राहुल गाँधी ने प्रधान मंत्री मोदी पर साधा निशाना, बोले 8 चीते तो आ गए, 8 सालों में 16 करोड़ रोज़गार (Employment) क्यों नहीं आए

प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया गया, लेकिन इस पर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा।
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Rahul Gandi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में एक विशेष बाड़े में छोड़ा। इसके बाद इसको लेकर राजनीति शुरू हो गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि 8 चीते आ गए लेकिन 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘8 चीते तो आ गए, अब ये बताइए, 8 सालों में 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए? युवाओं की है ललकार, ले कर रहेंगे रोजगार’।Read Also :- Cheetahs Return: कूनो नेशनल पार्क में आफ्रिकी चीते कैसे करेंगे सर्वाइव, जानें वजह

 

8 साल में 16 करोड़ रोजगार क्यों नहीं आए : राहुल गाँधी 
कांग्रेस और राहुल गांधी का यह आरोप रहा है कि प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा किया था, जिसे उन्होंने पूरा नहीं किया। शनिवार को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे प्रधानमंत्री मोदी ने चीतों को केएनपी के एक विशेष बाड़े में छोड़ दिया। चीते धीरे-धीरे पिंजरों से बाहर निकलते देखे गए। इस मौके पर मोदी अपने प्रोफेशनल कैमरे से चीतों की तस्वीरें भी लेते नजर आए।

 

इस मौके पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मंच पर मौजूद थे।  आपको बता दें कि देश के आखिरी चीते की मौत 1947 में कोरिया जिले में हुई थी, जो छत्तीसगढ़ जिले में स्थित है। 1952 में चीता को भारत में विलुप्त घोषित कर दिया गया था।

 


राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने के लिए पीएम मोदी ने बनाया चीता छोड़ने का तमाशा
राहुल गांधी से पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि यह सब तमाशा राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और 'भारत जोड़ों यात्रा' से ध्यान हटाने के लिए किया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'प्रधानमंत्री शासन में निरंतरता को शायद ही कभी स्वीकार करते हैं। चीता परियोजना के लिए 25 अप्रैल 2010 को केप टाउन की मेरी यात्रा का उल्लेख नहीं करना इसका ताजा उदाहरण है। आज प्रधानमंत्री ने बेवजह तमाशा खड़ा कर दिया है। यह राष्ट्रीय मुद्दों को दबाने और भारत जोड़ो यात्रा से ध्यान हटाने की कोशिश है।

 

“2009-11 के दौरान, जब बाघों को पहली बार पन्ना और सरिस्का में स्थानांतरित किया गया था, तब कई लोग आशंका व्यक्त कर रहे थे। वे गलत साबित हुए। चीता परियोजना पर भी इसी तरह की भविष्यवाणियां की जा रही हैं। इसमें शामिल पेशेवर बहुत अच्छे हैं। मैं आपको इस परियोजना के लिए शुभकामनाएं देता हूं!'

 

'प्रोजेक्ट चीता' पर कांग्रेस का दावा
कांग्रेस ने शुक्रवार को कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार के दौरान 'प्रोजेक्ट चीता' के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्टे के कारण इसमें इतना समय लग गया। कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'चीता प्रोजेक्ट का प्रस्ताव 2008-09 में तैयार किया गया था। मनमोहन सिंह की सरकार ने इसे मंजूरी दे दी। अप्रैल 2010 में तत्कालीन वन एवं पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश जी अफ्रीका के चीता आउट रीच सेंटर गए थे। पार्टी ने आगे कहा, 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने इस परियोजना पर प्रतिबंध लगा दिया, 2020 में प्रतिबंध हटा लिया गया। अब तो चीते आएंगे।
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