लखीमपुर खीरी हिंसा पर योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के कठघरे में, कोर्ट ने पूछा-  जिनपर FIR हुई उनकी गिरफ्तारी हुई या नहीं

 
 

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उत्तरप्रदेश की योगी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा कि आपके प्रदेश में सरेआम 4 किसानों, 1 पत्रकार समेत 8 लोगों की हत्या कर दी गई, हम जानना चाहते हैं कि आपने अब तक क्या कार्रवाई की? इस घटना का आरोपी कौन है? किसके खिलाफ FIR हुई? और आपने अब तक उन्हें गिरफ्तार किया या नहीं? यह सभी जानकारी दी जाए। Read Also : UP: सुबह-सुबह भीषण हादसा, 9 की मौत; अचानक सामने आई गाय को बचाने के चक्कर में यात्री बस ट्रक से जा टकराई

कोर्ट ने इस मामले में अब तक हुई जांच की स्टेटस रिपोर्ट को शुक्रवार तक सौंपने का आदेश दिया है। चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने इससे पहले कहा कि कहा लखीमपुर खीरी मामले पर सुप्रीम कोर्ट कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। तीन सदस्यीय बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी, इस मामले में आगे की सुनवाई शुक्रवार यानी कल होगी।

यह था लखीमपुर खीरी मामला

दरअसल रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) का लखीमपुर खीरी में कार्यक्रम था। उनके कार्यक्रम से पहले किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र ने प्रदर्शन कर रहे किसानों पर कार चढ़ा दी।


इस घटना में 8 किसानों की मौत हो गई, इनमें 4 किसान और 3 भाजपा कार्यकर्ता हैं। ये किसान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को काले झंडे दिखाने के लिए तिकोनिया में खड़े थे। जिसके कारण आशीष नाराज था और उसने गुस्से में किसानों को कुचलते हुए उनपर कार चढ़ा दी। इससे 4 किसानों की मौत हो गई। हादसे के बाद माहौल इतना बिगड़ गया कि किसानों अजय की 2 गाड़ियां फूंक दी और भाजपा नेताओं को कार से उतारकर पीटा। इससे भाजपा नेता के ड्राइवर की मौत हो गई, जबकि आशीष ने भागकर जान बचाई। हालांकि मंत्री का दावा है कि भागने वाले शख्स उनका बेटा नहीं है।

मंत्री का बेटा है नामजद

इस मामले में बहराइच के रहने वाले किसान हरि सिंह ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र के साथ ही 15 लोगों पर हत्या और आपराधिक साजिश की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।