दिल्ली और बिहार में भूकंप के झटके, नेपाल में भी 6.1 मैग्निट्यूड की तेज़ी से कांपी धरती;

 नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 55 किलोमीटर (35 मील) पश्चिम में धाडिंग में जमीन से 14 किलोमीटर (14 किलोमीटर) की गहराई पर था। भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। 
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नेपाल में आज सुबह करीब 7.24 बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किये गये। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई. उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली-एनसीआर में भी झटके महसूस किए गए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के अनुसार, भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 55 किलोमीटर (35 मील) पश्चिम में धाडिंग में जमीन से 14 किलोमीटर (14 किलोमीटर) की गहराई पर था। भूकंप से किसी तरह के जान-माल के नुकसान जैसी कोई खबर नहीं है। READ ALSO:-अब सिर्फ 6 घंटे में दिल्ली से वैष्णो देवी पहुंच जाएंगे आप, इस एक्सप्रेस-वे पर आपकी कार जमकर भरेगी फर्राटा!

 

इससे पहले 16 अक्टूबर को भी नेपाल के कई हिस्सों में 4.8 तीव्रता के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। 3 अक्टूबर को भी दोपहर 2:40 बजे नेपाल के कई हिस्सों में भूकंप आया था। तब भी उत्तर प्रदेश, बिहार और Delhi-NCR समेत भारत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 17 तारीख को नेपाल में आधे घंटे के अंदर दो भूकंप आए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप निगरानी एवं अनुसंधान केंद्र के मुताबिक भूकंप की तीव्रता 6.2 थी। 

 


रिक्टर स्केल भूकंप की तीव्रता मापने का एक उपकरण है। रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता जितनी अधिक होगी, नुकसान की संभावना उतनी ही अधिक होगी।  अगर भूकंप की तीव्रता 0 से 1.9 के बीच हो तो इसका पता नहीं चलता है। यह जानकारी केवल सिस्मोग्राफ पर ही उपलब्ध होती है। जब तीव्रता 2 और 2.9 के बीच होती है, तो बहुत कम कंपन का पता चलता है। रिक्टर स्केल पर 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप ऐसे आएगा मानो कोई भारी वाहन पास से गुजरा हो। वहीं, जब 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आता है तो पंखे, दीवारों पर टंगी तस्वीरें आदि हिलने लगती हैं।

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यदि तीव्रता 5 से 5.9 के बीच है, तो भारी सामान और फर्नीचर हिल सकते हैं, जबकि 6 से 6.9 की तीव्रता वाले भूकंप से घरों की नींव दरक सकती है। 7 से 7.9 तीव्रता होने पर विनाश होता है, इमारतें ढह जाती हैं, जबकि 8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप से सुनामी का खतरा होता है। हाल ही में तुर्की में 7.2 तीव्रता के भूकंप ने भारी तबाही मचाई थी, जिसमें लाखों लोग मारे गए थे। कुछ समय पहले मोरक्को और फिर अफगानिस्तान में भी भूकंप से भारी तबाही हुई थी। 
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