Video : छठी मंजिल से गिरकर छात्र की मौत, दोस्तों से बात करते हुए संतुलन बिगड़ा, बालकनी की जाली टूटने से गिरा नीचे, घटना हुई सीसीटीवी में कैद

राजस्थान के कोटा में नीट की कोचिंग कर रहे एक छात्र की हॉस्टल की छठी मंजिल से गिरकर मौत हो गई। हादसे के बाद छात्र को गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान छात्र की मौत हो गई।
 
कोटा में छठी मंजिल से गिरकर कोचिंग सेंटर के एक छात्र की मौत हो गई। गुरुवार की रात 11:15 बजे वह अपने तीन दोस्तों के साथ बालकनी में बैठा था। कुछ देर बाद चारों दोस्त उठकर जाने लगे। इसी बीच छात्र उठकर चप्पल पहनने लगा तो उसका संतुलन बिगड़ गया। पास की बालकनी में लगे जाल को तोड़कर वह सीधा नीचे गिर गया।Read Also:-उत्तर प्रदेश : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के काफिले में हुआ बड़ा हादसा, आपस में टकराई गाड़ियां; कई लोग हुए घायल

 

डीएसपी अमर सिंह ने बताया कि मृतक इशांशु भट्टाचार्य (20) धूपगुड़ी, जलपाईगुड़ी (West Bengal) का रहने वाला था। वह कोटा के जवाहर नगर इलाके में रहकर नीट की तैयारी कर रहा था। शव को महाराव भीमसिंह अस्पताल के पोस्टमार्टम कक्ष में रखवा दिया गया है। अमर सिंह के मुताबिक ईशांशु वात्सल्य रेजीडेंसी छात्रावास की छठी मंजिल पर रहते थे। वह पिछले साल अगस्त में यहां आया था।

 

डीएसपी ने बताया- हादसे की जानकारी मिलते ही अन्य छात्र भी मौके पर पहुंच गए। छात्र को तलवंडी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे मृत घोषित कर दिया गया। इतनी ऊंचाई से गिरने से छात्र का चेहरा बिगड़ गया था।

 

 

हादसा कम ऊंचाई और बालकनी की खिड़की की कमजोर जाली के कारण हुआ। यह घटना 10 मंजिला हॉस्टल में हुई। हर फ्लोर की बालकनी में एल्युमिनियम की जाली लगाई गई है। बालकनी में बैठने की जगह भी है। छात्रावास संचालकों ने यहां फर्श व जाली के बीच काफी कम गैप छोड़ा है। जालियां भी काफी कमजोर हैं। ऐसे में जरा सा झटका लगने से नीचे गिरने का डर रहता है। लापरवाही बच्चे की जिंदगी पर भारी पड़ गई।

 

दोस्त साथ में मोबाइल गेम खेल रहा था 
मृतक के दोस्त अभिषेक ने बताया- हम लोग बैठकर मोबाइल पर गेम खेल रहे थे, ताकि थोड़ा रिलैक्स हो सकें। खेल खत्म होने के बाद वे आपस में बातें करने लगे। इसके बाद जब वह वापस कमरे में पढ़ाई करने जाने के लिए उठा तो घटना हो गई। जब हम नीचे भागे तो इशांशु के शरीर से खून निकल रहा था। उसकी सांस फूल रही थी। अब क्या कहूँ कसूर किसका है, क्या है। हमारा दोस्त तो चला गया है।

 

निजी अस्पताल में भर्ती करने से इनकार
छात्र के दोस्त अभिषेक ने बताया- हादसे के तुरंत बाद पारीक ईशांशु को लेकर दादाबाड़ी अस्पताल पहुंचा। वे ईशांशु को स्ट्रेचर पर अंदर ले जाने लगे, लेकिन वहां मौजूद स्टाफ ने उसे भर्ती करने से मना कर दिया. स्टाफ ने कहा- यहां छात्र का इलाज नहीं होगा। अगर समय रहते उसे वहां इलाज मिल जाता तो उसके बचने की संभावना होती।

 

पारीक अस्पताल के डॉक्टर केके पारीक ने कहा- छात्र को गंभीर हालत में हमारे पास लाया गया था। उसका सिर फट गया था। हमारे अस्पताल में न्यूरोसर्जन की कोई व्यवस्था नहीं है। इसलिए छात्र को हायर हेल्थ इंस्टीट्यूट रेफर कर दिया गया। ताकि उसे जल्द से जल्द सही इलाज मिल सके।