उत्तर प्रदेश में बंद होंगे सरकारी मदरसे! High Court के फैसले से बढ़ सकती हैं मुश्किलें

उत्तर प्रदेश में बंद होंगे सभी सरकारी मदरसे। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड एक्ट को असंवैधानिक करार दिया है। हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा कि यह धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने को कहा है। 
 
असम के बाद अब उत्तर प्रदेश के मदरसे हाईकोर्ट के फैसले के बाद मदरसे बंद हो सकते हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा अधिनियम 2004 में मुलायम सिंह की सरकार के दौरान बनाया गया था। इस कानून के तहत उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड का गठन किया गया। बोर्ड में अध्यक्ष से लेकर सदस्यों तक केवल एक ही धर्म विशेष यानि मुस्लिमों को रखा गया। उसमें भी शिया और सुन्नी मुसलमानों के लिए कोटा तय किया गया था। हाई कोर्ट ने इसे संविधान के खिलाफ माना। इसे अनुच्छेद 14 के तहत समानता के अधिकार के खिलाफ माना गया। इसीलिए इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बोर्ड को असंवैधानिक घोषित कर दिया है। इसे धर्मनिरपेक्षता के ख़िलाफ़ माना जाता है। READ ALSO:-मेरठ : पत्र भेजकर कारोबारी से मांगी 20 लाख रुपये की रंगदारी, लिखा-रकम नहीं मिली तो...परिवार को खत्म कर देने की धमकी;

 

आपको बता दें कि लखनऊ के वकील अंशुमान सिंह ने अक्टूबर 2023 में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। 

 

कोर्ट ने कहा कि मदरसा बोर्ड संविधान के अनुच्छेद 21 और 21ए के भी खिलाफ है, जिसमें बच्चों को मुफ्त स्कूली शिक्षा का अधिकार दिया गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मदरसे बच्चों से फीस वसूल रहे हैं। इसके साथ ही कुछ मदरसों में उच्च शिक्षा भी दी जाने लगी। हालाँकि, इसके लिए यूजीसी से मान्यता की आवश्यकता है।

 

पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
पूर्व अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकारी मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को दूसरे स्कूलों में पढ़ाने का आदेश दिया है। उत्तर प्रदेश में कुल 26 हजार मदरसे हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 598 ही सरकारी मदरसे है। हाई कोर्ट का फैसला सिर्फ सरकारी मदरसों पर लागू होगा। BJP ने इस फैसले का स्वागत किया है। 

 

उत्तर प्रदेश के मौलाना और उलेमा कह रहे हैं कि मदरसे बंद नहीं होने चाहिए।  हालांकि, उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती नहीं देने का फैसला किया है। 

 

विदेशी फंडिंग की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया
यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में इस्लामिक शिक्षा संस्थानों का सर्वेक्षण करने के फैसले के महीनों बाद आया है। सरकार ने मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच के लिए पिछले अक्टूबर में एक विशेष जांच दल (SIT) का भी गठन किया था।