संसद से सड़क तक राहुल गांधी की सक्रियता, हाथरस के पीड़ित परिवारों से मिलकर दिया राजनीतिक संदेश, प्रशासन पर उठाए सवाल

हाथरस में हुई घटना के बाद राहुल गांधी ने आज पीड़ित परिवारों से मुलाकात की।  राहुल गांधी अलीगढ़ और हाथरस के पिलखनी गए और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस तरह राहुल गांधी अब अलग मूड में नजर आ रहे हैं और संसद से लेकर सड़क तक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने प्रशासन पर भी सवाल उठाए। 
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HATHRAS
कांग्रेस भले ही देश की सत्ता में वापसी नहीं कर पाई हो, लेकिन लोकसभा में 99 सीटें जीतने के बाद उसके हौसले बुलंद हैं। पहली बार विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी संभाल रहे राहुल गांधी संसद से लेकर सड़क तक सक्रिय नजर आ रहे हैं। लोकसभा में राहुल ने मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक तेवर दिखाते हुए नफरत के मुद्दे से लेकर अग्निवीर तक पर हमला बोला और संसद का विशेष सत्र खत्म होते ही सड़क पर उतर आए। गुरुवार को राहुल ने दिल्ली के जीटीबी नगर में दिहाड़ी मजदूरों से मुलाकात की तो शुक्रवार को वह हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। इस तरह राहुल गांधी अब तेवर में नजर आ रहे हैं और संसद से सड़क तक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं।READ ALSO:-UP : दिनदहाड़े बाजार में स्टैंड संचालक की हत्या, तौलिये में छुपाई रिवॉल्वर, कनपटी पर मारी गोली, CCTV में भागता नजर आया आरोपी

लोकसभा चुनाव में मिली जीत ने कांग्रेस को राजनीतिक संजीवनी दे दी है। राहुल गांधी अब 2024 के चुनाव को लेकर बने माहौल को बरकरार रखने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते। संसद से सड़क तक सक्रिय रहकर राहुल भाजपा और मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खुला रखना चाहते हैं। जिस तरह से उन्होंने संसद में मोदी सरकार को आक्रामक तरीके से घेरा और फिर सड़कों पर उतरकर फिर से लोगों से मिलना-जुलना शुरू किया। 2024 के लोकसभा चुनाव से राहुल गांधी के बदले अंदाज की चर्चा हो रही है।

 


हाथरस हादसे के पीड़ितों से मिले राहुल
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे। सबसे पहले उन्होंने अलीगढ़ में पीड़ित परिवार के सदस्यों से मिलकर उनका दुख जाना और फिर हाथरस में एक पीड़ित परिवार से मुलाकात की। राहुल गांधी ने कहा कि यह दुखद है कि कई परिवारों को तकलीफ हुई है। मैं इसे राजनीतिक नजरिए से नहीं देखना चाहता, लेकिन प्रशासन की कमी है और गलतियां हुई हैं। राहुल ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिवारों को जल्द से जल्द मुआवजा देने की मांग की है। राहुल ने कहा कि मुआवजा सही तरीके से दिया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूं कि वे खुले दिल से और जल्द से जल्द मुआवजा दें, क्योंकि ये गरीब परिवार हैं और उनके लिए यह मुश्किल समय है।

 


उत्तर प्रदेश के हाथरस के फुलेराई गांव में सत्संग का आयोजन किया गया था, जिसमें मंगलवार को भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। ऐसे में राहुल गांधी ने शुक्रवार को हाथरस हादसे के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका दुख साझा किया। इस तरह राहुल गांधी पीड़ित परिवार को गले लगाकर उनका दुख साझा करने के साथ-साथ एक राजनीतिक संदेश भी देते नजर आए। अलीगढ़ में राहुल गांधी ने जिस छोटे लाल परिवार से मुलाकात की, वह दलित समुदाय से आता है। हाथरस हादसे में मरने वाले ज्यादातर लोग दलित समुदाय से थे। ऐसे में भले ही राहुल गांधी पीड़ितों के बीच पहुंचे हों, लेकिन इसे लोकसभा चुनाव में मिले दलित वोटों को बरकरार रखने की रणनीति माना जा रहा है।

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दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरों से भी मिले थे राहुल गांधी 
संसद सत्र खत्म होते ही राहुल गांधी गुरुवार को सड़कों पर उतरे और दिल्ली के जीटीबी नगर पहुंचे, जहां उन्होंने दिहाड़ी मजदूरों और कामगारों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा। राहुल गांधी ने कामगारों से बात की और उनकी समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। राहुल ने किंग्सवे कैंप के लेबर चौक पर काफी देर तक कामगारों से चर्चा की। इस दौरान कांग्रेस ने कहा कि मेहनतकश मजदूर भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनके जीवन को आसान और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाना हमारी जिम्मेदारी है। राहुल गांधी कई बार मजदूरों, श्रमिकों और किसानों के बीच जा चुके हैं। एक साल पहले भी राहुल दिल्ली के एक गैराज में पहुंचे थे। उन्होंने वहां मैकेनिक के साथ काम किया था। इस तरह से राहुल गांधी लोगों के बीच अपनी सक्रियता बनाए रखना चाहते हैं और गरीबों-मजदूरों की लड़ाई का राजनीतिक संदेश देने की कोशिश करते नजर आ रहे हैं।

 Rahul Gandhi Gtb

प्रशासन की कमी है, गलतियां भी हुई हैं
पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद राहुल गांधी ने कहा कि कई परिवारों को बहुत तकलीफ हुई है, कई लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की कमी है और गलतियां भी हुई हैं। सबसे जरूरी बात यह है कि मुआवजा तुरंत दिया जाना चाहिए, क्योंकि ये सभी गरीब परिवार हैं और इन्हें अभी मुआवजे की जरूरत है। मैं यूपी के सीएम से अनुरोध करता हूं कि वे उदारता से मुआवजा दें। उन्होंने आगे कहा कि अगर आपने 6 महीने बाद, एक साल बाद दिया तो इसका किसी को कोई फायदा नहीं है। जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाना चाहिए और जो भी दिया जाए उदारता से दिया जाना चाहिए। परिजनों ने कहा कि प्रशासन की कमी है।
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