UP : संभल हिंसा मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बड़ा एक्शन! चौराहों पर लगेंगे पत्थरबाजों के पोस्टर, उपद्रवियों से होगी वसूली

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल के मामले में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे, वसूली होगी और इनाम भी जारी किया जा सकता है।
 
उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर भड़की आग थोड़ी ठंडी पड़ने लगी है। लेकिन, इसको लेकर सियासत गरमा गई है। इस बीच पुलिस प्रशासन ने 3 महिलाओं समेत 27 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। साथ ही पुलिस ने 21 आरोपियों के फोटो भी जारी किए हैं। इसके अलावा पथराव कर रहे उपद्रवियों की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई है। READ ALSO:-उत्तर प्रदेश में गहरा सकता है बिजली संकट, निजीकरण के खिलाफ बिजली विभाग के कर्मचारी करेंगे विरोध प्रदर्शन

 

कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि वीडियो और फोटो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। अब तक 74 आरोपियों की पहचान हो चुकी है। दूसरे जिलों के लोगों के शामिल होने की भी जानकारी मिल रही है। सभी दिशाओं में जांच चल रही है। हिंसा में संभल पुलिस ने जिन 27 आरोपियों को जेल भेजा है, उनमें दो महिलाएं रुकैया, फरमाना और एक युवती नजराना शामिल हैं। 

 

उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि पथराव करने वालों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएंगे, वसूली की जाएगी और इनाम भी जारी किया जा सकता है। उपद्रवियों और अपराधियों के खिलाफ नुकसान की भरपाई और पोस्टर लगाने का अध्यादेश पहले ही जारी किया जा चुका है। यूपी के मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा, "योगी सरकार में उत्तर प्रदेश में दंगे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इसके पीछे जो लोग हैं, उनके खिलाफ राज्य सरकार सख्त कार्रवाई करेगी। न्याय दिलाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है... समाजवादी सरकार के कार्यकाल में ऐसा जरूर हुआ होगा कि पुलिस डबल हथियार रखती थी।"

 

'सरकार को बदनाम करने की यह एक सुनियोजित साजिश थी'
संभल के प्रभारी मंत्री धर्मवीर प्रजापति कहते हैं, "प्रदेश में शांति व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए... कानून व्यवस्था बिगाड़ने और सरकार को बदनाम करने की यह एक सुनियोजित साजिश थी... फिलहाल वहां माहौल शांतिपूर्ण है, बाजारों में दुकानें भी खुली हैं।"

 

दंगाइयों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए ईंटों और डंडों से सीसीटीवी तोड़ दिए
संभल हिंसा मामले में एक और तथ्य सामने आया। पता चला कि दंगे से पहले जामा मस्जिद के रास्ते पर लगे कैमरों की बाकायदा रेकी की गई थी। रेकी के बाद दंगे से ठीक पहले कैमरों को निशाना बनाया जाना था, ताकि किसी भी हालत में पहचान की गुंजाइश न रहे। पुलिस द्वारा ड्रोन से की गई जांच में सीसीटीवी फुटेज में कुछ युवक सीसीटीवी कैमरे की ओर इशारा करते हैं और कुछ ही देर में ईंट मारकर उसे तोड़ देते हैं। इसके अलावा एक व्यक्ति डंडे से दूसरे सीसीटीवी को तोड़ता हुआ दिखाई देता है। 

 

संभल की घटना पर प्रशासन की जांच पर मुरादाबाद कमिश्नर अनंजय कुमार सिंह ने कहा, "कल तक घटना में 3 नाबालिगों के नाम सामने आए हैं। हम सिर्फ नाबालिगों की काउंसलिंग कर रहे हैं। इसके अलावा अब तक गिरफ्तार किए गए 27 लोगों के बारे में हम कोर्ट के जरिए कानूनी कार्यवाही पूरी कर रहे हैं... एक खतरनाक चाकू मिला है। जो अवैध हथियार हमें मिल रहे हैं, उन्हें बरामद किया जा रहा है।" उन्होंने कहा, "मृतकों के परिजनों को बुलाया गया है। अगर वे एफआईआर दर्ज कराते हैं तो हम भी एफआईआर दर्ज कराएंगे। यह दुखद है कि 4 लोगों की हत्या कर दी गई।" 

 

संभल हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, ''प्रदेश में कानून का शासन है, बाबा साहब डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान में जो व्यवस्था है, उसके अनुसार सरकार काम कर रही है। अगर कोई कानून को अपने हाथ में लेगा तो उसे बख्शा नहीं जाएगा। किसी भी निर्दोष के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी, दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।''

 

संभल में स्कूल-कॉलेज खुले, शाम 4 बजे के बाद इंटरनेट सेवा खुलने की संभावना
संभल में हिंसा और बवाल के बाद एहतियात के तौर पर स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी। मंगलवार को हालात सामान्य होने पर स्कूल-कॉलेज खोल दिए गए, लेकिन इंटरनेट सेवा को अभी बंद रखा गया है। आज शाम 4 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। माना जा रहा है कि प्रशासन आज हालात का आकलन करने के बाद शाम को फिर से इंटरनेट सेवा बहाल करने का फैसला ले सकता है।