हिमाचल प्रदेश में 24 घंटे में 43 लोगो की हुई मौत, सोलन में एक ही परिवार के 7 लोगों की मौत, शिमला में शिव मंदिर से 8 शव निकाले गए
यहां करीब 30-35 लोगों के फंसे होने की सूचना है। हमारी 14 NDRF की टीम मौके पर पहुंची है और करीब 30 लोग काम कर रहे हैं। यहां काफी मलबा है और बड़े पेड़ों को काटा जा रहा है जिससे काम करने में आसानी हो। हमारे साथ SDRF की टीम भी लगी है: NDRF अधिकारी नाफिस खान https://t.co/p3BFnypFXF pic.twitter.com/dchCv2S3Yy
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 14, 2023
हिमाचल प्रदेश में दो दिन से भारी बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटों में भूस्खलन, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 43 लोगों की जान चली गई। मौसम विभाग ने 16 अगस्त तक राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
#WATCH हिमाचल प्रदेश: जुतोग और समर हिल रेलवे स्टेशनों के बीच किमी 92/6-92/7 पर कालका-शिमला रेलवे ट्रैक भारी बारिश के कारण बह गया है। कंडाघाट-शिमला के बीच ट्रेनों की आवाजाही रद्द है।
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(वीडियो प्रभावित इलाके की है।) pic.twitter.com/L16L66HVoD
शिव बावड़ी मंदिर आया बरसात की चपेट में
शिमला के समरहिल इलाके में स्थित शिव बावड़ी मंदिर भारी बारिश के कारण भूस्खलन की चपेट में आ गया। मलबे में 25 से ज्यादा लोग दब गए। अब तक 2 बच्चों समेत 8 शव निकाले जा चुके हैं। बाकी की तलाश जारी है।
लगातार बारिश के कारण मंदिर में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है। पहाड़ी से अभी भी पत्थर गिर रहे हैं। मलबे के साथ चार से पांच पेड़ मंदिर के ऊपर गिर गए। इससे ज्यादा नुकसान हुआ है। SDRF, ITBP,, पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू में लगे हुए हैं। JCB से मलबा हटाया जा रहा है।
- मंदिर में खीर बनाने गए थे 4 भतीजे: समरहिल इलाके में रहने वाले किशोर ठाकुर ने बताया कि उनके 4 भतीजे भी मंदिर के अंदर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि मंदिर के अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए फोन आए हैं। ये बात सच है या अफवाह ये तो पता नहीं। उन्होंने कहा कि हर साल 15 अगस्त को मंदिर में भंडारा होता है और आज सावन का आखिरी सोमवार है। तभी मंदिर में खीर बनाने के लिए उनके भतीजे समेत छह-सात लोग मौजूद थे।
- घर में चीजें भूलने से बची जान : शिव मंदिर में खीर बनाने आये नरेश ने बताया कि सुबह जब वह मंदिर आये तो यहां सब कुछ ठीक था। वह घर पर कुछ चीजें भूल गया। इसलिए मंदिर से वापस घर चला गया। जैसे ही वह घर से दोबारा मंदिर पहुंचे तो भूस्खलन शुरू हो चुका था और उन्होंने अपनी आंखों के सामने तबाही का यह मंजर देखा। उन्होंने बताया कि हादसे के वक्त मंदिर में दो बढ़ई, एक नेपाली और कुछ लोग मौजूद थे। स्थानीय लोगों ने उसी समय मलबे से नेपाली को बाहर निकाल लिया। लेकिन कुछ लोग मंदिर के अंदर फंसे हुए हैं।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शिमला में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन मलबा हटाने का काम कर रहा है। फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। उधर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा- 10 से 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है।
#UPDATE हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण कुल 41 लोगों की जान चली गई है। खोज एवं बचाव अभियान जारी है: सीएमओ हिमाचल प्रदेश https://t.co/ZQTf6wzeNx
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मुख्यमंत्री ने जिला सोलन की ग्राम पंचायत ममलीग के भूस्खलन प्रभावित जादोन गांव का भी दौरा किया। यहां बादल फटने से एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री इस त्रासदी को देखकर भावुक हो गये और कहा कि प्रभावित परिवार को राज्य सरकार की ओर से हरसंभव मदद दी जायेगी।
हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग के भूविज्ञानी अतुल शर्मा ने बताया कि सड़कों के लिए पहाड़ों की वर्टिकल कटिंग की जा रही है। इससे भी ज्यादा विनाश हो रहा है। इससे चंडीगढ़-शिमला फोरलेन और चंडीगढ़-मनाली फोरलेन हाईवे पर ज्यादा नुकसान हुआ है।
#WATCH हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में पराशर झील की सड़क पर नदी उफान पर बह रही हैं। pic.twitter.com/V7CkI7lPfI
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अतुल शर्मा ने बताया कि शिमला और सोलन के पहाड़ों में चिकनी मिट्टी अधिक है, जो भारी बारिश होने पर फूल जाती है। इससे भारी तबाही मच रही है।
शिमला में सोमवार सुबह भूस्खलन के कारण हुए दो बड़े हादसों के बाद शवों के साथ-साथ घायलों को इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (IGMC) लाया जा रहा है। इसके चलते सुबह से ही यहां अफरा-तफरी का माहौल रहा। शिव बावड़ी मंदिर से निकाले गए आठ लोगों के शव पोस्टमॉर्टम के लिए यहां लाए गए। मंदिर से सुरक्षित निकाले गए लोगों को इलाज के लिए अस्पताल भी लाया गया।
मुख्यमंत्री सुखविंदर ने कहा कि राज्य में स्वतंत्रता दिवस समारोह पर कोई सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस दौरान सिर्फ ध्वजारोहण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी।
टिहरी के शिवपुरी की एक सुरंग में पानी भरने से इंजीनियर और मजदूर फंस गए थे। शिवपुरी स्थित एलएंडटी कंपनी के मैनेजर अजय प्रताप सिंह ने पुलिस को सूचना दी थी। सुरंग में करीब 4 फीट पानी भरा हुआ था, जिसके कारण लोग 300 फीट अंदर फंस गए थे। पोकलेन मशीन से मलबा हटाया गया और अंदर फंसे 114 लोगों को बचाया गया।
जगह | मौतें |
मंडी | 14 |
शिमला | 12 |
सोलन | 10 |
सिरमौर | 4 |
हमीरपुर | 1 |
कांगड़ा | 1 |
चंबा | 1 |
कुल | 43 |