उत्तर प्रदेश में 25% तक सस्ती हो सकती है बिजली, उपभोक्ताओं को बस करना होगा इतना काम, आइए जानते हैं क्या है योजना
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं को महंगी बिजली के बदले सस्ती बिजली का तोहफा दे सकता है। यूपी में बिजली 25 फीसदी तक सस्ती हो सकती है।
Nov 20, 2024, 09:00 IST
उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन उपभोक्ताओं को महंगी बिजली की जगह सस्ती बिजली का तोहफा दे सकता है। उत्तर प्रदेश में बिजली 25 फीसदी तक सस्ती हो सकती है। इसके लिए कई ऐसे उपाय किए जा रहे हैं, जिनके नतीजे बेहतर रहे तो यूपी के उपभोक्ताओं को भी अन्य राज्यों की तरह सस्ती बिजली का तोहफा मिल सकता है। इसमें उपभोक्ताओं का सहयोग बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं क्या है योजना।READ ALSO:-उत्तर प्रदेश के ये क्रिकेटर इंडियन प्रीमियर लीग का होंगे हिस्सा, लखनऊ सुपरजाइंट्स की भी पूरी टीम होगी नई
सौर ऊर्जा उत्पादन बढ़ने के साथ ही उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद ऊर्जा विभाग उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया करा सकता है। बिजली कंपनियों को सबसे ज्यादा नुकसान पीक आवर्स यानी शाम 6 बजे से रात 10 बजे के बीच महंगी बिजली खरीदने से होता है। पीक आवर्स से पहले और बाद में ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने के लिए उपभोक्ताओं के बीच अभियान चलाया जाएगा। ऐसा होने पर बिजली कंपनियां सस्ती बिजली मुहैया कराने की योजना तैयार कर सकेंगी।
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी हमें दिन में सौर ऊर्जा से बनने वाली सस्ती बिजली 2.5 से 3 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिलती है। उपभोक्ता यदि दिन में ही अपने बिजली खपत वाले अधिकांश काम निपटा लें तो सस्ती बिजली उपलब्ध कराने में कोई विशेष कठिनाई नहीं होगी। पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं के परिसरों में स्मार्ट मीटर लगने के बाद हर समय बिजली की मांग और खपत का डाटा उपलब्ध रहेगा। इससे बिजली खपत का प्रबंधन कठिन नहीं होगा।
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण का मानना है कि पावर एक्सचेंज से काफी महंगी बिजली खरीदकर पीक आवर में आपूर्ति करनी पड़ती है। इस बिजली की कीमत नौ से दस रुपये प्रति यूनिट तक होती है। वहीं, प्रदेश में बिजली की मांग अपने चरम पर होती है। प्रदेश के लोगों को इस पीक आवर में यथासंभव कम बिजली खर्च करने की आदत डालनी चाहिए। पीक आवर से पहले और बाद में अधिक बिजली खपत वाले काम करने पर ध्यान देना होगा। ऐसा होने पर उपभोक्ताओं को 25 फीसदी कम दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।
इन बिंदुओं पर हो रहा काम
- यूपीनेडा ने बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क स्थापित किया है। इस पार्क से बिजली निकालने के लिए 20 ट्रांसमिशन सबस्टेशन बनाए जा रहे हैं।
- उत्तर प्रदेश ने अक्षय ऊर्जा के उत्पादन के लिए एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी के साथ संयुक्त उद्यम कंपनी बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने 2030 तक अनुमानित बिजली का 88 फीसदी सौर ऊर्जा से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, जिसकी क्षमता करीब 23.5 गीगावाट होगी।
अधिकारीयों का क्या कहना है
ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाकर और स्मार्ट मीटर लगाकर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराई जा सकती है। सौर ऊर्जा से बिजली सस्ती मिलती है। उनका कहना है कि बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारना बड़ी चुनौती है। घाटे को कम करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। विभागीय कर्मचारियों को आर्ट एआई जैसी उन्नत तकनीक की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।
ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नरेंद्र भूषण का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाकर और स्मार्ट मीटर लगाकर उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मुहैया कराई जा सकती है। सौर ऊर्जा से बिजली सस्ती मिलती है। उनका कहना है कि बिजली वितरण कंपनियों को घाटे से उबारना बड़ी चुनौती है। घाटे को कम करने के लिए तकनीक का सहारा लिया जाएगा। विभागीय कर्मचारियों को आर्ट एआई जैसी उन्नत तकनीक की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।