दिल्ली में जमकर फोड़े गए पटाखे, मेरठ, मुरादाबाद, हापुड़ और संभल में सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI खतरे के स्तर पर पहुंचा

 दिल्ली की तरह ही उत्तर प्रदेश में भी दिवाली पर खूब पटाखे फोड़े गए, जिससे उत्तर प्रदेश के कई शहरों में वायु प्रदूषण (UP AQI) का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। 
 
दिल्ली की तरह ही दिवाली पर उत्तर प्रदेश में भी खूब पटाखे फोड़े गए. इससे यूपी के कई शहरों में वायु प्रदूषण (UP Aqi) का स्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। खासकर दिल्ली से सटे मेरठ, मुरादाबाद, हापुड़ और संभल में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। READ ALSO:-दिवाली के तुरंत बाद गैस सिलेंडर के दाम में आया भारी उछाल, रातों-रात इतने बढ़ गए दाम

 

आपको बता दें कि दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद दिवाली पर जमकर पटाखे फोड़े गए. इसका नतीजा ये हुआ कि देश की राजधानी में वायु प्रदूषण 300 के खतरनाक स्तर को पार कर गया। दिल्ली के कई इलाकों में AQI 350 के स्तर को भी पार कर गया. इसके साथ ही लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में दिक्कत होने लगी।  

 

वहीं इसका असर दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के जिलों पर भी देखने को मिला. दिल्ली के वायु प्रदूषण का असर सबसे ज्यादा मेरठ, मुरादाबाद, हापुड़ और संभल में देखने को मिला। यहां भी वायु प्रदूषण का स्तर 300 से ऊपर रहा। कई जिलों में प्रदूषण का स्तर 350 के स्तर से ऊपर पहुंच गया।

 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, संभल में एक्यूआई 384, मुरादाबाद में 373, मेरठ में 326 और हापुड़ में 312 तक पहुंच गया है। दिवाली के दौरान यहां हवा की गुणवत्ता खराब हो गई। एक्यूआई में बढ़ोतरी का कारण अत्यधिक पटाखे फोड़ने से होने वाला वायु प्रदूषण माना जा रहा है। यह खतरे का स्तर है।

 

उत्तर प्रदेश के इन जिलों में भी बढ़ा वायु प्रदूषण 
दिवाली की रात लखनऊ का प्रदूषण स्तर 174 तक पहुंच गया। गाजियाबाद में एक्यूआई 299, बुलंदशहर में 286, नोएडा में एक्यूआई 273, कानपुर में 210 और आगरा में एक्यूआई 160 तक पहुंच गया। उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में एक्यूआई में बढ़ोतरी स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय है।

 

आपको बता दें कि 300 से अधिक एक्यूआई खतरनाक की श्रेणी में आता है। अगर यह 400 से ऊपर पहुंच जाता है तो यह बेहद खतरनाक की श्रेणी में आता है। बढ़े हुए AQI की वजह से सांस लेने में दिक्कत, स्मॉग समेत कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हर साल दिवाली पर ज्यादा पटाखे फोड़ने की वजह से यह परेशानी आती है। सरकार को हर बार इससे जूझना पड़ता है। इस बार दिवाली पर इसकी शुरुआत हो गई है।