Cheetah Project : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शेयर किया 2009 का लेटर, कहा- प्रधानमंत्री को है झूठ बोलने की आदत

 चीता परियोजना पर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा था कि पिछले 70 सालों में कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। रविवार को कांग्रेस ने एक बार फिर इसका सबूत पेश किया है। 
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए 'चीता परिवार' को छोड़ा था। ऐसे में क्रेडिन की लड़ाई जारी है। कांग्रेस का कहना है कि यह उनके द्वारा की गई पहल का नतीजा है, जबकि पीएम ने अपने संबोधन में कहा था कि पिछले 70 सालों में कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया है।  ऐसे में कांग्रेस ने इससे पहले भी एक ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। रविवार को कांग्रेस ने एक बार फिर इसका सबूत पेश किया है। Read Also:-राहुल गाँधी ने प्रधान मंत्री मोदी पर साधा निशाना, बोले 8 चीते तो आ गए, 8 सालों में 16 करोड़ रोज़गार (Employment) क्यों नहीं आए

 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर एक पत्र साझा किया है। जिसे 2009 में प्रोजेक्ट चीता के लिए लिखा गया था। उन्होंने प्रधान मंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए इस लेटर को शेयर किया है। जयराम ने यह पत्र प्रधान मंत्री के 'कोई सार्थक प्रयास नहीं' के बयान पर पोस्ट किया है। 2009 में यूपीए सरकार के दौरान जयराम रमेश वन और पर्यावरण मंत्री थे। इस दौरान रमेश ने प्रोजेक्ट चीता को मंजूरी देते हुए वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया को यह पत्र लिखा था।

 


इस पत्र में रमेश ने वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के डॉ एमके रंजीत सिंह को चीता परियोजना पर रोडमैप तैयार करने को कहा था। साथ ही उनसे उन संभावित जगहों के बारे में भी पूछा जहां चीतों को रखा जा सकता है। पत्र में लिखा है कि, 'इस परियोजना के रोडमैप का विश्लेषण भारतीय वन्यजीव संस्थान के अलावा बीएनएचएस और डब्ल्यूटीआई जैसे अन्य संस्थानों के साथ भी किया जाना चाहिए।'

 

प्रधानमंत्री की झूठ बोलने की आदत
उन्होंने आगे लिखा कि, 'आप इस अध्ययन के लिए राज्य के वन विभाग को भी साथ ले जा सकते हैं, मुझे उम्मीद है कि आप जनवरी 2010 तक इस रोडमैप को वन और पर्यावरण मंत्रालय के सामने पेश करेंगे.' जयराम ने ट्वीट में कहा कि यह पत्र वह है जिसने चीता परियोजना 2009 की शुरुआत की। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि, 'हमारे प्रधानमंत्री को झूठ बोलने की आदत है। मैं कल यह पत्र पोस्ट नहीं कर सका क्योंकि मैं भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त था।

 

प्रधानमंत्री ने कहा था- कोई सार्थक प्रयास नहीं हुए 
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नामीबिया से लाए गए चीता परिवार को कुनो नेशनल पार्क में छोड़ा था। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि, 'यह बहुत दुखद है कि हमने 1952 में चीते को विलुप्त घोषित कर दिया था। लेकिन इसके बाद पिछले 7 दशकों में उनके पुनर्वास के लिए कोई सार्थक प्रयास नहीं किया गया। 
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