UP Electricity Rate: महंगे गैस सिलेंडर के बाद बिजली का झटका, बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी, कब से लागू होंगी नई दरें; अब इतना बढ़ जाएगा बिजली का बिल

उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में होली के त्योहार से पहले घरेलू गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder Rate) की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने महंगाई को करारा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में 23 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
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उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में होली के त्योहार से पहले घरेलू गैस सिलेंडर (LPG Gas Cylinder Rate) की कीमतों में हुई बढ़ोतरी ने महंगाई को करारा झटका दिया है। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने बिजली दरों में 23 प्रतिशत की वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बिजली कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में बिजली के रेट बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।  नियामक आयोग ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। अब इस पर आयोग को फैसला लेना है। आम जनता के बीच अप्रैल से सुनवाई होगी। नई दरों की घोषणा मई के अंतिम सप्ताह या जून के पहले सप्ताह तक करने की तैयारी है। प्रदेश की सभी विद्युत कंपनियों द्वारा वर्ष 2023-24 हेतु दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता में औसतन 18 से 23 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित की गई है।Read Also:-महंगाई का एक और झटका, गैस सिलेंडर हुआ 50 रुपये महंगा, व्यावसायिक (Commercial) सिलेंडर के दाम में 350 रुपये की बढ़ोतरी, जानिए आज से 3 बड़े बदलाव

 

18 से बढ़ाकर 23 फीसदी करने का प्रस्ताव है
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह व सदस्य वीके श्रीवास्तव की खंडपीठ ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। प्रस्ताव में घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दर में लगभग 18 से 23 प्रतिशत की वृद्धि प्रस्तावित है। अन्य बिजली उपभोक्ताओं की दर में औसतन 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव है। उद्योगों की बिजली दर में भी 16 प्रतिशत की वृद्धि का प्रस्ताव किया गया है। सभी बिजली कंपनियों की वार्षिक राजस्व आवश्यकता लगभग 92547 करोड़ है। वितरण घाटा 14.9 प्रतिशत है। वर्ष 2023-24 का अंतर 9140 करोड़ है।Read Also:-काम की खबर : ऐसे मिलेगा सरकार की उज्ज्वला योजना का लाभ, ये है इसकी प्रक्रिया....

 

25133 करोड़ रुपया बकाया 
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि किसी भी सूरत में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव को लागू नहीं होने दिया जाएगा। इस बार उपभोक्ता जीतेंगे। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता परिषद ने अपनी याचिका के माध्यम से आयोग को पहले ही सूचित कर दिया है कि राज्य की बिजली कंपनियों पर कुल 25,133 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च किए जा रहे हैं। ऐसे में बिजली दर में वृद्धि की बात करना प्रदेश के उपभोक्ताओं के साथ धोखा है। (इनपुट: आईएएनएस)
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