इंडोनेशिया में तेज़ भूकंप के झटके, 46 की हुई मौत, 700 से ज्यादा लोग हुए घायल; दहशत में घर और दफ्तरों में बैठे लोग इमारतों से बाहर

 ये तेज झटके कई सेकंड तक महसूस किए गए। जिससे घरों और दफ्तरों में बैठे लोग भवनों से बाहर निकल आए।
 
इंडोनेशिया में सोमवार को आए भूकंप में 46 लोगों की मौत हो गई। 700 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। राजधानी जकार्ता समेत आसपास के इलाकों में लोग दहशत में बाहर निकल आए। इमारतों को खाली करा लिया गया है।
समाचार एजेंसी के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 5.6 थी और इसका केंद्र जावा के सियानजुर में था। एक अधिकारी ने बताया कि इसी अस्पताल में 20 लोगों की मौत हुई है। इससे आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।Read Also:-P : यमुना एक्सप्रेस-वे पर सूटकेस में मिली लाश की 2 दिन बाद हुई शिनाख्त, पिता ने ही रिवॉल्वर से मारी गोली

 

2 दिन पहले भी तेज भूकंप आया था
इससे पहले शुक्रवार रात पश्चिमी इंडोनेशिया में समुद्र के नीचे जोरदार भूकंप आया, लेकिन किसी तरह के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है।  यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 6.9 थी, जबकि इसका अधिकेंद्र दक्षिण बेंगकुलू से 202 किमी दक्षिण पश्चिम में 25 किमी की गहराई में था।

 

 

भूकंप के बाद के झटकों के डर से इमारतों को खाली करा लिया गया है
भूकंप के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं। इनमें टूटी-फूटी इमारतें, मलबा और क्षतिग्रस्त कारें दिखाई दे रही हैं। एक अधिकारी ने कहा- हम लोगों से फिलहाल अपनी इमारतों से बाहर रहने की अपील करते हैं, क्योंकि आफ्टरशॉक्स की आशंका है। राजधानी जकार्ता में एंबुलेंस के सायरन लगातार सुनाई दे रहे हैं। इंडोनेशिया सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया टीम स्थिति की निगरानी कर रही है।

 

इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।

 

  • 270 मिलियन की आबादी वाले इंडोनेशिया में अक्सर भूकंप आते रहते हैं। इसका कारण यह है कि यह 'रिंग ऑफ फायर' में आता है। यहां कई छोटे-बड़े ज्वालामुखी भी हैं। भूकंप के बाद सूनामी का भी खतरा रहता है। पिछले कुछ सालों में इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए यहां बड़े स्तर पर तैयारी की गई है।
  • फरवरी में यहां 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था। 25 लोग मारे गए थे। 460 घायल हो गए।
  • जनवरी 2021 में भी 6.2 तीव्रता का भूकंप आया था। 100 लोग मारे गए थे। 6200 घायल हुए।
  • 2004 में भूकंप और फिर सुनामी आई थी। हालांकि इसका असर जापान और कुछ अन्य देशों में भी रहा। इस प्राकृतिक आपदा में उस समय कुल 2 लाख 30 हजार लोग मारे गए थे।