बुलंदशहर : दूध खरीदने वाले सावधान! रिफाइंड, ग्लूकोज और निरमा से बनाया जा रहा 'सफेद जहर', 1400 लीटर मिलावटी दूध कराया नष्ट

जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नकली दूध बनाने वाले रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 1400 लीटर नकली दूध नष्ट कराया है। मौके से दूध के नमूने भी लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। बताया जा रहा है कि डेयरी के नाम पर संचालित दूध कलेक्शन सेंटर संचालक नकली दूध बनाकर सप्लाई कर रहा था।
 
भारत में हर घर में दूध की मांग है। अधिक मांग के कारण बाजार में भारी मात्रा में नकली दूध उपलब्ध है। हालात ये हैं कि दिल्ली-एनसीआर में नकली दूध से भरे टैंकर सप्लाई किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में नकली दूध से भरा एक टैंकर पकड़ा गया है। दूध के रूप में 'सफेद जहर' के बाजार में पहुंचने से पहले ही 1400 लीटर दूध को एक गड्ढे में फेंक दिया गया।READ ALSO:-UP : गोंडा में बड़ा रेल हादसा, चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पलटे; 4 यात्रियों की मौत, 26 गंभीर रूप से घायल

 

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में बनाया जा रहा था नकली दूध
खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में नकली दूध पकड़ा है। यह नकली दूध केमिकल मिलाकर तैयार किया जा रहा था और दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई किया जा रहा था। इस मामले में 1400 लीटर नकली दूध नष्ट किया गया और 4 सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं।

 


नकली दूध रिफाइंड, ग्लूकोज, सर्फ से बनाया जा रहा था 
आरोपी के घर से 15 किलो सर्फ पाउडर, 150 लीटर लिक्विड ग्लूकोज, 15 लीटर रिफाइंड ऑयल मिला। इसके साथ ही एक बर्तन में खुला रिफाइंड ऑयल और दूध मिला। सभी सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद केस दर्ज किया जाएगा।

 

कहां खपाया जाता है नकली दूध?
खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने बातचीत में बताया कि सबसे ज्यादा नकली दूध दूध डेयरियों में खपाया जाता है, इसके बाद नकली दूध होटलों और ढाबों पर दिया जाता है।

 

नकली दूध में रिफाइंड, ग्लूकोज, सर्फ का इस्तेमाल क्यों किया जाता है?
खाद्य सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक नकली दूध को चिकना बनाने के लिए रिफाइंड का इस्तेमाल किया जाता है, जबकि ग्लूकोज का इस्तेमाल मीठा बनाने के लिए किया जाता है। सर्फ का इस्तेमाल सफेद झाग बनाने के लिए किया जाता है।

 

अधिकारियों के मुताबिक शेखपुर गढ़वा गांव में आरोपियों ने दो कलेक्शन सेंटर बना रखे हैं। सेंटर के रिकॉर्ड के मुताबिक पशुपालकों की ओर से हर रोज करीब 270 लीटर दूध सेंटर को दिया जा रहा था, जबकि आरोपी हर रोज 400 लीटर दूध डेयरी को सप्लाई कर रहा था। कुबेर डेयरी से जिस टैंकर से दूध की सप्लाई की जा रही थी, उसी टैंकर से दूसरे गांवों से भी दूध इकट्ठा किया जा रहा था। 

 

इसके चलते मंगलवार को विभिन्न सेंटरों से इकट्ठा किए गए कुल 1400 लीटर दूध को अधिकारियों की टीम ने जमीन में गड्ढा खोदकर नष्ट कर दिया। बताया जा रहा है कि इस 1400 लीटर दूध में से करीब 1100 लीटर दूध की सप्लाई पशुपालकों द्वारा ही की जाती थी, जबकि इसमें 300 लीटर नकली दूध बनाकर मिला दिया जाता था।

 

जिले में नकली दूध, खोया, पनीर बनाने का गोरखधंधा फल-फूल रहा है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने पिछले दिनों शिकारपुर में एक दुग्ध संकलन केंद्र पर नकली दूध बनाते रंगे हाथ पकड़ा था, जबकि खुर्जा, ककोड़ में भी नकली खोया, पनीर, घी बनाने का भंडाफोड़ हुआ था। इसके अलावा शहरी क्षेत्र में भी नकली खाद्य सामग्री बनाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।

 

सिकंदराबाद की गज डेयरी के संचालकों ने एक संकलन केंद्र द्वारा नकली दूध की सप्लाई की सूचना दी थी। मौके पर पहुंचकर एक वाहन को पकड़ लिया गया। चालक द्वारा दी गई सूचना के आधार पर कुबेर डेयरी पर जांच की गई। जहां से शेखपुर गढ़वा गांव में केंद्र संचालित होने की जानकारी मिली। मौके पर नकली दूध बरामद हुआ है। सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए हैं। गाड़ी में मिले 1400 लीटर दूध को नष्ट कर दिया गया है। - विनीत कुमार, सहायक आयुक्त खाद्य एवं सुरक्षा विभाग

 

खाद्य सुरक्षा के लिए चुनौती बने नकली मावा और घी
खाद्य सुरक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमने गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की। जांच के दौरान हमने 1400 लीटर नकली दूध जब्त कर उसे तुरंत नष्ट कर दिया। साथ ही, हमने कुछ नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजे हैं।" यह घटना दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ महीनों में नकली मावा और घी के मामले सामने आने के बाद यह तीसरा बड़ा मामला है, जो इस क्षेत्र में खाद्य पदार्थों में मिलावट के बढ़ते खतरे को दर्शाता है।