UP : महाकुंभ से पहले उत्तर प्रदेश को मिलेगी एक और एक्सप्रेसवे की सौगात, 12 जिलों में आपकी गाड़ी जल्दी ही नॉन-स्टॉप फर्राटा भरेगी
अब गंगा एक्सप्रेसवे का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है। एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। योगी कैबिनेट ने मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाले एक्सप्रेसवे के लिए 5664 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। आइए जानते हैं इस पर काम कहां तक आगे बढ़ा है और यह कब तक पूरा हो सकता है?
Aug 29, 2024, 00:15 IST
आपकी गाड़ी जल्द ही मेरठ से प्रयागराज तक बिना रुके दौड़ेगी। अब गंगा एक्सप्रेसवे का इंतजार खत्म होने वाला है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने इस एक्सप्रेसवे के लिए 5664 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह मंजूरी एक्सप्रेसवे की वीजीएफ (Viability Gap Funding) की प्रतिपूर्ति के लिए मिली है। अनुपूरक बजट में इस मद में प्रावधान किया गया था।READ ALSO:-भारत के इस गांव में पुरुषों से गर्भवती होने के लिए आती हैं विदेशी महिलाएं, आइये जानते हैं इसके पीछे का कारण....
गंगा एक्सप्रेसवे के लिए सरकार की पहल
रिपोर्ट्स की मानें तो महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इससे जुड़ी सभी वित्तीय बाधाओं को दूर करने की पहल की है। बता दें, मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के मद में केंद्र सरकार से कोई धनराशि नहीं मिल रही है। ऐसे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से तैयार मॉडल बिड डॉक्यूमेंट और कंसेशन एग्रीमेंट के तहत पीपीपी मोड पर डीबीएफओटी (Toll) के आधार पर पहल की गई है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम कब पूरा होगा?
रिपोर्ट्स की मानें तो महाकुंभ से पहले गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा करने की तैयारी है। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इससे जुड़ी सभी वित्तीय बाधाओं को दूर करने की पहल की है। बता दें, मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा गंगा एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग के मद में केंद्र सरकार से कोई धनराशि नहीं मिल रही है। ऐसे में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से तैयार मॉडल बिड डॉक्यूमेंट और कंसेशन एग्रीमेंट के तहत पीपीपी मोड पर डीबीएफओटी (Toll) के आधार पर पहल की गई है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम कब पूरा होगा?
जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार 7742 करोड़ रुपये का शत-प्रतिशत भुगतान वहन करेगी। इस राशि के सापेक्ष चालू वित्तीय वर्ष में 6665 करोड़ रुपये की आवश्यकता बताई गई है। फिलहाल इसके लिए 5665 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मेरठ से प्रयागराज के बीच एक्सप्रेसवे पर तेजी से काम चल रहा है। अब तक मेरठ समेत पश्चमी उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में 60 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है। तय समय से पहले इस एक्सप्रेसवे का काम पूरा करने का लक्ष्य है। यानी अगले 6 महीने में आपकी गाड़ी मेरठ से प्रयागराज के बीच गंगा एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भर सकती है।
एक्सप्रेसवे का कितना काम पूरा हुआ?
दरअसल, आपको बता दें कि 26 नवंबर 2020 को गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को क्रियान्वित करने का फैसला लिया गया था। उस समय परियोजना की अनुमानित लागत 36,410 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वहीं, दिसंबर-2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इसके बाद यूपीडा (UPDA) की ओर से निर्माण कार्य शुरू हुआ। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल और बदायूं में सड़क का काम चल रहा है। रिपोर्ट की मानें तो अब तक कुल 129.700 किलोमीटर सड़क का काम चल रहा है। मेरठ के बिजौली से बदायूं जिले के गांव नगलाबढ़ तक काम चल रहा है। मेरठ- 66 फीसदी, हापुड़- 60.54 फीसदी, बुलंदशहर- 62.70 फीसदी, अमरोहा- 68 फीसदी, संभल- 56 फीसदी, बदायूं- 58 फीसदी, कुल 129 किलोमीटर यानी 60 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।
दरअसल, आपको बता दें कि 26 नवंबर 2020 को गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को क्रियान्वित करने का फैसला लिया गया था। उस समय परियोजना की अनुमानित लागत 36,410 करोड़ रुपये आंकी गई थी। वहीं, दिसंबर-2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास किया था। इसके बाद यूपीडा (UPDA) की ओर से निर्माण कार्य शुरू हुआ। मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल और बदायूं में सड़क का काम चल रहा है। रिपोर्ट की मानें तो अब तक कुल 129.700 किलोमीटर सड़क का काम चल रहा है। मेरठ के बिजौली से बदायूं जिले के गांव नगलाबढ़ तक काम चल रहा है। मेरठ- 66 फीसदी, हापुड़- 60.54 फीसदी, बुलंदशहर- 62.70 फीसदी, अमरोहा- 68 फीसदी, संभल- 56 फीसदी, बदायूं- 58 फीसदी, कुल 129 किलोमीटर यानी 60 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है।