Justice Suryakant : सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत के बारे में जानिए, जिन्होंने नूपुर शर्मा को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया

जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई, 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता नियुक्त हुए। अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस सूर्यकांत अनुच्छेद 370, सीएए और पेगासस सहित कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं।
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भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि देश में जो कुछ भी हो रहा है उसकी जिम्मेदार नूपुर शर्मा है। उनकी एक टिप्पणी ने पूरे देश को भड़का दिया। कोर्ट ने कहा कि नूपुर शर्मा को पूरे देश के सामने टीवी पर आकर माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केस ट्रांसफर करने वाली उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया और उन्हें हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। इसके बाद से ही जस्टिस सूर्यकांत को हर कोई जानने लगा है। आइए जानते हैं कौन है जस्टिस सूर्यकांत....

कौन हैं जस्टिस सूर्यकांत?

जस्टिस सूर्यकांत हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। उन्होने पांच अक्तूबर, 2018 को हिमाचल प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश का कार्यभार संभाला था। बता दें आठ मई को सुप्रीम कोर्ट के पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किए जाने को अपनी सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी। जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बने। न्यायाधीश सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी, 1962 को हरियाणा के हिसार जिले में मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके परिवारिक बैकग्राउण्ड किसानी है। Read More.नूपुर शर्मा के घमंड ने देश को आग में झोंका, देश की सुरक्षा के लिए खतरा है वो, वे ही उदयपुर की घटना के लिए जिम्मेदार; टीवी पर आकर पूरे देश के सामने माफी मांगो: सुप्रीम कोर्ट

मध्यवर्गीय परिवार से हैं सूर्यकांत

जस्टिस सूर्यकांत की प्राइमरी एजुकेशन गांव से हुई है। 1984 में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक से उन्होंने लॅा में स्नातक किया। 1984 में इन्होंने हिसार के ही जिला न्यायालय में वकालत शुरू की और वर्ष 1985 से चंडीगढ़ में वकालत शुरू की। जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई, 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के महाधिवक्ता नियुक्त हुए। बाद में मार्च 2001 में वरिष्ठ अधिवक्ता बने। 9 जनवरी, 2004 को इन्हें पंजाब एवं हरियाणा का न्यायाधीश भी नियुक्त किया गया था। 

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जस्टिस सूर्यकांत के महत्वपूर्ण फैसले

27 जून को सुप्रीम कोर्ट के जज के रुप में जस्टिस सूर्यकांत एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। जिसमें उन्होंने कहा कि जब उनकी जमीन का केयरटेकर शिकायत दर्ज कराने थाने गया तो थाना प्रभारी ने टिप्पणी की थी कि कुछ दिन पहले ही कोर्ट ने चोर को जमानत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान जस्टिस सूर्यकांत अनुच्छेद 370, सीएए और पेगासस सहित कई अहम फैसलों का हिस्सा रहे हैं। कोरोना महामारी के दौरान जस्टिस सूर्यकांत जेल में बंद कैदियों के बचाव में आए थे और उनकी रिहाई का आदेश दिया था ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके।

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