'सनातन' विवाद के बीच मुख्यमंत्री योगी की पहली प्रतिक्रिया, 'रावण-औरंगजेब जिनका कुछ नहीं बिगाड़ सके, तो ये तुच्छ लोग...देखें Video 

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मानवता के धर्म यानी सनातन धर्म पर उंगली उठाना मतलब मानवता को संकट में डालने का कुंठित प्रयास है। 
 
सनातन धर्म पर DMK नेता उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचे बवाल के बीच मुख्यमंत्री योगी की पहली प्रतिक्रिया आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जिसने भी सनातन धर्म को चुनौती दी, वह गायब हो गया। मुख्यमंत्री योगी ने 'कृष्ण जन्माष्टमी' के मौके पर लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'भारत की सनातन परंपरा पर उंगली उठाने की कोशिश की जा रही है। विरासत का अपमान करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन सब भूल गए कि जो सनातन रावण के अहंकार से नहीं मिटा, जो सनातन कंस की दहाड़ से नहीं डिगा, जो सनातन बाबर और औरंगजेब के अत्याचारों से नहीं मिटा, वो सनातन इन तुच्छ सत्ता परजीवी जीवों से क्या मिट पाएगा। उन्हें खुद अपने किये पर शर्म आनी चाहिए। Read Also:-6 राज्यों की 7 विधानसभा सीटों के चुनाव, UP के घोसी से समाजवादी पार्टी आगे; BJP 4, कांग्रेस-JMM एक-एक सीट पर आगे

'मानवता को ख़तरे में डालने की कुंठित कोशिश'
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मानवता के धर्म यानी सनातन धर्म पर उंगली उठाना मतलब मानवता को संकट में डालने का कुंठित प्रयास है। उन्होंने कहा कि याद रखें दुनिया में ऐसा कौन सा धर्म और समुदाय है, जिसकी संकट की घड़ी में सनातन धर्म के अनुयायियों ने उनकी रक्षा के लिए काम नहीं किया है। हमने कभी नहीं कहा कि हम विशेष हैं। इतना सब होने पर भी यदि न समझने वाला व्यक्ति अपनी मूर्खता के कारण सूर्य की ओर थूकने का प्रयास करेगा तो उसका थूक वहां तक नहीं पहुंचेगा। यह उसके सिर पर ही गिरेगा। इससे उन्हें और उनकी आने वाली पीढ़ियों को शर्मसार होना पड़ेगा।'

 

 

उदयनिधि ने क्या कहा था?
एक दिन पहले, राज्य के युवा कल्याण मंत्री और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की युवा शाखा के सचिव उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म 'समानता और सामाजिक न्याय' के खिलाफ है और कहा था कि इसे खत्म किया जाना चाहिए। उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, डेंगू वायरस और मच्छरों से होने वाले बुखार से की और कहा कि ऐसी चीजों का विरोध ही नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें खत्म करना चाहिए।