'अगर धरती पर ऐसा होता है तो हम सब खत्म हो जाएंगे', ISRO चीफ ने किस खतरे पर दी चेतावनी?

वर्तमान युग का सबसे खतरनाक एस्टरॉयड अपोफिस, जिसका व्यास 370 मीटर है, 13 अप्रैल 2029 को तथा पुनः 2036 में हमारे पास से गुजरेगा। एक अग्रणी अंतरिक्ष राष्ट्र के रूप में, भारत को भी एस्टरॉयड से पृथ्वी की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए ~डॉ. एस सोमनाथ
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Asteroid
आंतरिक सौरमंडल में क्षुद्रग्रह (Asteroids) घूमते रहते हैं। इनका आकार ग्रहों से छोटा लेकिन उल्काओं से बड़ा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार ये क्षुद्रग्रह (Asteroids) पृथ्वी से भी टकरा सकते हैं और अगर ऐसा हुआ तो बहुत बड़े पैमाने पर तबाही मच सकती है। स्थिति इतनी भयावह हो सकती है कि पूरी पृथ्वी ही नष्ट हो सकती है। दुनिया भर की अंतरिक्ष एजेंसियां ​​पृथ्वी को इस खतरे से बचाने के लिए रक्षा क्षमताएं विकसित करने में जुटी हैं। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो भी इसको लेकर सक्रिय है। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भी इस संभावित खतरे को लेकर अपना नजरिया सामने रखा है।Read also:-संसद से सड़क तक राहुल गांधी की सक्रियता, हाथरस के पीड़ित परिवारों से मिलकर दिया राजनीतिक संदेश, प्रशासन पर उठाए सवाल

 

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि मनुष्य का जीवनकाल 70 से 80 साल का होता है और हम आमतौर पर अपने जीवनकाल में ऐसी भयावह घटनाएं नहीं देखते हैं। इसलिए हम मान लेते हैं कि ऐसी घटनाएं नहीं हो सकती हैं। लेकिन, इतिहास पर नजर डालें तो तस्वीर इसके उलट नजर आएगी। उन्होंने कहा, मैंने बृहस्पति (Jupiter) से क्षुद्रग्रह (Asteroids) को टकराते देखा है। अगर पृथ्वी पर ऐसी घटना होती है तो हम सभी नष्ट हो जाएंगे। इस संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। हमें खुद को तैयार रखना चाहिए। हम धरती का विनाश नहीं चाहते लेकिन अगर हम इसे रोक नहीं सकते तो हमें मानव सभ्यता को बचाने के लिए विकल्प तलाशने होंगे।

 


खतरे को टालने के लिए मानव क्या कर सकता है?
सोमनाथ ने कहा कि हम चाहते हैं कि इंसान और सभी जीव यहां रहें। लेकिन, अगर ऐसी स्थिति आती है तो हमारे पास एक तरीका है जिससे हम इस खतरे को टाल सकते हैं। इसके लिए हमें ऐसे ग्रह तलाशने होंगे जो धरती जैसे हों। हालांकि, यह काम इतना आसान नहीं है लेकिन तकनीक और पूर्वानुमान लगाने की क्षमता विकसित करने की जरूरत है। इसके लिए देशों को मिलकर काम करना होगा। आने वाले समय में ऐसा होना तय है। जब खतरा हकीकत बन जाएगा तो मानवता को साथ आकर काम करना होगा। इससे पहले इसरो प्रमुख भी धरती से क्षुद्रग्रह (Asteroids) के टकराने की स्थिति में मंगल ग्रह (Mars) पर जाने का विकल्प बता चुके हैं।

 KINATIC

हजारों किलोमीटर में फैले जंगल हो गए थे नष्ट
30 जून 1908 को साइबेरिया में क्षुद्रग्रह (Asteroids) से हुए भीषण हवाई विस्फोट ने करीब 2200 वर्ग किलोमीटर में फैले घने जंगल को नष्ट कर दिया था। इस दौरान करीब 8 करोड़ पेड़ नष्ट हो गए थे। वहीं 13 अप्रैल 2029 को अपोफिस नाम का एक क्षुद्रग्रह पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इसका व्यास करीब 370 मीटर बताया जा रहा है। यह 2036 में फिर से पृथ्वी के पास से गुजरेगा। इसे पृथ्वी के लिए काफी खतरनाक माना जा रहा है। आपको बता दें कि 10 किलोमीटर या उससे बड़े क्षुद्रग्रह से टकराने की घटना पूरी तरह से विनाश के स्तर की मानी जाती है। दुनियाभर की अंतरिक्ष एजेंसियां ​​इस बड़े खतरे से बचने का तरीका खोजने में जुटी हैं।
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