UP : हत्या के बाद काट दिया डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट, कूरियर से भेजा डॉक्टर की पत्नी के पास, महिला ने ऐसे लिया दुष्कर्म का बदला
कानपुर देहात में दस साल पहले डॉक्टर की हत्या कर उसका प्राइवेट पार्ट काटने वाली महिला को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। इस महिला ने डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट्स को पॉलिथीन में पैक करके डॉक्टर की पत्नी के पास भेज दिया था। इस मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, अब दस साल तक जेल में रहने के बाद हाई कोर्ट ने उनकी रिहाई का आदेश दे दिया है।
Sep 9, 2023, 14:42 IST
दस साल पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के रनिया स्थित राही पर्यटक आवास गृह में डॉक्टर की हत्या करने वाली महिला को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। इस महिला ने डॉक्टर की हत्या करने के बाद उसका प्राइवेट पार्ट काट दिया था और फिर उसे डॉक्टर की पत्नी को कोरियर द्वारा भेज दिया था। मामले की जानकारी होते ही पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद महिला को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। READ ALSO:-UP : फौजी की हत्या, अंतिम संस्कार के दौरान रो-रोकर बेहोश हुई पत्नी, बोली- हत्यारों को हो फांसी, हत्यारे ने पत्नी को भेजा मैसेज-आप के पति को खुदा पास भेज दिया है
अब महिला की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने उसे 50-50 हजार रुपये के दो मुचलके पर जमानत दे दी है। यह घटना 21 जुलाई 2013 की है। मृतक डॉक्टर की पहचान अमरौधा पीएचसी प्रभारी डॉ. सतीश चंद्रा के रूप में हुई। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो पता चला कि शव से प्राइवेट पार्ट गायब है। वहीं होटल के कमरे की दीवारों पर डॉक्टर के खून से लिखा था कि 'जब मनुष्य प्रकृति के साथ छेड़छाड़ करता है तो प्रकृति उसे अपने तरीके से ठीक कर देती है।'
इस लेख को पढ़ने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट देखने के बाद घटना की पूरी कहानी पुलिस के सामने आ गई थी। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने जब इस वीभत्स हत्या के संबंध में महिला से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। महिला ने पुलिस को बताया था कि डॉ. सतीश चंद्रा ने उसे अपनीलुभावनी बातों में फंसाया था। वह अक्सर उसके साथ दुष्कर्म करता था। कई बार उसने अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाए। इससे वह परेशान रहने लगी और डॉक्टर से छुटकारा पाना चाहती थी।
उधर, डॉक्टर भी उस से ऊब गया गया था और उसकी बहन को फ़साने की कोशिश करने लगा। ऐसे में उसने डॉक्टर को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। इसी क्रम में 15 जुलाई 2013 को डॉक्टर ने महिला को बुलाया, लेकिन महिला उस दिन तैयार नहीं थी। इसलिए दोबारा मिलने की तारीख 21 जुलाई तय की गई। फिर महिला पूरी तैयारी के साथ डॉक्टर के बताए अनुसार राही पर्यटन स्थल पर पहुंच गई।
महिला ने बताया कि उसके आने के ढाई घंटे बाद जब डॉक्टर आया तो उसने पहले उसे नशीली गोलियां मिलाकर शराब पिलाई और जैसे ही वह नशे में बेहोश हो गया तो उसने उसके बैग से कैंची चाकू निकालकर उस पर कई बार वार किये। इससे डॉक्टर की मौके पर ही मौत हो गयी। महिला ने बताया था कि डॉक्टर की मौत के बाद उसने उसी कैंची और चाकू से उनका प्राइवेट पार्ट काट दिया और फिर उनके खून से दीवार पर लिखकर पीछे वाले रास्ते बाहर निकल गई।
कानपुर लौटने के बाद उसने डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट डॉक्टर की पत्नी के पते पर कोरियर कर दिया। इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया था। जिसके बाद एडीजे प्रथम की अदालत ने 23 सितंबर 2016 को महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। हालांकि महिला ने जिला अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन जिला अदालत ने अर्जी खारिज कर दी। इसके बाद महिला ने अपने वकील के माध्यम से हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की। महिला के वकील सीपी शुक्ला ने कहा कि महिला के खिलाफ कोई अन्य आपराधिक मामला नहीं है। इसलिए कोर्ट ने 50-50 हजार रुपये की दो जमानतें दाखिल करने पर जमानत देने का आदेश दिया है।