UP: अब रोडवेज बसों में नहीं पड़ेगी कैश की जरूरत, Debit-Credit Card के साथ ही UPI से पेमेंट कर ले सकेंगे टिकट

यूपी रोडवेज की बसों में जल्द ही डिजिटल पेमेंट (Digital Payment)  की शुरुआत होने जा रही है। इसके बाद यात्री अपने डेबिट (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से भी टिकट का किराया दे सकेंगे।

 
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बस में अगर आप सफर कर रहे हैं और कैश ले जाना भूल गए हैं तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। दरअसल यूपी रोडवेज की बसों में जल्द ही डिजिटल पेमेंट (Digital Payment)  की शुरुआत होने जा रही है। इसके बाद यात्री अपने डेबिट (Debit Card) और क्रेडिट कार्ड (Credit Card) से भी टिकट का किराया दे सकेंगे। इसके अलावा यात्री अपने मोबाइल से यूपीआई मोड व क्यूआरकोड स्कैन करके भी किराये का भुगतान कर सकेंगे।  

 

जानकारी के मुताबिक बसों में डिजिटल पेमेंट की शुरुआत पहले चरण में लखनऊ और गाजियाबाद में होगी। अगले तीन महीने में यह व्यवस्था शुरू हो जाएगी। इसके लिए परिवहन निगम ने एजेंसी का चयन कर लिया है। पहले चरण के पूरा होने के बाद इस योजना को प्रदेशभर की रोडवेज बसों में लागू कर दिया जाएगा। अभी तक बसों में नकद पैसे देकर टिकट मिलती है, लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था लागू होने के बाद टिकटिंग प्रणाली में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़ा रुकेगा। Read Also : मेरठ में 4 सीटों पर चुनाव लड़ेगी SP! 2 सीट पर RLD का प्रत्याशी तय, 1 सीट पर अभी भी संशय

 

एप के रजिये होगा पेमेंट

बताया जा रहा है कि बसों में ऑनलाइन पेमेंट के जरिये कियारा भुगतान करने के लिए वन नेशन वन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा। इसके लिए चुनी गई एजेंसी ऑनलाइन पेमेंट एप बनाएगी। इस एप में पेमेंट मोड के अलावा बसों का समय, बसों में सीटों की उपलब्धता के साथ ही कई अन्य जानकारियां ग्राहक ले सकेंगे। इसके अलावा यात्री एमएसटी (Monthly Season Ticket) के जरिए भी भुगतान कर सकते हैं। वहीं बस टिकटिंग व बस सीट आरक्षण की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी। Read Also : वीडियो : Ranveer Singh की फिल्म '83' का टीजर जारी, अगले महीने इस तारीख को रिलीज होगी फिल्म, देखें
 

 

परिवहन निगम कर्मी को लगाने होंगे नेमप्लेट 

ऑनलाइन पेमेंट के लिए परिवहन निगम ने मुंबई की आईटी कंपनी मै. ओरियन प्रो ट्रांजिट साल्यूशन प्रा. लि. का चयन कर लिया है। यह एजेंसी अपना हेड क्वाटर निगम मुख्यालय में बनाएगी। परिवहन निगम पिछले एक साल से इस प्रोजेक्ट में लगा हुआ है। इस योजना के लागू होने के बाद से आरटीओ सहित परिवहन विभाग के सभी कार्यालयों में तैनात कर्मचारी अब अपने काउंटर पर नेमप्लेट रखेंगे, ताकि आम लोगों को उनके बारे में आसानी से पता चल सके। परिवहन आयुक्त ने अपने आदेश में कहा है कि इससे जनता को पता चल सकेगा कि वह ऑथोराइज्ड कर्मचारी से ही संपर्क कर रहे हैं।