UP : दर्दनाक हादसा, मैक्स गाड़ी के उड़े परखच्चे, मैक्स और रोडवेज बस के बीच भीषण टक्कर, 17 की हुई मौत....

देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने हाथरस में हुए भीषण सड़क हादसे पर दुख जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री राष्ट्रीय आपदा कोष और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मृतकों के आश्रितों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने की घोषणा की है।
 
उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में शुक्रवार शाम हुए भीषण सड़क हादसे में 17 लोगों की जान चली गई। इनमें से 16 मृतक एक ही परिवार के थे। मृतकों में 4 मासूम बच्चे, 4 महिलाएं और 9 पुरुष शामिल हैं। हादसे में 16 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। इनका इलाज चल रहा है। हादसा बेहद भीषण था। ओवरटेक करते समय सवारियों से भरी लोडिंग मैक्स गाड़ी उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग की जनरथ बस से टकरा गई। टक्कर लगते ही मैक्स गाड़ी के परखच्चे उड़ गए। मैक्स गाड़ी में 35 लोग सवार थे। READ ALSO:-UP : अब असामाजिक तत्व और छेड़छाड़ करने वाले मनचलों को सबक सिखाएगी ये अंगूठी, बटन दबाते ही बन जाती है 'बंदूक'

 

बस से टक्कर होने के कारण लोडिंग गाड़ी में सवार लोग ताश के पत्तों की तरह बिखर गए। इनमें से कुछ सड़क किनारे झाड़ियों में जा गिरे तो कुछ बीच सड़क पर दर्द से तड़पने लगे। एक-एक करके 17 लोग जिंदगी की जंग हार गए। हादसे के बाद मौके पर चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोग मदद के लिए दौड़ पड़े। पुलिस को सूचना मिली तो वह तुरंत मौके पर पहुंची। घायलों को हाथरस के जिला अस्पताल पहुंचाया गया। गंभीर रूप से घायलों को अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज भेजा गया।

 

 

चौदहवें समारोह से लौट रहे थे लोग
पुलिस के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त कार में आगरा के सेमरा गांव के लोग सवार थे। वे अपने रिश्तेदार राजुद्दीन की दादी अंगुरा के चालीसवें में शामिल होने हाथरस के मुकुंदखेड़ा गांव गए थे। कार्यक्रम से लौटते समय वे हादसे का शिकार हो गए। हादसे में मरने वाले सभी लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। इनमें एक ही परिवार के 12 लोग शामिल हैं। गांव में एक साथ जब 16 शव पहुंचे तो लोग दहाड़ मारकर रोने लगे। पूरा गांव मातम में डूब गया। पीड़ित परिवार की हालत खराब हो गई। शवों को देखकर उनके अपने भी रोने लगे। मृतकों में 9 वर्षीय अली जान और 10 वर्षीय अल्फाज भी शामिल हैं।

 

अस्पताल में फिर दिखी बदइंतजामी
हाल ही में हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 123 लोगों की मौत हो गई थी। घायलों को इलाज के लिए हाथरस जिला अस्पताल लाया गया था, यहां की बदइंतजामी के चलते घायलों को इलाज के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी जिला अस्पताल की हालत नहीं सुधरी। 

 

शुक्रवार शाम हुए हादसे के बाद एक बार फिर जिले के स्वास्थ्य विभाग की पोल खुल गई। हादसे के बाद जब घायलों को अस्पताल लाया गया तो डॉक्टर लाचार हो गए। उनके इलाज के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं थे। जब घायलों को रेफर किया गया तो अस्पताल में ऑक्सीजन नहीं थी। घायलों के परिजनों ने ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की और उन्हें इलाज के लिए अलीगढ़ ले गए।