आयुष्मान योजना के दायरे को बढ़ाने के लिए समिति की नई सिफारिशें, वय वंदना कार्ड की आयु सीमा 70 से घटा कर 60 का सुझाव

संसदीय समिति ने 70 से 60 वर्ष आयु सीमा करने और वार्षिक सीमा 5 लाख से 10 लाख रुपये करने का सुझाव दिया, खर्च कम होने पर चिंता जताई
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 Ayushman Bharat Yojana, particularly Vay Vandana
नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना के तहत नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के प्रयासों को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए संसद की एक महत्वपूर्ण समिति ने अहम सिफारिशें की हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय समिति ने आयुष्मान योजना के दायरे को व्यापक बनाने के लिए आयुष्मान वय वंदना कार्ड की पात्रता आयु सीमा को कम करने का सुझाव दिया है। वर्तमान में यह कार्ड 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए है, जिसे समिति ने घटाकर 60 वर्ष करने की सिफारिश की है।READ ALSO:-RBI ने 100 और 200 रुपये के नए नोट जारी करने की दी जानकारी, पुराने नोटों की स्थिति पर भी दिया जवाब

 

संसदीय समिति ने यह सिफारिश आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को और अधिक स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से की है। समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि योजना के तहत प्रति परिवार 5 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये प्रति परिवार किया जाना चाहिए। समिति का मानना है कि स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती लागत को देखते हुए यह वृद्धि आवश्यक है ताकि गंभीर बीमारियों के इलाज में लोगों को पर्याप्त वित्तीय सहायता मिल सके। इसके अतिरिक्त, समिति ने यह भी सुझाव दिया है कि आयुष्मान योजना के अंतर्गत कवर की जाने वाली गंभीर बीमारियों की सूची और उनके उपचार के प्रावधानों की भी व्यापक समीक्षा की जानी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि योजना वर्तमान स्वास्थ्य आवश्यकताओं के अनुरूप है।

 

संसदीय समिति ने सराहे सरकार के प्रयास, बजट आवंटन पर जताई चिंता
संसदीय समिति ने सरकार के कुछ प्रयासों की सराहना भी की है। विशेष रूप से, समिति ने वय वंदना योजना के अंतर्गत देश के साढ़े चार करोड़ परिवारों के छह करोड़ से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को शामिल करने के सरकार के प्रयासों को सकारात्मक रूप से उल्लेखित किया। सरकार ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड धारक 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के इलाज के लिए इस वर्ष 1,443 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है, जो दर्शाता है कि सरकार वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर है।

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हालांकि, समिति ने आवंटित बजट के कम उपयोग पर चिंता व्यक्त की है। समिति ने पाया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में आयुष्मान योजना के लिए 7,200 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिसे बाद में संशोधित करके 6,800 करोड़ रुपये कर दिया गया। लेकिन वास्तविक खर्च और भी कम, लगभग 6,670 करोड़ रुपये रहा। इसी प्रकार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में पहले 7,300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 7,605.54 करोड़ रुपये कर दिया गया, फिर भी 9 जनवरी तक वास्तविक खर्च केवल 5,034.03 करोड़ रुपये ही था। इससे स्पष्ट होता है कि आवंटित राशि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा खर्च नहीं हो पा रहा है। समिति ने इस स्थिति पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता जताई है, खासकर तब जब 2025-26 के लिए इस मद में उल्लेखनीय वृद्धि करके 9,406 करोड़ रुपये कर दिए गए हैं।

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सिफारिशों पर सरकार का रुख अभी स्पष्ट नहीं
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार संसदीय समिति की इन नई सिफारिशों को स्वीकार करती है या नहीं। यदि सरकार इन सिफारिशों को मान लेती है, तो आयुष्मान वय वंदना कार्ड योजना का दायरा काफी विस्तृत हो जाएगा, जिससे अधिक वरिष्ठ नागरिक लाभान्वित होंगे और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा मिल सकेगी। हालांकि, बजट आवंटन और वास्तविक खर्च के बीच अंतर को कम करने के लिए सरकार को प्रभावी कदम उठाने होंगे ताकि योजना का लाभ जरूरतमंदों तक पूरी तरह से पहुंच सके।

 

यह खबर आयुष्मान योजना और विशेष रूप से वय वंदना कार्ड के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण है। अगर सिफारिशें लागू होती हैं, तो यह भारत में वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण पर एक बड़ा सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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