लोन वसूली के लिए नहीं चलेगी बैंको की जोर जबरदस्ती, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की चेतावनी-लिमिट में रहें बैंक!

क्या आपको लोन वसूली के लिए बैंकों द्वारा धमकाया जा रहा है? या बार-बार आपके घर आना और मोहल्ले में बेइज्जत किया जा रहा है। तो अब बैंकों की ऐसी मनमानी नहीं चलेगी, इसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बड़ा ऐलान किया है।
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NIRMALA SITARAMAN
बैंकों द्वारा कर्ज वसूली के लिए आम आदमी को परेशान करने की खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं। इससे जुड़ी कई शिकायतें मिलने के बाद अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बैंकों को 'सीमा' के भीतर काम करने की चेतावनी दी है।READ ALSO:-यमुना एक्सप्रेस-वे पर दर्दनाक हादसा, 4 की हुई मौत, एक्सीडेंट में घायलों को बचा रहे थे कार सवार, तभी बस ने कार समेत 3 युवकों को रोंद दिया

 

संसद के मानसून सत्र के दौरान जब एक सांसद ने बैंकों द्वारा आम लोगों को कर्ज वसूली के लिए परेशान करने और धमकाने जैसे हथकंडों की ओर ध्यान दिलाया तो वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने जवाब में कहा कि सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है। सभी बैंकों को 'सीमा' के भीतर काम करने का निर्देश दिया गया है। 

 

निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?
वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे इस बात की भी शिकायत मिली है कि कैसे कुछ बैंक कर्ज वसूली के लिए लोगों के साथ बेरहमी से पेश आते हैं। सरकार की ओर से आरबीआई को साफ तौर पर कहा गया है कि वह ऐसे बैंकों के लिए दिशानिर्देश जारी करे। चाहे सरकारी बैंक हों या निजी बैंक, उन्हें कर्ज वसूलने के लिए कठोर कदम नहीं उठाना चाहिए। जब भी आम आदमी से ऋण वसूली के लिए संपर्क किया जाए तो मानवता और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ही ऐसा किया जाना चाहिए।

 


वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का यह बयान इसलिए भी अहम है क्योंकि आरबीआई की गाइडलाइंस के बावजूद कुछ बैंक लोगों से कर्ज वसूली के लिए जबरदस्ती का तरीका अपनाते हैं। इसमें धमकी देना, घर के बाहर तमाशा करना आदि शामिल हैं। जानें आरबीआई के नियम इस बारे में क्या कहते हैं। 

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लोन वसूली को लेकर आरबीआई की गाइडलाइंस
भारतीय रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक, बैंक का लोन रिकवरी एजेंट ग्राहक को सुबह 8 बजे से शाम 7 बजे के बीच ही कॉल कर सकता है। ऋण वसूली एजेंट ग्राहक द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर मिल सकते हैं। ग्राहक के पूछने पर लोन रिकवरी एजेंट को बैंक द्वारा दी गई आईडी दिखानी होगी। 

 

बैंक को ग्राहक की गोपनीयता को सबसे ऊपर रखना होगा। ग्राहक के साथ शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न नहीं किया जाना चाहिए। अगर फिर भी किसी ग्राहक के साथ ऐसा होता है तो ग्राहक इसकी शिकायत सीधे आरबीआई से कर सकता है।
monika

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