Hariyali Teej Vrat 2022 : कुंवारी लड़कियां रख रहीं हैं हरियाली तीज का व्रत, तो इन बातों का जरूर रखें ध्यान

Hariyali Teej Vrat 2022 :  हरियाली तीज श्रावण माह में नाग पंचमी से 2 दिन पहले आता है। जिस पर महिलाएं सज धजकर लोकगीत गाती हैं और व्रत भी रखती हैं।
 
Hariyali Teej Vrat 2022 : सावन का महीना चल रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज (Hariyali Teej 2022) मनाई जाती है। जिस पर महिलाएं, कुंवारी लड़कियां व्रत रखती हैं। 

 

 यह त्योहार श्रावण माह  में नाग पंचमी से 2 दिन पहले आता है। जिस पर महिलाएं सज धजकर लोकगीत गाती हैं और व्रत भी रखती हैं। कहा जाता है कि ऐसा करने से पति की दीघार्यु और कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। read : Hariyali Teej 2022 : 31 जुलाई को मनाया जाएगा महिलाओं का खास त्योहार हरियाली तीज, शुभ मुहूर्त देखें
Hariyali Teej Vrat 2022 

इस बार 31 को है हरियाली तीज

सावन माह में कल 26 को शिवरात्रि थी। जिसका शुभ मुहूर्त 27 जुलाई में भी रहा। अब हरियाली तीज 31 जुलाई 2022, (Hariyali Teej Date) दिन रविवार को मनाई जाएगी। इसकी तैयारियां बाजारों में देखी जा सकती हैं। बाजारों में महिलाओं, युवतियों की कपड़े से लेकर श्रृंगार के सामान की खरीदारी करती नजर आ जाएंगी। 
Hariyali Teej Vrat 2022 

ये है हरियाली तीज मनाने का कारण

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने घोर तप किया था और 107 जन्म लिए थे। कठोर तप के बाद 108वें जन्म में भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। कहा यह भी जाता है कि तभी से इस त्योहार की शुरुआत हुई।  इस दिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर हरी साड़ी पहनकर विधि विधान से व्रत व पूजा करती हैं।
Hariyali Teej Vrat 2022 

भगवान  शिव ने दिया था आशीर्वाद

कहा जाता है कि पार्वतीजी के कहने पर शिवजी ने आशीर्वाद दिया था कि जो भी कुंवारी कन्या इस व्रत को रखेगी उसके विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होंगी। वहीं, इस दिन शादीशुदा महिलाएं अपने पति की लंबु आयु के लिए पूजा करती हैं। कुंवारी लड़कियां इस व्रत को रखती हैं परंतु उनके लिए भी कुछ नियम हैं जिसको उन्हें अपनाना चाहिए। आज हम ऐसे ही कुछ नियम आपको बताएंगे। 
Hariyali Teej Vrat 2022 

कुंवारी लड़कियां हरियाली तीज के व्रत में इन बातों का रखें ध्यान

  • हरियाली तीज के दिन जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ कपड़े व पारंपरिक कपड़े पहनें। 
  • भगवान शिव और माता पार्वती का नाम लेकर व्रत का संकल्प करें।
  • इसके बाद घर या मंदिर में शिव गौरी का विधिवत पूजन करें।
  • संकल्प लेने के बाद अपना व्रत शुरू करें। इस व्रत में यदि आप निर्जला व्रत का संकल्प लेती हैं तो इस दिन पानी का सेवन ना करें।
  • जो लड़कियां निर्जला व्रत नहीं रख रहीं हैं, वो इस दिन फलाहार का सेवन करें। 
  • इस दिन शिव मंत्रों का जाप करें या शिव पुराण का पाठ करें।
  • रात में चंद्रमा को अर्घ्य देकर भोजन ग्रहण करें।