क्या बंद हो जाएगा FASTag? टोल प्लाजा पर जाम से मिलेगी राहत, जानिए कैसे काम करेगी नई तकनीक
सरकार जल्द ही फास्टैग सुविधा को बंद कर सकती है। टोल टैक्स वसूलने के लिए सरकार नई सैटेलाइट आधारित तकनीक का इस्तेमाल करेगी। जल्द ही देश में इस व्यवस्था को शुरू करने की योजना है। इसके शुरू होने के बाद टोल टैक्स प्लाजा पर लगने वाले जाम से राहत मिलेगी।
Jun 9, 2024, 17:31 IST
फास्टैग सुविधा शुरू होने के बाद भी टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से काफी राहत मिली है। हालांकि, कई बार टोल प्लाजा पार करने में आधे घंटे तक का समय लग जाता है। फास्टैग शुरू होने के बाद माना जा रहा था कि टोल प्लाजा पर लगने वाली लंबी लाइनों से राहत मिलेगी, लेकिन ऐसा पूरी तरह नहीं हो सका। सरकार अब टोल टैक्स वसूलने के लिए नई तकनीक लाने जा रही है। इस तकनीक के आने से फास्टैग और टोल प्लाजा दोनों बंद हो सकते हैं। नई तकनीक आने के बाद टोल की राशि अपने आप कट जाएगी।Read Also:-लोकसभा चुनाव में हारा शर्त तो मुंडवाया सिर, दोस्ती की मिसाल के चर्चे; वीडियो वायरल
क्या है नई तकनीक
देश के सभी वाहन सैटेलाइट आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन से जुड़ेंगे। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से जुड़े इस टोल कलेक्शन की वजह से वाहनों को फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, टोल प्लाजा भी धीरे-धीरे खत्म कर दिए जाएंगे। वाहनों में GNSS लगाया जाएगा। वाहन जितनी दूरी तय करेगा, उसके हिसाब से टोल टैक्स वसूला जाएगा। टोल टैक्स चुकाने के लिए न तो आपको किसी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा और न ही किसी बैरियर को पार करना होगा। सैटेलाइट के जरिए सबकुछ अपने आप हो जाएगा। इस तरह टोल पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
देश के सभी वाहन सैटेलाइट आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन से जुड़ेंगे। ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) से जुड़े इस टोल कलेक्शन की वजह से वाहनों को फास्टैग की जरूरत नहीं होगी। साथ ही, टोल प्लाजा भी धीरे-धीरे खत्म कर दिए जाएंगे। वाहनों में GNSS लगाया जाएगा। वाहन जितनी दूरी तय करेगा, उसके हिसाब से टोल टैक्स वसूला जाएगा। टोल टैक्स चुकाने के लिए न तो आपको किसी लाइन में खड़ा होना पड़ेगा और न ही किसी बैरियर को पार करना होगा। सैटेलाइट के जरिए सबकुछ अपने आप हो जाएगा। इस तरह टोल पर लगने वाले जाम से निजात मिलेगी।
ऐसे होगा काम
जहां भी टोल प्लाजा होंगे, वहां दो या उससे ज्यादा GNSS लेन होंगी। इन लेन में हाई क्वालिटी रीडर होंगे। जब कोई वाहन इन लेन से गुजरेगा तो ये रीडर उस वाहन की पहचान कर लेंगे जिसमें GNSS लगा है। ऐसे वाहन बिना लाइन में लगे तेज गति से गुजर जाएंगे। यह रीडर यह कैलकुलेट करेगा कि उस वाहन ने कितने किलोमीटर का सफर तय किया है। इसी आधार पर चार्ज लगेगा। बाद में वह चार्ज अकाउंट से कट जाएगा, जैसे अभी फास्टैग से कटता है। अगर कोई वाहन बिना GNSS के इस लेन से गुजरेगा तो उससे अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा।
जहां भी टोल प्लाजा होंगे, वहां दो या उससे ज्यादा GNSS लेन होंगी। इन लेन में हाई क्वालिटी रीडर होंगे। जब कोई वाहन इन लेन से गुजरेगा तो ये रीडर उस वाहन की पहचान कर लेंगे जिसमें GNSS लगा है। ऐसे वाहन बिना लाइन में लगे तेज गति से गुजर जाएंगे। यह रीडर यह कैलकुलेट करेगा कि उस वाहन ने कितने किलोमीटर का सफर तय किया है। इसी आधार पर चार्ज लगेगा। बाद में वह चार्ज अकाउंट से कट जाएगा, जैसे अभी फास्टैग से कटता है। अगर कोई वाहन बिना GNSS के इस लेन से गुजरेगा तो उससे अतिरिक्त चार्ज लिया जाएगा।
शुरुआत में इन वाहनों को मिलेगी सुविधा
सैटेलाइट आधारित यह टोल कनेक्शन सुविधा कमर्शियल वाहनों के लिए शुरू की जाएगी। इसके बाद इसे अन्य वाहनों के लिए शुरू किया जाएगा। माना जा रहा है कि सरकार अगले दो साल में सभी टोल कलेक्शन पर GNSS लगा देगी। इस मामले में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) की ओर से वैश्विक कंपनियों को आमंत्रित किया गया है। इसका उद्देश्य भारत में GNSS आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली को लागू करना है। इसके लागू होने के बाद, FASTag प्रणाली को धीरे-धीरे समाप्त कर दिया जाएगा।