मसूरी के बाद नैनीताल में इको टैक्स लगाने का प्रस्ताव, शहर में प्रवेश करने वाले निजी वाहनों पर लगेगा शुल्क वाहनों पर लगेगा शुल्क

पर्यटन सीजन में ट्रैफिक और प्रदूषण कम करने के लिए नगर पालिका का प्रस्ताव, मसूरी की तर्ज पर लगेगा टैक्स, कानूनी राय का इंतजार
 
NAINITAL
नैनीताल: उत्तराखंड के खूबसूरत शहर नैनीताल, जिसे झीलों की नगरी के नाम से भी जाना जाता है, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। हर वर्ष लाखों पर्यटक यहाँ की शांत झीलों और मनोरम दृश्यों का आनंद लेने आते हैं। हालांकि, पर्यटन सीजन के दौरान नैनीताल शहर में अत्यधिक ट्रैफिक जाम एक गंभीर समस्या बन जाती है, जिससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों दोनों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी गर्मियों की छुट्टियों में नैनीताल घूमने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है।READ ALSO:-आयुष्मान योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए समिति की नई सिफारिशें, वय वंदना कार्ड की आयु सीमा 70 से घटा कर 60 का सुझाव

 

नैनीताल में लगातार बढ़ रहे ट्रैफिक और प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से, नैनीताल नगर पालिका ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है। यह प्रस्ताव मसूरी शहर की तर्ज पर इको टैक्स लगाने का है। यदि यह योजना लागू होती है, तो जल्द ही नैनीताल में प्रवेश करने वाले सभी निजी वाहनों को इको टैक्स का भुगतान करना अनिवार्य हो जाएगा।

 

इको टैक्स का विस्तार:
वर्तमान में, नैनीताल में केवल तल्लीताल क्षेत्र से प्रवेश करने वाले वाहनों से ही टोल टैक्स वसूला जाता है। लेकिन, नए प्रस्तावित नियम के तहत, इको टैक्स व्यवस्था को विस्तारित किया जाएगा और भवाली और कालाढूंगी की ओर से नैनीताल में आने वाले वाहनों पर भी यह टैक्स लागू होगा। नगर पालिका की हाल ही में आयोजित पहली बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई है। हालांकि, इस नियम को अंतिम रूप से लागू करने से पहले कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने का निर्णय लिया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह प्रस्ताव कानूनी रूप से वैध और प्रभावी है।

 

इको टैक्स का उद्देश्य:
नैनीताल नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि इको टैक्स लगाने का मुख्य उद्देश्य शहर में पर्यावरण सुधार गतिविधियों को बढ़ावा देना है। निजी वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण नैनीताल में पार्किंग की समस्या और प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है। स्थानीय प्रशासन को इस अत्यधिक भीड़ को नियंत्रित करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इको टैक्स लगाने से प्राप्त होने वाले राजस्व का उपयोग शहर में पर्यावरण संरक्षण और सुधार से संबंधित परियोजनाओं के लिए किया जाएगा। नैनीताल नगर पालिका के ईओ (कार्यकारी अधिकारी) दीपक गोस्वामी ने बताया कि इस इको टैक्स से पर्यावरण सुधार गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और साथ ही नगर पालिका की आय में भी वृद्धि होगी, जिसका उपयोग शहर के विकास कार्यों में किया जा सकेगा।

 

कानूनी राय के बाद लागू होगा नियम:
नैनीताल नगर पालिका ने इको टैक्स के प्रस्ताव को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन इसे लागू करने से पहले कानूनी पहलुओं का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए, नगर पालिका प्रशासन ने कानूनी विशेषज्ञों से इस मामले पर विस्तृत राय लेने का फैसला किया है। कानूनी राय मिलने के बाद और सभी आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद ही इको टैक्स को नैनीताल में लागू किया जाएगा। यदि कानूनी राय सकारात्मक रहती है और प्रस्ताव को अंतिम मंजूरी मिल जाती है, तो आने वाले दिनों में नैनीताल घूमने आने वाले पर्यटकों को शहर में प्रवेश करने के लिए इको टैक्स देना होगा।

 

अपेक्षित परिणाम:
नगर पालिका प्रशासन का मानना है कि इको टैक्स लागू होने से नैनीताल में यातायात व्यवस्था में सुधार होगा और प्रदूषण के स्तर को कम करने में मदद मिलेगी। इको टैक्स से प्राप्त राजस्व को पर्यावरण संरक्षण और शहर के विकास में निवेश किया जाएगा, जिससे नैनीताल एक अधिक स्वच्छ, सुंदर और रहने योग्य शहर बन सकेगा। पर्यटकों और स्थानीय निवासियों दोनों को इस पहल से लाभ होने की उम्मीद है।

 

यह खबर नैनीताल घूमने की योजना बना रहे पर्यटकों और स्थानीय निवासियों दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इको टैक्स लागू होने से शहर में यातायात और पर्यावरण संबंधी समस्याओं का समाधान करने में मदद मिल सकती है।