छत्तीसगढ़ में कुर्सी का संघर्ष: बदल सकता है प्रदेश का CM; भूपेश बघेल दिल्ली तलब
छत्तीसगढ़ कांग्रेस को लेकर बैठकों का दौर जारी है। अब छत्तीसगढ़ में सत्ता के संघर्ष के बीच राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल को दिल्ली तलब किया हैं।

राजस्थान और पंजाब की तरह ही कांग्रेस के लिए छत्तीसगढ़ भी आंतरिक कलह शुरू हो गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव खुद को सीएम बनाए जाने की मांग कर रहे हैं और उसके चलते संघर्ष बढ़ गया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच 'छत्तीस' के सियासी आंकड़े ने कांग्रेस को पूरी तरह से उलझा दिया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी भूषेश बघेल की जगह टीएस सिंहदेव को सीएम बनाना चाहते हैं। Read Also : वाइफ स्वैपिंग का खेल : विवाहिता का आरोप-'पति ने उसे किया दोस्त के हवाले' खुद उनकी पत्नियों संग करता है सेक्स
कांग्रेस सियासी नफा-नुकसान का आंकलन कर रही
मुख्यमंत्री बदलना है या नहीं, इसे लेकर किसी निर्णय पर पहुंचने से पहले कांग्रेस सियासी नफा-नुकसान का आंकलन कर रही है। इसके चलते जहां कभी टीएस सिंहदेव राहुल गांधी से मिलते हैं तो कभी सीएम बघेल को। यानि छत्तीसगढ़ कांग्रेस को लेकर बैठकों का दौर जारी है। अब छत्तीसगढ़ में सत्ता के संघर्ष के बीच राहुल गांधी ने सीएम भूपेश बघेल को दिल्ली तलब किया हैं। फिलहाल, कांग्रेस छत्तीसगढ़ का असली बाजीगर भूपेश बघेल को मानती है या फिर टीएस सिंहदेव को, यह देखने वाली बात होगी।
40 विधायक पहले से ही दिल्ली में मौजूद
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा सूबे के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे और क्लाइमेट चेंज मिनिस्टर मोहम्मद अकबर भी उनके साथ गए हैं। उधर पार्टी के 40 विधायक पहले से ही दिल्ली में मौजूद हैं। कई विधायकों ने सीनियर नेताओं से मुलाकात की कोशिश की है, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। विधायकों का दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने के प्रयास हैं, हालांकि बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी की कोई बात नहीं है।
सोनिया गांधी- राहुल गांधी जब कहेंगे तब पद छोड़ दूंगा
मुख्यमंत्री बघेल ने छतीसगढ़ पहुंचकर कहा था कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी के आदेश से वह इस पद पर आसीन हुए हैं और उनके कहने पर तत्काल इस पद को त्याग देंगे। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा था कि मुख्यमंत्री पद के ढाई—ढाई वर्ष के बंटवारे का राग अलाप रहे लोग प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता लाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें वह कभी सफल नहीं होंगे।
आखिर वे अपने नेताओं से मिलने क्यों नहीं जा सकते हैं
बघेल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'केसी वेणुगोपाल जी ने कल मुझे संदेश भेजा था कि आज मैं राहुल गांधी से मुलाकात करूं। उनके निर्देश के आधार पर मैं दिल्ली जा रहा हूं और इससे ज्यादा मुझे कोई जानकारी नहीं है।' अन्य कई विधायकों औ मंत्रियों के भी दिल्ली पहुंचने की सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा, 'आखिर वे अपने नेताओं से मिलने क्यों नहीं जा सकते हैं। मुझे भी कॉल मिली तो आज मैं जा रहा हूं। हालांकि इस दौरान भूपेश बघेल ने टीएस सिंह देव के बयान को लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। टीएस सिंह देव ने कहा था कि यदि कोई प्लेयर टीम में खेलता है तो फिर वह सीएम बनने के बारे में क्यों नहीं सोच सकता।
सीएम बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं
गौतलब है कि छत्तीसगढ़ में दिसंबर, 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के बीच रिश्ते सहज नहीं रहे। सिंहदेव के समर्थकों का कहना है कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री को लेकर सहमति बनी थी और ऐसे में अब सिंहदेव को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। दरअसल 2018 में हुए विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस की ओर से भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव की ओर से सीएम पद के लिए दावा किया गया था। तब बघेल को कमान मिली थी और कहा जा रहा था कि ढाई साल के बाद टीएस सिंह देव सीएम बनाया जाएगा। हालांकि केंद्रीय लीडरशिप या राज्य के किसी नेता की ओर से इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया था।
दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी। उस दौरान कांग्रेस की लीडरशिप राजस्थान और मध्य प्रदेश में अंतर्कलह को लेकर भी परेशान थी। तब भूपेश बघेल के अलावा ताम्रध्वज साहू, चंद्रदास महंत और टीएस सिंह देव ने सीएम पद के लिए दावा किया था।