काम की खबर : अब बगैर इंश्योरेंस के सड़कों पर मिले तो आपके साथ ये होगा, सरकार ने लिया ये बड़ा फैसला

 सड़कों पर बिना बीमा के दौड़ रहे वाहनों के बीमा को बढ़ावा देने के लिए सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। बिना बीमा वाले वाहनों की पहचान कर मौके पर ही बीमा कराया जा सकता है।
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अभी तक आपने सुना, पढ़ा या देखा होगा कि बिना हेलमेट दो पहिया वाहन सवारों को रोकने पर हेलमेट दिया जाता है। कई बार यह काम पैसे लेकर होता है, कई बार कुछ संगठन या व्यक्ति अपने खर्चे पर ऐसा करते हैं, लेकिन अब जल्द ही आप यह भी देखेंगे कि जिन वाहनों के पास मोटर बीमा पॉलिसी नहीं है, वे तुरंत ट्रैफिक चेकिंग में पकड़े जाने पर  तुरंत ही बीमा खरीदना होगा। इसके लिए इन लोगों से मौके पर ही पैसे भी वसूले जाएंगे, जिनके पैसे फास्टैग से कट जाएंगे, इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है और नए नियम लागू होते ही यह बीते दिनों की बात हो जाएगी। वाहन चालक बिना बीमे के सड़क पर वाहन चलाते हैं।Read Also;-  UP Electricity Rate: महंगे गैस सिलेंडर के बाद बिजली का झटका, बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, कब से लागू होंगी नई दरें; अब इतना बढ़ जाएगा बिजली का बिल

 

बदल जाएंगे कार बाइक इंश्योरेंस के नियम!
सड़क पर किसी भी वाहन को चलाते समय जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होती है उनमें वाहन बीमा भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। अगर कोई वाहन बिना मोटर बीमा पॉलिसी के सड़क पर दौड़ रहा है तो नियमानुसार उसका चालान काटा जा सकता है। अब तक जारी इस नियम में आने वाले दिनों में संशोधन के बाद संभव है कि जुर्माने के साथ-साथ 'ऑन द स्पॉट' मोटर वाहन बीमा भी खरीदना पड़े, जिसके लिए फास्टैग से बीमा की राशि काट ली जाएगी। Read Also:-महंगाई का एक और झटका, गैस सिलेंडर हुआ 50 रुपये महंगा, व्यावसायिक (Commercial) सिलेंडर के दाम में 350 रुपये की बढ़ोतरी, जानिए आज से 3 बड़े बदलाव

 

परिवहन मंत्रालय बिना बीमा वाले वाहनों पर नकेल कसने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसका कारण यह है कि भारतीय मोटर बीमा को लेकर बेहद लापरवाह हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में करीब 50 फीसदी वाहन बिना वाहन बीमा के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। इन वाहनों के साथ दिक्कत यह है कि अगर ये किसी वाहन दुर्घटना के शिकार होते हैं तो बीमा के अभाव में दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को इलाज का दावा भी नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि सभी वाहनों के लिए कम से कम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है।

 

नया नियम कैसे काम करेगा?
अब सरकार लापरवाह वाहन चालकों के लिए ऐसी व्यवस्था बनाने जा रही है, जिसमें पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारी बिना बीमा के सड़क पर दौड़ रहे वाहनों को तुरंत एक उपकरण की मदद से थर्ड पार्टी बीमा मुहैया कराएंगे। इसके लिए सड़क एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन एप की मदद ली जाएगी। इस ऐप की मदद से आपको पकड़े गए वाहन की सारी जानकारी मिल जाएगी। यदि यह पाया जाता है कि वाहन का बीमा नहीं है, तो तुरंत वाहन मालिक को मोटर बीमा पॉलिसी खरीदने का विकल्प दिया जाएगा। फास्टैग के जरिए बीमा राशि के भुगतान का भी प्रावधान होगा।

 

FASTag प्लेटफॉर्म पर लाई जाएंगी बीमा कंपनियां!
इस नए नियम को प्रभावी बनाने के लिए मोटर बीमा कंपनियों को फास्टैग प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है। इसके तहत फास्टैग में मौजूद राशि से प्रीमियम काटा जाएगा। जनरल इंश्योरेंस काउंसिल के एक अधिकारी के मुताबिक बैठक में नए नियम को लागू करने के लिए सिफारिशें तैयार की जा रही हैं और 17 मार्च को होने वाली बैठक में इस पर चर्चा की जाएगी। साथ ही इस नियम को लागू करने के तरीकों पर भी चर्चा की जाएगी। राज्य सरकारें ताकि सभी एजेंसियां बिना किसी बाधा के इसे लागू कर सकें।

 

जब्त वाहनों का अल्पकालीन बीमा होता है
आईआरडीएआई (IRDA) ने पहले ही बीमा कंपनियों को बिना बीमा के पकड़े गए वाहनों के लिए अस्थायी या अल्पावधि बीमा जारी करने की अनुमति दे दी है। लेकिन नया नियम आने के बाद इसकी जगह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस देने वाली स्कीम लेगी। फिलहाल इसके लिए कानूनी अड़चनों को दूर करने पर चर्चा चल रही है। जरूरत पड़ी तो मोटर वाहन अधिनियम और बीमा नियमों में संशोधन कर इसे लागू किया जाएगा।

 

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