UP : 'मेरे पिता को धीमा जहर (Slow Poison) दिया जा रहा था', बेटे उमर अंसारी का दावा, लिखित में भी दी शिकायत, पढ़ें शिकायती पत्र

 मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए बांदा के बांदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। माफिया मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी। वह बांदा जेल में थे।
 
मुख्तार अंसारी की मौत की ताजा खबर: गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की कार्डियक अरेस्ट से मौत के बाद मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया कि उनके पिता को खाने में जहर दिया गया था। उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका का रुख करेंगे। हमें इस बात पर पूरा भरोसा है।' उन्होंने कहा, 'मुझे प्रशासन की ओर से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के जरिए इस बारे में पता चला। लेकिन अब पूरा देश सब जानता है। मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने कहा, दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे नहीं मिलने दिया गया। READ ALSO:-बागपत : RLD और BJP कार्यकर्ताओं में मारपीट, प्रत्याशी के जन संपर्क कार्यक्रम के दौरान हुआ बवाल, वीडियो हुआ वायरल

 

19 मार्च को रात्रि भोज में जहर
धीमा जहर देने के आरोप पर हमने पहले भी यही कहा था और आज भी यही कहेंगे। 19 मार्च को रात के खाने में उन्हें जहर दे दिया गया। हम न्यायपालिका के पास जाएंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है। 

 


उमर अंसारी ने कहा, कल पोस्टमार्टम होगा, उसके बाद वे हमें शव देंगे। इसके बाद हम आगे की प्रक्रिया (Cremation) करेंगे। मेरे पिता ने आरोप लगाया था कि उन्हें धीमा जहर दिया गया था। पोस्टमार्टम करने के लिए करीब पांच डॉक्टरों का पैनल बनाया गया है। मुख्तार अंसारी के शव को पोस्टमार्टम के लिए बांदा के मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया है। 

 

अंसारी मऊ विधानसभा सीट से पांच बार विधायक चुने गए थे। जिसमें वह दो बार बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे। अपने गृह नगर ग़ाज़ीपुर में उनका गहरा प्रभाव था।

 

कब हुई थी सज़ा?
अप्रैल 2023 में एमपी एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या का दोषी ठहराया था और 10 साल कैद की सजा सुनाई थी। 
1990 के दशक में हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाली दस्तावेजों के उपयोग से संबंधित एक मामले में उन्हें 13 मार्च, 2024 को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 26 वर्षीय कोयला कारोबारी नंद किशोर रूंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रूंगटा को धमकी देने का दोषी पाया था और साढ़े पांच साल की सजा सुनाई थी। उनके विरुद्ध आधे वर्ष का कठोर कारावास और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
पिछले साल 15 अक्टूबर को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत मुख्तार अंसारी के खिलाफ 73.43 लाख रुपये से अधिक की जमीन, एक इमारत और बैंक जमा राशि जब्त कर ली थी।

 

राजनेताओं ने जताया दुख
अंसारी की मौत पर कई राजनीतिक नेताओं ने दुख जताया है। AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मुख्तार अंसारी के परिवार के समर्थन में दुख जताया।  AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने ट्विटर पर पोस्ट किया: "मैं अल्लाह से प्रार्थना करता हूं कि वह मुख्तार अंसारी को माफ कर दें और उनके परिवार और उनके प्रियजनों को धैर्य प्रदान करें। गाजीपुर के लोगों ने अपने पसंदीदा बेटे और भाई को खो दिया। मुख्तार साहब ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए थे कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। इसके बावजूद सरकार ने उनके इलाज पर कोई ध्यान नहीं दिया। जो क़ि निंदनीय एवं खेदजनक।
समाजवादी पार्टी के नेता अमीके जामेई ने मुख्तार अंसारी की मौत की गहन जांच की मांग की  उन्होंने कहा, ''हम मुख्तार अंसारी के परिवार के साथ खड़े हैं  हाल ही में उन्होंने कहा था कि उनकी कभी भी हत्या हो सकती है  उन्हें उचित चिकित्सा देखभाल क्यों नहीं दी गई? हम घटना की गहन जांच की मांग करेंगे।