 


हिमालय से भी बड़े जनसंख्या घनत्व के पर्वत!
आजीविका की दृष्टि से गांवों के देश भारत की 70 प्रतिशत ग्रामीण आबादी कृषि पर निर्भर है और कृषि मानसून पर निर्भर है। एएल बाशम (AL Basham) अपनी किताब वंडर दैट वाज़ इंडिया (Wonder That Was India) में लिखते हैं कि यह देश ईश्वर से डरने वाला और आशावादी है क्योंकि यहां का जीवन मानसून पर निर्भर करता है। अब बदलते मौसम के कारण मानसून भी हल्का हो रहा है। इस पर बढ़ती आबादी का भार इसे और गंभीर मामला बना देता है।

 


सनातन धर्म के साथ-साथ हिमालय का भी भारतीय संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रहा है। सबसे लंबी पर्वत श्रृंखला वाले इस देश में जनसंख्या घनत्व का नक्शा देखा जाए तो उससे बने पर्वतों को हिमालय तक को भी छोटा दिखा सकते हैं। महानगरों के साथ-साथ आबादी के ये ऊंचे पहाड़ टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी दिखने लगे हैं।

 

यह सत्य है कि भारत जैसा देश बढ़ती जनसंख्या को अभिशाप से अधिक वरदान बनाने में काफी हद तक सफल रहा है और जनसंख्या को समस्या बनाने के पीछे राजनेताओं की राजनीतिक असफलता भी एक प्रमुख कारण है। लेकिन मुसलमानों की बढ़ती आबादी का डर दिखाकर कहीं कुछ संत इस विशाल मुद्दे का गलत इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं?

 

भारत से ज्यादा चीन में जी रहे लोग
चीन में औसत जीवन प्रत्याशा भारत से बेहतर है। यहां पुरुषों की औसत उम्र 76 साल और महिलाओं की औसत उम्र 82 साल है। जबकि भारत में पुरुषों की औसत आयु 74 वर्ष और महिलाओं की औसत आयु केवल 71 वर्ष है।

 

यूएनएफपीए इंडिया के प्रतिनिधि ने कहा कि अब दुनिया की आबादी 8 अरब हो गई है। हम भारत के 1.4 अरब लोगों को 1.4 अवसरों के रूप में देखेंगे। उन्होंने कहा कि भारत एक शक्तिशाली देश है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और आर्थिक विकास के मामले में लगातार आगे बढ़ रहा है। तकनीकी मामलों में हम रोज नए कीर्तिमान बना रहे हैं।

 

भारत में युवाओं की संख्या सबसे अधिक है
यूएन की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 25% लोग 14 साल तक के हैं। 10-19 वर्ष के आयु वर्ग में 18% लोग हैं। 10-24 साल के लोगों की संख्या 26% है तो 15-64 साल के करीब 68% लोग हैं। यानी भारत में सबसे ज्यादा युवा हैं, लेकिन चीन में ऐसा नहीं है। वृद्धों की संख्या सबसे अधिक है। चीन में 200 मिलियन लोग 65 वर्ष से अधिक आयु के हैं।

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आंकड़े जारी करने के बाद यूएनएफपीए (UNFPA) की मीडिया एडवाइजर एना जेफ्रीज ने कहा- यह साफ नहीं है कि भारत की आबादी कब चीन से ज्यादा हो गई। दोनों देशों के आंकड़े जारी करने के समय में काफी अंतर है, इसलिए इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। बता दें कि पिछले साल चीन की आबादी अपने चरम पर थी, जिसके बाद इसमें 8.5 लाख की गिरावट आई है। इसके विपरीत भारत में जनसंख्या निरन्तर बढ़ रही है।
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